ऋषिकेश – टीएचडीसीआईएल द्वारा तक्षशिला सतत आजीविका एवं सामुदायिक विकास केन्द्र, ऋषिकेश में आयोजित परिवर्तनकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम एचआर रिट्रीट: नेविगेटिंग इमर्जिंग ट्रेंड्स आज संपन्न हुआ। इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए श्री आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य विद्युत क्षेत्र के कार्यबल की बढ़ती आवश्कताओं को पूर्ण करना और उन्हें आधुनिक मानव संसाधन तकनीकी समाधान प्रदान करना था।
टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुए, श्री विश्नोई ने कहा कि राष्ट्र को किफाइती 24×7 विद्युत प्रदान करने के लिए संगठन पूर्ण रूप से समर्पित है साथ ही उन्नत प्रशिक्षण विधियों और समकालीन मानव संसाधन रणनीतियों के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में नवाचार और परिवर्तन लाने में इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की महत्ता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “एचआर रिट्रीट: नेविगेटिंग इमर्जिंग ट्रेंड्स” जैसे गतिशील प्रबंधन विकास कार्यक्रम विशेष लाभकारी रहते हैं, जो सीपीएसईज के सामने आने वाली आम चुनौतियों का समाधान करने के लिए मानव संसाधन क्षेत्र के अधिकारियों को एक साथ लाता है।
श्री शैलेंद्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने प्रतिभागियों की इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर प्रतिक्रिया की सराहना की, जिसमें टीएचडीसीआईएल, एसजेवीएन, रैटल एचपीसीएल, पीजीसीआईएल, आरईसी लिमिटेड, नीपको, यूजेवीएन लिमिटेड और एनएचपीसी जैसे प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले 35 मध्य स्तर के अधिकारी शामिल थे। उन्होंने समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता करने के लिए नीपको के निदेशक (कार्मिक), मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) श्री आर.के. झा की भी सराहना की। उन्होंने कार्यक्रम में श्री झा की उपस्थिति को विशेष उपलब्धि बताया क्योंकि इससे वहाँ उपस्थित लोगों को उनके वृहद ज्ञान और अनुभव से सीखने का अवसर मिला।
कार्यक्रम की सफलता पर विचार प्रकट करते हुए श्री सिंह ने नवीनतम मानव संसाधन विकास, नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं में कौशल, रणनीतियों और गहरी अंतर्दृष्टि को हासिल करने पर जोर दिया। उन्होंने देश के विभिन्न सीपीएसई एवं अन्य क्षेत्रों के प्रतिभागियों के मध्य बने अमूल्य संबंधों के प्रभाव को भी रेखांकित किया।
मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) श्री आर.के.झा, निदेशक (कार्मिक), नीपको ने मानव संसाधन में शामिल तेजी से बदलती रणनीतियों से खुद को परिचित करने और धारण करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने संगठनात्मक प्रगति एवं लचीलेपन को प्रोत्साहित करने में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने संगठनात्मक विशेषज्ञता हासिल करने में मानव संसाधन प्रथाओं की परिवर्तनकारी क्षमता पर भी जोर दिया।
अंत में, श्री शैलेन्द्र सिंह ने सभी प्रतिभागियों, रिसोर्स पार्टनर आईआईएम सिरमौर और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की मानव संसाधन विकास टीम को उनके अथक प्रयासों और अद्वितीय समर्पण के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया, जिसने कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया।
“एचआर रिट्रीट: नेविगेटिंग इमर्जिंग ट्रेंड्स” एक आशाजनक प्रयास साबित हुआ है, जो अपेक्षित परिणाम के साथ-साथ अग्रणी ज्ञान और व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। टीएचडीसीआईएल निरंतर सुधार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा।