देहरादून : कूड़ेदान बनी जगह को सुंदर पार्क में तब्दील करने का मिला उत्तराखंड की बेटी को इनाम, नगर निगम द्वारा उनकी मेहनत पर हथौड़ा एवं बुलडोजर चलाकर दिया गया, वह भी तब, जब जनता और विख्यात पर्यावरणविद ने उनके इस कार्य की जमकर सराहना करते हुए दूसरों के लिए प्रेरणा बताया, इसको लेकर सोशल मीडिया से लेकर तमाम जगहों पर प्रदेश की इस बेटी को लोगों का समर्थन मिल रहा है, वहीं इस कार्रवाई की आलोचना की जा रही है।
दरअसल, राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा रोड स्थित राजेश्वर नगर में कूड़े का ढेर बन चुकी जगह को गूंज संस्था ने अपने स्वयं के प्रयासों से एक पार्क में तब्दील कर दिया गया, गूंज संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद ने इस पार्क को गौतम बुद्ध पार्क नाम दिया, रविवार को ही पार्क का उद्घाटन पर्यावरणविद डॉ.अनिल प्रकाश जोशी व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने किया था, लेकिन नगर निगम ने हफ्तेभर में ही पार्क पर बुलडोजर चला दिया।
इससे पहले कूड़े के ढेर में तब्दील हो चुकी इस जगह के सौंदर्यीकरण को लेकर गूंज संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद ने मेयर से कई बार गुहार लगाई थी, आखिरकार लम्बे समय बाद निगम ने एमडीडीए को इसकी एनओसी जारी कर दी। इसके बाद सोनिया आनंद ने एमडीडीए से गुहार लगाई तो उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। फिर सोनिया आनंद की मांग पर एमडीडीए ने इसकी एनओसी गूंज संस्था को दे दी, जिसके बाद करीब 18 लाख रुपये खर्च करने के बाद यह पार्क बन पाया। लेकिन इसके उद्घाटन होने के ठीक बाद निगम ने एमडीडीए को जारी एनओसी निरस्त कर दी और पार्क पर बुलडोजर चला दिया, जिससे पार्क में लगे शीलापट को तोड़ दिया गया।
निगम की इस कार्रवाई को लेकर गूंज संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद ने आरोप लगाया कि भाजपा इस मुद्दे पर राजनीति करने का प्रयास कर रही है। यह पार्क उन्होंने आम जनता की सुविधा के लिए बनाना शुरू किया था जिसमें बच्चे और बुजुर्गों को भी लाभ मिलता, लेकिन नगर निगम और मेयर सुनील उनियाल गामा को यह सामाजिक कार्य रास नहीं आया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार उन सामाजिक संस्थाओं को कुचलने का प्रयास कर रही है जो पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे बढ़कर काम करना चाह रहे हैं। ऐसे में नगर निगम के जो जनप्रतिनिधि पार्क का विरोध कर रहे हैं, वह किस बात के जनप्रतिनिधि हैं। क्या जनता को किसी सुविधा का विरोध करके वह जनता के हितेषी बन पाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि नगर निगम को और मेयर को इस पार्क की एनओसी रद्द करनी थी तो पहले ही करते, पार्क का सौंदर्यीकरण होने के पश्चात एनओसी रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है, यह सिर्फ और सिर्फ राजनीति है जिसका भंडाफोड़ हो चुका है और अब नगर निगम के मेयर व भाजपा सरकार का असली चेहरा सबके सामने आ चुका है।
उन्होंने कहा कि अब वह इस पार्क के लिए लंबी लड़ाई लड़ेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पार्क का शिलापट तोड़कर नगर निगम ने भगवान बुद्ध और पद्मश्री डॉक्टर अनिल जोशी का भी अपमान किया है जिनके नाम पर इस पार्क का नामकरण किया गया था और जिन्होंने इस पार्क का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा कि समाज हितेषी होने का दावा करने वाले आज सामाजिक संस्थाओं को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं। अब वह जनता के साथ मिलकर ऐसे समाज विरोधियों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगी।
गूंज संस्था की अध्यक्ष डॉ. सोनिया आनंद रावत ने नगर निगम की जमीनों की खरीद फरोख्त का आरोप एक जनप्रतिनिधि पर लगाया है। उन्होंने कहा कि जब एनओसी निरस्त करनी थी तो पहले नगर निगम और एमडीडीए ने उन्हें एनओसी क्यों जारी की। वह कार्यकर्ताओं के साथ नगर निगम का घेराव करेंगी। साथ ही इसके खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगी। उन्होंने बताया कि 18 लाख रुपये पार्क में खर्च किए है, जो उनके निजी रुपये है। उन्होंने कहा कि जमीन पर नगर निगम और एमडीडीए का नाम भी लिखा है। कहा कि नियमों के मुताबिक एनओसी निरस्त नहीं कि जा सकती है।
वहीं आज शनिवार को गूंज संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद फिर नगर निगम पहुंचीं। उनके समर्थन में महिला, युवाओं समेत सैकड़ों लोग पहुंचे। इस दौरान लोगों ने भगवान बुद्ध और पद्मश्री डॉक्टर अनिल जोशी के नाम वाले शिलापट पर बुलडोजर चलाने का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि, यह कृत्य बेहद निंदनीय है। वहीं लोगों ने गूंज संस्था की अध्यक्ष डॉ. सोनिया आनंद रावत के पक्ष में सोनिया आनंद जिदाबाद के नारे भी लगाये।