बदायूं- रेप केस जंहा मंदिर में पूजा करने गई एक महिला के साथ पुजारी व उसके साथियों ने मिलकर रेप किया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी, इस घटना ने एक बार फिर हम सब को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम ऐसा देश ऐसा समाज दे रहे हैं अपनी आने वाली पीडी को जंहा एक साल की बच्ची से लेकर सत्तर साल की महिला तक सुरक्षित नही है, हाल ही की घटना इस और इशारा करती है की हमारे देश में कोई भी सुरक्षित नही है, हम सब बस दो दिन तक ऐसी घटनाओं को याद रखते हैं और क्या करते हैं ज्यादा से जायदा केंडल मार्च निकाल देते हैं और एक दिन की शोक सभा रख लेते हैं, पर सवाल फिर भी वंही’ का वंही रहता है कि इस सबसे होता क्या है, क्या पीड़ित परिवार को उसका सदस्य वापस मिल जाता है!
हम सबको मिलकर सरकार के उपर दवाब बनाना होगा की ऐसी चीजों को रोका जाए जिससे ऐसी घटनाएँ न हों, इसके लिए केंद्र में बेठी सरकार कठोर कानून लेकर आए और ऐसी चीजों पर सरकार रोक लगाए जिससे यह सब घटनाएँ होती हैं, इनमें बहुत हद तक आजकल दिखाई जा रही नग्नता भी है टीवीशो ओर आजकल की फिल्मों में अभद्र भाषा का प्रयोग भी कुछ हद तक जिम्मेदार है और हमारा कुंठित समाज बहुत हद तक जिम्मेदार है इन घटनाओं के लिए कुछ कुंठित मानसिकताओं की वजह से कोई भी लड़की सुरक्षित महसूस नही करती है,
ऐसा कब तक होता रहेगा क्या कभी हमने अपने दिल पर हाथ रखकर यह सोचा है की यह घटना हमारे किसी परिवार के सदस्य के साथ हुई होती तो केसा लगता, क्या पता कल हमारे बेटी के साथ कुछ ऐसा हो जाए, रेप की घटनाओं पर चुप्पी साधने का वक्त नही है अब, अब जो जिम्मेदार हैं उन्हें सजा दिलाने को पीड़ित परिवार के साथ खड़ा होने की जरुरत है, में तो कहता हूँ की ऐसे लोगों को सीधे गोली मरने के आदेश हों,
बस अब और नही जलेंगी हमारी बेटियां, हमें ऐसा देश ऐसा समाज देना है जिसमे किसी भी बहन बेटी को अकेले आने जाने में डर नही लगे, उन्हें डर न हो कि उनके साथ ऐसा हो जाता है, हमारे देश में आज महिलाएं पुरुषो के कंधे से कन्धा मिलाकर चलती हैं, आज सभी छेत्रों में महिलाएं पुरुषो के साथ मिलकर काम कर रही हैं, ऐसे दौर में भी रेप की घटनाएँ हमें सोचने पर मजबूर कर देती हैं की क्या हम उसी देश से हैं जों ऋषि मुनियों का देश कहलाता है,
प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश को जंगलराज न बनने दे लॉ एंड आर्डर को अपने अंडर रखें बस सिर्फ जांच का गोलमोल लड्डू प्रदेश की जनता को न दें रिजल्ट जरूरी है, मेने अपने सभी लेखों में कठोर कानून की मांग की है और आज फिर से में इस मांग को दोहराता हूँ की महिलाओं के लिए कानून लेकर आएं जिसमे रेप हुआ है साबित होते पर तुरंत फांसी का प्रावधान हो, न कोई अपील और न कोई दलील और न ही माननीय राष्ट्रपति से किसी भी प्रकार का कोई भी सजा माफी में कोई छूट हो, आज देश को ऐसे कानून की जरूरत है जिससे सोच कर ही ऐसे लोगों को डर लगने लगे,
याद रहे क्या पता अगला नम्बर किसका हो हम सब को एक बार फिर सबको इस वारे में सोचने की जरुरत है, में जितेन्द्र सनातनी सभी जनमानस से अपील करता हूँ की किसी भी अकेली लड़की को अपनी जिम्मेदारी समझें मोका नही, और ऐसे दरिंदों को जन्हा भी मिले तुरंत सजा दें, याद रहे राजनीती के चलते किसी को भी सपोर्ट करें पर रेपिस्ट को नहीं, क्यंकि राजनीती आपकी बहन बेटिओं से बढकर नही है,