अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” पर SDRF उत्तराखंड पुलिस की महिला आरक्षी प्रीति मल्ल ने साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट क्लीमेंजारो को किया फतह।

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Dehradun – आज ”अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” के अवसर पर प्रीति मल्ल द्वारा सभी चुनौतियों को सफलतापूर्वक पार करते हुए साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट क्लीमेंजारो को फतह कर यह सिद्ध कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में किसी से कमतर नही है।

यह प्रथम बार है कि उत्तराखंड पुलिस की किसी महिला द्वारा साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा व SDRF उत्तराखंड पुलिस का ध्वज लहराकर देश व राज्य पुलिस का नाम रोशन किया गया है।

”प्रीति मल्ल” वर्ष 2016 से उत्तराखंड पुलिस में महिला आरक्षी के पद पर नियुक्त है तथा वर्तमान समय मे विगत 04 वर्षों से SDRF में सेवा प्रदान कर रही है। सामान्य कदकाठी की प्रीति SDRF में अपने मृदु स्वभाव व निर्भीकता के लिए जानी जाती है। अपने निर्भीक स्वभाव के कारण ही वह SDRF वाहिनी से गठित हुए ”डेयर डेविल हिमरक्षक दस्ता” का भी प्रमुख हिस्सा रही है, जहाँ एक महिला होते हुए बाइक पर हैरतअंगेज़ करतब दिखा हर किसी को दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर कर दिया गया था।

प्रीति ,विगत वर्ष माह सितबंर में SDRF द्वारा आयोजित माउंट गंगोत्री एक्सपीडिशन का हिस्सा रही और उन्होंने अपनी हिस्सेदारी को बखूबी साबित भी किया। माउंट गंगोत्री पर्वत शिखर का आरोहण करने वाले 11 सदस्यों में एकमात्र महिला प्रीति मल्ल रही और उससे भी अधिक यह कि वह उत्तराखंड पुलिस की प्रथम महिला आरक्षी बनी जिन्होंने माउंट गंगोत्री पर सकुशल SDRF उत्तराखंड पुलिस का झंडा लहराया।

प्रीति ने यह साबित कर दिखाया कि वह किसी भी मायने में किसी से कमतर नही है, यह उसके दृढ़ निश्चय का ही परिणाम था कि हर चुनौती का सामना करते हुए वह आगे बढ़ती रही। उच्च तुंगता क्षेत्र में जहाँ परिस्थितयां कभी भी विपरीत हो सकती है, चारो तरफ बर्फ के सिवा कुछ नही दिखाई देता, वहाँ प्रीति की दृष्टि सिर्फ अपने लक्ष्य की ओर बनी हुई थी, वह किसी भी परिस्थिति में अपने लक्ष्य तक पहुँचना चाहती थी ताकि वो उस विश्वास पर खरी उतर सके जो उस पर किया गया था। इससे पूर्व भी इनके द्वारा DKD-2 का आरोहण किया जा चुका है।

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बचपन से ही प्रीति को पहाड़ो की ऊंची चोटियां आकर्षित करती रही, वह अक्सर पहाड़ो में घूमने के लिए भी जाती रहती थी। SDRF उत्तराखंड पुलिस में आने के बाद उसके सपनो को एक नई दिशा मिली और उन्होंने इसमें अपना शत प्रतिशत देने की ठान ली। माउंट गंगोत्री फतह करने के बाद प्रीति ने साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट क्लीमेंजारो को आरोहण के लिए चुना। 360 एक्सप्लोरर, मुंबई द्वारा आयोजित एक्सपीडिशन जिसके लिए इन्होंने अपने व्यक्तिगत प्रयास से पुलिस मुख्यालय द्वारा अनुमति लेकर तैयारी की।

 

सेनानायक SDRF श्री मणिकांत मिश्रा द्वारा प्रीति मल्ल से टेलीफोनिक वार्ता करते हुए उन्हें माउंट क्लीमेंजारो फतह करने पर बधाई दी तथा ”अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” की शुभकामना दी। साथ ही प्रीति की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा महिला दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत कर सभी को गौरवान्वित किया है।

आज दिनाँक 08 मार्च 2022 को ”अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” के अवसर पर प्रीति मल्ल द्वारा सभी चुनौतियों को सफलतापूर्वक पार करते हुए साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट क्लीमेंजारो को फतह कर यह सिद्ध कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में किसी से कमतर नही है।
यह प्रथम बार है कि उत्तराखंड पुलिस की किसी महिला द्वारा साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा व SDRF उत्तराखंड पुलिस का ध्वज लहराकर देश व राज्य पुलिस का नाम रोशन किया गया है।

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”प्रीति मल्ल” वर्ष 2016 से उत्तराखंड पुलिस में महिला आरक्षी के पद पर नियुक्त है तथा वर्तमान समय मे विगत 04 वर्षों से SDRF में सेवा प्रदान कर रही है। सामान्य कदकाठी की प्रीति SDRF में अपने मृदु स्वभाव व निर्भीकता के लिए जानी जाती है। अपने निर्भीक स्वभाव के कारण ही वह SDRF वाहिनी से गठित हुए ”डेयर डेविल हिमरक्षक दस्ता” का भी प्रमुख हिस्सा रही है, जहाँ एक महिला होते हुए बाइक पर हैरतअंगेज़ करतब दिखा हर किसी को दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर कर दिया गया था।

प्रीति ,विगत वर्ष माह सितबंर में SDRF द्वारा आयोजित माउंट गंगोत्री एक्सपीडिशन का हिस्सा रही और उन्होंने अपनी हिस्सेदारी को बखूबी साबित भी किया। माउंट गंगोत्री पर्वत शिखर का आरोहण करने वाले 11 सदस्यों में एकमात्र महिला प्रीति मल्ल रही और उससे भी अधिक यह कि वह उत्तराखंड पुलिस की प्रथम महिला आरक्षी बनी जिन्होंने माउंट गंगोत्री पर सकुशल SDRF उत्तराखंड पुलिस का झंडा लहराया।

प्रीति ने यह साबित कर दिखाया कि वह किसी भी मायने में किसी से कमतर नही है, यह उसके दृढ़ निश्चय का ही परिणाम था कि हर चुनौती का सामना करते हुए वह आगे बढ़ती रही। उच्च तुंगता क्षेत्र में जहाँ परिस्थितयां कभी भी विपरीत हो सकती है, चारो तरफ बर्फ के सिवा कुछ नही दिखाई देता, वहाँ प्रीति की दृष्टि सिर्फ अपने लक्ष्य की ओर बनी हुई थी, वह किसी भी परिस्थिति में अपने लक्ष्य तक पहुँचना चाहती थी ताकि वो उस विश्वास पर खरी उतर सके जो उस पर किया गया था। इससे पूर्व भी इनके द्वारा DKD-2 का आरोहण किया जा चुका है।

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बचपन से ही प्रीति को पहाड़ो की ऊंची चोटियां आकर्षित करती रही, वह अक्सर पहाड़ो में घूमने के लिए भी जाती रहती थी। SDRF उत्तराखंड पुलिस में आने के बाद उसके सपनो को एक नई दिशा मिली और उन्होंने इसमें अपना शत प्रतिशत देने की ठान ली। माउंट गंगोत्री फतह करने के बाद प्रीति ने साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट क्लीमेंजारो को आरोहण के लिए चुना। 360 एक्सप्लोरर, मुंबई द्वारा आयोजित एक्सपीडिशन जिसके लिए इन्होंने अपने व्यक्तिगत प्रयास से पुलिस मुख्यालय द्वारा अनुमति लेकर तैयारी की।

 

सेनानायक SDRF श्री मणिकांत मिश्रा द्वारा प्रीति मल्ल से टेलीफोनिक वार्ता करते हुए उन्हें माउंट क्लीमेंजारो फतह करने पर बधाई दी तथा ”अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” की शुभकामना दी। साथ ही प्रीति की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा महिला दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत कर सभी को गौरवान्वित किया है।

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