शिक्षा के माफियाओं पर नकेल कसे सरकार – जितेन्द्र सनातनी

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Dehradun –  समान शिक्षा सबका अधिकार होना चाहिए जबकि ऐसा नही है शिक्षा का छेत्र आज के समय मे भारत मे बहुत बड़ा व्यापार हो गया है,

अगर आपके पास भरपूर पैसा है तभी आप अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकते हैं जबकि शिक्षा सबको समान मिले और मुफ्त मिले , ऐसे में शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल कालेज अभिभावकों से मोटा पैसा वसूलते हैं और मजबूरी में अभिभावकों को देना भी पड़ता है क्यंकि उनके पास ओर कोई रास्ता नही है,
यह बिल्कुल सत्य है कि अगर आपको अपने बच्चे का एड्मिसन किसी प्राइवेट स्कूल में दिलाना है तो आपको डोनेशन भी देना होगा और मोटी फीस भी, हमारे देश के संविधान में शिक्षा का मौलिक अधिकार तो है पर वो एक समान नही है, अमीर का बच्चा अच्छे स्कूल में पढ़कर अच्छे मार्क्स लेकर आता है और क्वालिटी वाली एजुकेशन लेता है वंही गरीब का बच्चा सरकारी स्कूलों में पढ़कर सबसे बेकार क्वालिटी की शिक्षा ग्रहण करता है,
जब तक यह फर्क रहेगा हमारा देश उन्नति की ओर अग्रसर नही होगा,
केंद्र व राज्य सरकारें इस ओर ध्यान दें क्यंकि शिक्षा ही देश के युवाओं का बच्चों का भविष्य तय करती है, समान शिक्षा सबका अधिकार होना चाहिए व सरकार से यह मांग भी है कि अमीर गरीव का भेद खत्म करके सबको बेहतर शिक्षा ग्रहण करने का मौका दे व देश के भविष्य को प्रकाश की ओर लेकर चलें,
एक बात और कहना चाहूंगा कि फ्री अनाज से पेट भरकर सिर्फ मजदूर बन सकता है व्यक्ति इसके अलाबा ओर कुछ नही फ्री शिक्षा दो पढ़ने का मौका दो जिससे कि कोई भी छात्र देश के बाहर पढ़ने न जाए,
ऊंच नीच का यह षडयंत्र खत्म करो एक गरीव का बच्चा ओर विधायक का बच्चा एक ही स्कूल में पढ़ें ऐसी व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है और सरकार इसका सही से निर्वहन करे,

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