Haldwani – प्रदेश में नर्सेज के 2621 पदों की वर्ष वार नियुक्ति की मांग को लेकर 3 दिन भूख हड़ताल में बैठकर युवा समाजसेवी इंटरनेशनल यूथ आईकॉन अवॉर्ड से सम्मानित भूपेंद्र कोरंगा ने समर्थन दिया था लेकिन नर्सेज आंदोलनकारियों की इस मांग को सरकार द्वारा कोई सुध नहीं ली गई। जिसके बाद अब ऐलिंग वेलफेयर नर्सेज फाउंडेशन ने अब मजबूर होकर हल्द्वानी से देहरादून सचिवालय तक पैदल यात्रा के माध्यम से सरकार को अपनी बात मनवाने एवं सरकार को आईना दिखाने का कार्य शुरू कर दिया है।
भूपेंद्र कोरंगा भी हल्द्वानी से लेकर देहरादून सचिवालय तक पैदल यात्रा करके इस आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। भूपेंद्र कोरंगा का कहना है कि जहां आज इन नर्सेज भाई बहनों को हॉस्पिटल में रहकर अपनी सेवा प्रदेश की जनता को देनी चाहिए थी, वही दुर्भाग्यवश उत्तराखंड की सरकार ने इन युवाओं को सड़क में आने को मजबूर कर दिया है।
भूपेंद्र कोरंगा ने उत्तराखंड की आम जनमानस से भी निवेदन किया कि वह भी इस आंदोलन में अपना समर्थन देकर नर्सेज भाई बहनों की आवाज को बुलंद करें, क्योंकि यह मुद्दा उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधा से जुड़ा हुआ है जो सभी उत्तराखंड के लोगों के लिए आवश्यक है।
सरकार को घेरते हुए भूपेंद्र कोरंगा ने कहा कि जहां एक तरफ कोरोना काल के समय नर्सों के सम्मान में प्रधानमंत्री जी द्वारा ताली थाली बजाई एवं दिए जलाए गए, वही आज इन नर्सों का हक सरकार छीन रही है। और सभी नर्सों को अपना काम छोड़कर भूख हड़ताल और पदयात्रा करके अपनी जायज मांगों की मांग करनी पड़ रही है।
भूपेंद्र कोरंगा ने कहा की उत्तराखंड सरकार सिर्फ 2621 पदों पर ही नहीं बल्कि संविधान की धारा 21 Right to protection of life and personal liberty तथा Right to Medical aid का संज्ञान लेते हुए 11721 रिक्त नर्सों के पदों में भर्ती सुनिश्चित करे।