थॉम्सो22′ – आई.आई.टी. रुड़की स्टूडेंट फेस्ट के दौरान 200 से अधिक छात्रों ने स्टेम सेल डोनर के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाया

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इस रजिस्ट्रेशन अभियान को डी.के.एम.एस. बी.एम.एस.टी. फाउंडेशन इंडिया ने आयोजित किया था

रुड़की –  उत्तराखंड 14 अक्टूबर 2022: ब्लड स्टेम सेल डोनेट करने के बारे में जागरूकता पैदा करने और लोगों को किसी की जान बचाने वाले व्यक्ति के तौर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, डी.के.एम.एस. बी.एम.एस.टी. फाउंडेशन इंडिया ने इन दिनों चल रहे ‘थॉम्सो22’ स्टूडेंट फेस्ट के दौरान आई.आई.टी. रुड़की में ब्लड स्टेम सेल डोनर रजिस्ट्रेशन अभियान चलाया।

इस जागरूकता अभियान के पहले दिन 200 से अधिक छात्रों ने संभावित डोनर्स के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाया। ब्लड कैंसर और खून से जुड़ी बीमारियों के खिलाफ लड़ने का काम करने वाले एक गैर-लाभकारी संस्थान, डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. को आई.आई.टी. रुड़की में चल रहे छात्रों के तीन दिनों के फ़ेस्टिवल के दौरान कई और छात्रों का रजिस्ट्रेशन करने की उम्मीद करता है।

भारत में, बहुत से बच्चे और जवान लोग ब्लड कैंसर के रोगी जिनके ठीक होने की बस एक ही उम्मीद है – स्टेम सेल ट्रांसप्लांट। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के सफल होने लिए रोगी को उसी के जैसे एक एच.एल.ए. (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) डोनर को ढूँढना पड़ता है। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले लगभग 30% रोगियों को उनके ही परिवार के लोगों में से उनसे मेल खाने वाले डोनर मिल सकते हैं, बाकी 70% रोगियों को उनसे मेल खाने वाले किसी डोनर को ढूँढने पर निर्भर होना पड़ता है जो उनका रिश्तेदार न हो।

डी.के.एम.एस. बी.एम.एस.टी. फाउंडेशन इंडिया के सी.ई.ओ. पैट्रिक पॉल ने कहा, “भारतीय मूल के रोगियों और डोनर्स के पास अनूठी एच.एल.ए. विशेषतायें होती हैं जो पूरे विश्व के डेटाबेस में बहुत ही कम दिखायी देती हैं, जिससे सही डोनर ढूँढना और भी मुश्किल हो जाता है। ब्लड स्टेम सेल के सफल ट्रांसप्लांट के लिए एच.एल.ए. टिश्यू का सही-सही मेल खाना ज़रूरी होता है। रजिस्ट्री में भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व सबसे कम है। भारत के एक युवा देश होने के नाते, हमारा उद्देश्य छात्रों के ज़रिए ब्लड स्टेम सेल डोनेट करने के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जागरूकता फैलाना है।”

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थॉम्सो’22 के कन्वीनर नितिन साहू कहते हैं, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि थॉमसो’22 डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. के साथ अपने उद्देश्य का प्रचार करने के लिए अपने ऑफिशिअल सोशल इनिशिएटिव पार्टनर के तौर पर मिलकर काम कर रहा है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा जवान और सेहतमंद लोग ब्लड सेल्स को डोनेट करने और ज़िंदगियाँ बचाने में मदद करने के लिए आगे आयें। डी.के.एम.एस.- बी.एम.एस.टी. का खून के कैंसर और खून से जुडी बीमारियों से लड़ने का उद्देश्य और मिशन है, जो काबिले तारीफ़ है। वे ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के बारे में जागरूकता फैलाकर और ब्लड स्टेम सेल डोनेट कर सकने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन करके भारत और दुनिया भर में ब्लड कैंसर और खून से जुड़ी बीमारियों के रोगियों की हालतों को बेहतर बनाने का उद्देश्य लेकर चल रहे हैं।

