टपकेश्वर अभियान: स्वच्छता का संघर्ष जारी, युवाओं की ज़िम्मेदारी।

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देहरादून –  नदी सफाई में संगठित, मेकिंग ए डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस ने फिर से निभाई महत्वपूर्ण भूमिका। देहरादून के तालीमय छात्रों के साथ जुड़कर, उन्होंने टपकेश्वर मंदिर के परिसर में बहती तमसा नदी की सफाई का किया आयोजन। इस अभियान में भाग लेने के लिए मेकिंग ए डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस के स्वयंसेवकों के अलावा परिवर्तन का भी समर्थन था।

तीसरे सप्ताह से लगातार तमसा नदी की सफाई और मंदिर परिसर के ऊपर जागरूक अभियान चला रहे (मैड) संस्था के स्वयंसेवकों ने इस बार सफाई अभियान से पूर्व मंदिर समिति को अपने 5 सुझाव भी दिए थे जिस में संस्था ने उन्हें खंडित मूर्ति, प्लास्टिक सामग्री एवं कूड़े को मंदिर परिसर में ना जलाया जाए इसके संबंध में कई सुझाव दिए गए थे।
इसके अतिरिक्त संस्था द्वारा कैंटोनमेंट बोर्ड को भी यह सुझाव परिचर्चित किए गये और यह आग्रह किया गया था कि इनपे वह विचार करे।

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आज अभियान के दौरन संस्था ने कुछ जगहों को चिन्हित किया है जहां पर इस तरह का संदेश सभी श्रद्धालुओं को दिया जा सकता है कि मंदिर परिसर और तमसा नदी दोनों को साफ रखा जा सकता है।
संस्था के स्वयंसेवकों ने प्रातः काल सुबह 6:00 बजे से शुरू होने वाले सफाई अभियान में उत्साह और समर्पण से भाग लिया। इस अभियान के दौरान, वे खंडित मूर्तियों, प्लास्टिक और अन्य सामग्री को नदी से हटाकर नगर निगम के सहयोग से उसे सुरक्षित स्थान पर बुलाया। मैड संस्था के स्वयंसेवकों का इस अभियान में योगदान एक साहसिक कदम था जो नदियों के पुनर्जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
अंत में, संयुक्त नागरिक संगठन के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा संस्था में भाग लेने वाले स्वयंसेवकों के लिए सुखमय जलपान का आयोजन किया गया।

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