वित्तीय समावेशन के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को सशक्त करने के लिए अवीवा इंडिया ने उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से मिलाया हाथ

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देहरादून : अवीवा लाइफ इंश्योरेंस इंडिया ने उत्तराखंड के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूएसआरएलएम) के साथ गठजोड़ की घोषणा की है। इसके तहत उत्तराखंड में वित्तीय समावेश को बढ़ाया जाएगा और ग्रामीण परिवारों को सशक्त किया जाएगा। भारत के बीमा विनियामक इरडा ने ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ का लक्ष्य निर्धारित किया है। इरडा के लक्ष्य के अनुरूप इस रणनीतिक गठजोड़ का उद्देश्य उत्तराखंड में बीमा की कम पहुंच को बढ़ाना है। इसके लिए वित्तीय सुरक्षा (फाइनेंशियल सेफ्टी नेट) होने के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा और जीवन बीमा को वंचित समुदायों के लिए ज्यादा सुगम बनाया जाएगा।

इस पहल के माध्यम से अवीवा इंडिया का लक्ष्य भारत के बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) की राज्य बीमा योजना के तहत राज्य के प्रमुख जीवन बीमा प्रदाता के रूप में उत्तराखंड में बीमा की पहुंच बढ़ाना है। यूएसआरएलएम सामुदायिक स्तर पर अपने व्यापक नेटवर्क एवं ग्रामीण आजीविका को ऊपर उठाने के अपने मिशन के साथ इस प्रयास में सहयोग करेगा। इस पहल का उद्देश्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बीमा वाहक / वेलनेस एडवाइजर के रूप में प्रशिक्षित करते हुए अपने साथ जोड़कर उनके लिए नए अवसर सृजित करना है। ये महिलाएं अपने समुदायों में वित्तीय सशक्तीकरण की एंबेसडर बनकर सामने आएंगी।

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अवीवा इंडिया के सीईओ एवं एमडी श्री असित रथ ने कहा, “यूएसआरएलएम के साथ यह साझेदारी जागरूकता बढ़ाने, पहुंच बढ़ाने और उत्तराखंड के लोगों के लिए किफायती बीमा समाधान उपलब्ध कराने के हमारे प्रयासों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। राज्य के अग्रणी बीमा प्रदाता के रूप में हम इरडा के बीमा ट्रिनिटी फ्रेमवर्क को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके तहत जमीनी स्तर पर बीमा वाहक के रूप में महिलाओं को नियुक्त करके एवं उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य न केवल राज्य में बीमा की उपलब्धता बढ़ाना है, बल्कि इसके माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि गुणवत्तापूर्ण बीमा उत्पादों तक लोगों की बेहतर पहुंच हो। साथ ही उन्हें स्वस्थ जीवन के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा।”
बैंकिंग सखी (बैंकों की एसएचजी सदस्य) समेत एसएचजी सदस्यों को बीमा उत्पादों की बिक्री एवं उससे जुड़ी सेवाओं के बारे में प्रशिक्षित करते हुए यह साझेदारी सतत आजीविका के अवसर सृजित करने में मदद करेगी। साथ ही इससे जरूरी वित्तीय सेवाओं तक ग्रामीण आबादी की पहुंच में सुधार होगा। टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित समाधानों का लाभ लेते हुए ये महिलाएं बीमा वाहक / अवीवा वेलनेस एडवाइजर के रूप में हैंडहेल्ड डिवाइस की मदद से पॉलिसी सर्विस देने और डिजिटल लेनदेन में भी सक्षम होंगी। इससे पारदर्शिता एवं दक्षता बढ़ेगी और ग्राहकों को ज्यादा सहूलियत मिलेगी।

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अवीवा इंडिया के सीटीओ श्री ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा, “वंचित समुदायों के बीच बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशंस एवं मजबूत नेटवर्क की जरूरत होती है। अवीवा में हमने विशेष रूप से ग्रामीण एवं कम आय वाले समुदायों के बीच बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया है। एआई और भारत की डिजिटल क्षमता का लाभ लेते हुए यह प्लेटफॉर्म मात्र दो मिनट में बीमा खरीद को सक्षम बनाता है। इसके अतिरिक्त, हम एसएचजी महिलाओं एवं बैंकिंग सखियों को जरूरी टूल्स एवं उत्पादों के बारे में सभी आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान करेंगे, जिससे उन्हें बिना किसी परेशानी के फाइनेंशियल वेलनेस (वित्तीय कल्याण) के लाभ उठाने में अपने समुदाय के सदस्यों की मदद करने में आत्मविश्वास का अनुभव होगा।”

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यूएसआरएलएम के सीईओ श्री मनुज गोयल (आईएएस) ने कहा, “यह साझेदारी उत्तराखंड के ग्रामीण परिवारों को सशक्त करने के हमारे मिशन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। हमारी एसएचजी की सदस्यों और बैंकिंग सखियों को बीमा वाहक एवं वेलनेस एडवाइजर के रूप में प्रशिक्षण एवं अवसर प्रदान करते हुए अवीवा इंडिया उन्हें अपनी आजीविका में सुधार के साथ-साथ अपने समुदायों में सार्थक योगदान में भी सक्षम बनाएगी। अवीवा इंडिया के साथ मिलकर हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर ग्रामीण परिवार बीमा के माध्यम से वित्तीय रूप से सुरक्षित बने, जिससे सही अर्थों में उनका जीवन समृद्ध हो और गांवों में निखार आए।”

इस साझेदारी में आसानी से पहुंच में आने वाले किफायती बीमा उत्पादों को विकसित करने पर भी फोकस किया जाएगा, जिनसे ग्रामीण आबादी की अनूठी जरूरतों को पूरा किया जा सके। सुगमता एवं सामर्थ्य को प्राथमिकता देते हुए अवीवा इंडिया सुनिश्चित कर रही है कि वित्तीय सुरक्षा एवं स्वस्थ जीवन उत्तराखंड के सबसे दुर्गम क्षेत्रों के लोगों के लिए भी जीवन की वास्तविकता के रूप में सामने आए।

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