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कानपुर के रहने वाले 33 साल के रोहित, जिन्होंने हाल ही में अपने ब्लड स्टेम सेल्स को दान करके एक ज़िंदगी को बचाया, अपने अनुभव के बारे में बताने और छात्रों को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए प्रेरित करने के लिए भी वहाँ मौजूद थे। डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. की टीम ने छात्रों को ब्लड कैंसर से पीड़ित लोगों पर स्टेम सेल डोनेशन और ट्रांसप्लांटेशन के प्रभाव के बारे में भी बताया।

पैट्रिक पॉल ने कहा, “रजिस्ट्रेशन ड्राइव का आयोजन करने में हमारी मदद करने के लिए हम आई.आई.टी. रुड़की और उसके छात्रों के आभारी हैं। डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. का लक्ष्य देशभर के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीयों में खास तौर पर जवान लोगों को ध्यान में रखते हुए ऐसी कई जागरूकता ड्राइव्स और रजिस्ट्रेशन ड्राइव्स आयोजित करना है, क्योंकि वे लंबे समय तक रजिस्ट्री में रहते हैं और उनके स्टेम सेल के जल्दी से मेल खाने की संभावना ज़्यादा होती है।”

 

स्टेम सेल डोनेट कर सकने वाले व्यक्ति के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए, आपको 18 से 50 साल की उम्र वाले एक सेहतमंद भारतीय होना चाहिए। जब आप रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए तैयार हों, तो आपको केवल एक कॉन्सेंट फॉर्म भरना होता है और अपने गालों के अंदर से स्वैब द्वारा टिश्यू सैंपल देना होता है । आपके टिश्यू सैंपल को लेबोरेटरी में भेजा जाता है, वहाँ उसका विश्लेषण किया जाता है और स्टेम सेल डोनर्स के साथ मिलाने के लिए इंटरनेशनल सर्च प्लैटफॉर्म पर बिना नाम बताए लिस्ट किया जाता है।

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इस समय, 39 मिलियन से ज़्यादा ऐसे संभावित डोनर्स को स्टेम सेल डोनर केंद्रों और रजिस्ट्रियों के साथ दुनिया भर में लिस्ट किया गया है जो किसी रोगी के रिश्तेदार नहीं हैं, जिनमें से केवल 0.04% भारतीय हैं। भारत से बहुत से संभावित ब्लड स्टेम सेल डोनर्स का रजिस्ट्रेशन करके ही इस स्थिति को बदला जा सकता है। यदि आप इसके लिए योग्य हैं, तो www.dkms-bmst.org/register पर अपने होम स्वॉब किट का ऑर्डर देकर ब्लड स्टेम सेल डोनर के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए पहला कदम उठायें।

 

डी.के.एम.एस. बी.एम.एस.टी. फाउंडेशन इंडिया के बारे में:

ब्लड कैंसर और खून से जुडी दूसरी बीमारियों, जैसे थैलेसीमिया और अप्लास्टिक एनीमिया के खिलाफ लड़ाई के लिए समर्पित एक गैर-लाभकारी संस्थान है। हमारा उद्देश्य ब्लड स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बारे में जागरूकता फ़ैलाकर और ब्लड स्टेम सेल डोनेट कर पाने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन करके भारत और दुनिया भर में ब्लड कैंसर और खून से जुड़ी दूसरी बीमारियों से पीड़ित रोगियों की स्थिति में सुधार करना है। ऐसा करके डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की ज़रूरत वाले रोगियों को ज़िंदगी में एक और मौका देता है।

डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. दो जाने-माने गैर-लाभकारी संस्थानों को मिलाकर बनाया गया एक संस्थान है: बी.एम.एस.टी. (बैंगलोर मेडिकल सर्विसेज ट्रस्ट) और डी.के.एम.एस., दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय ब्लड स्टेम सेल डोनर सेंटर्स में से एक है। अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें dkms-bmst.org

 

 

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