देहरादून- आज Ashok Kumar IPS, DGP द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जनपद देहरादून, हरिद्वार, चमोली एवं ऊधमसिंहनगर के विभिन्न शिकायती प्रकरण जहां शिकायतकर्ता जनपद पुलिस द्वारा की गयी जांच/विवेचना से संतुष्ट नहीं थे, की समीक्षा की गयी। वीडियो कान्फ्रेसिंग में सम्बन्धित जनपद प्रभारी, क्षेत्राधिकारी, जांच अधिकारी, विवेचना अधिकारी और शिकायतकर्ता यथास्थान से मौजूद रहे।
समीक्षा के दौरान जनपद देहरादून के प्रकरण में कौलागढ़ निवासी एक महिला ने अपने पति के साथ हुई घटना के सम्बन्ध में थाना पटेलनगर पुलिस द्वारा हल्की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करने के आरोप लगाए जाने सम्बन्धी शिकायती प्रार्थना पत्र पुलिस मुख्यालय प्रेषित किया गया था। जिस सम्बन्ध में मुख्यालय द्वारा करायी गयी जांच में अभियुक्तों के विरूद्ध विभिन्न थानों में अभियोग पंजीकृत होना पाया गया।
DGP Sir द्वारा प्रकरण से सम्बन्धित जांच पत्रावली की समीक्षा एवं सभी उपस्थित जनों का पक्ष सुनने के पश्चात सम्बन्धित विवेचना अधिकारी को दोषपूर्ण मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने, प्रकरण की जांच स्तर बढ़ाने की हिदायत देते हुए क्षेत्राधिकारी सदर को चेतावनी दी गयी। साथ ही प्रकरण की जांच सक्षम अधिकारी से कराते हुए 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रेषित करने हेतु SSP, देहरादून को निर्देशित किया गया है।
जनपद ऊधमसिंहनगर के प्रकरण में खड़कपुर निवासी एक महिला ने कारागार सितारगंज के बंदी रक्षकों पर सजायाफ्ता बंदीयों के घर की महिलाओं का टेलीफोन नम्बर प्राप्त कर उनसे अश्लील बातें करना, बंदीयों को जेल में मोबाइल, ब्लूटूथ, नशीले पदार्थ उपलब्ध कराने हेतु पैसे की सौदेबाजी करने और पैसे एकाउन्ट में मांगने का आरोप लगाए जाने सम्बन्धी शिकायती प्रार्थना पत्र पुलिस मुख्यालय प्रेषित किया गया था।
DGP Sir द्वारा प्रकरण से सम्बन्धित जांच पत्रावली की समीक्षा एवं सभी उपस्थित जनों का पक्ष सुनने के पश्चात कहा कि प्रार्थना पत्र में आरोप गंभीर प्रवृति के हैं, लेकिन इसकी कोई जांच नहीं हुई। मात्र समझौते के आधार पर जांच को समाप्त कर दिया गया। जांच में न ही काॅल रिकार्डिंग और न ही बंदी रक्षकों के बैंक खातों को चैक किया गया। आरोपों की जांच गहराई से करनी चाहिए थी। प्रकरण की जांच स्तर बढ़ाने की हिदायत देते हुए क्षेत्राधिकारी सितारगंज को चेतावनी दी गयी। साथ ही प्रकरण की जांच एसओजी से भी कराने हेतु SSP, ऊधमसिंहनगर को निर्देशित किया गया है।
जनपद हरिद्वार के प्रकरण में मंगलौर निवासी राजू त्यागी द्वारा अपनी नाबालिग पुत्री को 02 माह से अधिक समय होने के बाद भी बरामद नहीं कर पाने सम्बन्धी शिकायती प्रार्थना पत्र पुलिस मुख्यालय प्रेषित किया गया था। जिस सम्बन्ध में DGP Sir द्वारा सम्बन्धित विवेचना को दूसरे थाने के सक्षम विवेचाधिकारी को स्थानान्तरित करते हुए नाबालिग को शीघ्र बरामद करने हेतु SSP, हरिद्वार को निर्देशित किया।
इसके अतिरिक्त महिला संरक्षण समिति, चमोली द्वारा प्रेषित एक शिकायती प्रार्थना पत्र में मुख्यालय द्वारा करायी गयी जांच में तत्समय एसओजी प्रभारी की संलिप्ता प्रकाश में आने पर DGP Sir द्वारा उक्त उपनिरीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु SP, चमोली को निर्देशित किया गया है।