अपराध पर अंकुश लगाने के लिए कानून प्रवर्तन को अपराध के नए तौर-तरीकों और तकनीकों के साथ अपनी गति बनाए रखनी होगी – गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय

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देहरादून/नई दिल्ली। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने चौथे युवा पुलिस अधीक्षक सम्मेलन और तीसरे पुलिस एक्सपो 2022 का उद्घाटन किया। जिसका आयोजन गृह मंत्रालय के अधीन पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) और फिक्की द्वारा किया गया है। इस दो दिवसीय सम्मेलन का विषय ‘साइबर अपराध प्रबंधन, ड्रोन और काउंटर ड्रोन में नवाचार और अनुसंधान’ था और इसमें दिल्ली में बीपीआरएंडडी मुख्यालय में पुलिस अधीक्षक (एसपी) और उससे ऊपर की रैंक के लगभग 200 युवा आईपीएस अधिकारियों ने भागीदारी की।

माननीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, “आज का अपराध परिदृश्य ध्यान में रखते हुए, आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ सीमा सुरक्षा के लिए नई तकनीकों को अपनाना समय की माँग है। औद्योगिक क्रांति 4.0 के क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन, एआर/वीआर जैसे पहलू हमारा जीवन बदल रहे हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियों को औद्योगिक प्रगति के साथ अपनी गति बनाए रखने के साथ-साथ अपराध के बदलते तौर-तरीकों को समझना होगा। आज आम लोगों से उनकी गाढ़ी कमाई लूटने और फर्जी खबरें और सांप्रदायिक जहर फैलाने के लिए साइबर अपराध का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए हम सभी को नवीनतम तकनीकों से परिचित होना होगा ।”

उन्होंने संकट में फंसे लोगों की मदद करने के लिए साइबर वित्तीय धोखाधड़ी हेल्पलाइन के रूप में ‘1930’ का शुभारंभ करने की गृह मंत्रालय की पहल का भी उल्लेख किया।

इस अवसर पर बोलते हुए, डीजी, बीपीआरएंडडी बालाजी श्रीवास्तव, आईपीएस, ने कहा, “आधुनिकीकरण कभी भी समाप्त नहीं हो सकता है, क्योंकि औद्योगिकी जगत सुरक्षा और अपराध प्रबंधन क्षेत्र में लगातार नई तकनीकों और क्षमताओं पर मंथन कर रहा है। बीपीआरएंडडी पर पुलिस आधुनिकीकरण से संबंधित नवीनतम तकनीकों, उत्पादों और सर्वोत्तम परिपाटियों की प्रदर्शनी और निदर्शन के माध्यम से उद्योग जगत, अकादमिक जगत और राष्ट्रीय महत्व के तकनीकी संस्थानों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच लगातार मिलन बिंदु का निर्माण करने की जिम्मेदारी है।

एडीजी, बीपीआरएंडडी नीरज सिन्हा, आईपीएस, ने कहा “हमें अत्यधिक सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति के बीच यह सम्मेलन प्रारंभ करते हुए बहुत खुशी हो रही है। यह कार्यक्रम नागरिकों को प्रभावी पुलिस सेवा प्रदान करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के युवा पुलिस अधीक्षकों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कमांडेंटों के बीच साइबर अपराध प्रबंधन, ड्रोन, काउंटर ड्रोन जैसे क्षेत्रों में और प्रिडिक्टिव पुलिसिंग, अपराध और संबंधित डेटा विश्लेषण, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, निगरानी और सीसीटीवी उपकरण आदि जैसे अन्य संबंधित क्षेत्रों में नवीनतम तकनीकों के संबंध में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।”

फिक्की के वरिष्‍ठ उपाध्‍यक्ष शुभ्रकांत पांडा ने कहा, “निरापद, भलीभांति सुरक्षित कामकाज और रहन-सहन का वातावरण देश की आर्थिक प्रगति के लिए बहुत जरूरी है। यही कारण है कि यह सम्मेलन बहुत महत्‍वपूर्ण है। तकनीकी विकास की तेज गति से निस्संदेह जीवन बदल रहा है। वहीं दूसरी ओर, नए तरह के अपराध और सुरक्षा चुनौतियाँ भी हैं। कुकर्मी चेहराविहीन हैं और ऐसे अपराधों को अंजाम देने की लागत अक्सर बहुत कम होती है। यह बात सुरक्षा बलों के लिए चुनौती खड़ी करती है।“

धन्यवाद ज्ञापित करते हुए, फिक्की की होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी के अध्यक्ष राहुल चौधरी ने कहा, “सुरक्षा और विकास क बीच चोली-दामन का संबंध है। पुलिस और अच्छी पुलिसिंग का मतलब केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखना नहीं है, बल्कि इससे अंततः संवृद्धि और विकास का मार्ग प्रशस्‍त होता है, और यह लाभांश शांति, समृद्धि और सुशासन वापस लाता है।”

सम्मेलन में पाँच विषय-विशिष्ट सत्र हैं: प्रवर्तन एजेंसियों के लिए बल गुणक के रूप में ड्रोन, दुष्ट ड्रोनों द्वारा पैदा किए जाने वाले खतरों को बेअसर करने के लिए काउंटर ड्रोन क्षमता, पुलिस बलों द्वारा सामना की जाने वाली जटिल चुनौतियों का समाधान करने के लिए साइबर अपराध प्रबंधन क्षमता, प्रिडिक्टिव और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए नए युग की प्रौद्योगिकियाँ और स्टार्टअप – ये सब कानून प्रवर्तन का भविष्य गढ़ रहे हैं।

पुलिस एक्सपो में कई उत्पादों और उपकरणों का पुलिस अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शन किया जा रहा है।

‘प्रवर्तन एजेंसियों के लिए बल गुणक के रूप में ड्रोन’ और ‘दुष्ट ड्रोनों द्वारा पैदा किए गए खतरों को बेअसर करने के लिए काउंटर ड्रोन क्षमता’ पर सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इन सत्रों का उद्देश्य राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों के लिए आधुनिक समय की चुनौतियाँ और यह समझना है कि इन्हें ड्रोन-आधारित समाधानों से कैसे दूर किया जा सकता है और दुष्‍ट ड्रोनों से उभरने वाले संभावित खतरों की खोज करना और उनका पता लगाने, उन्‍हें रोकने और बेअसर करने के समाधानों की तलाश करना है।

प्रख्यात विशेषज्ञों ने असामाजिक और राष्ट्र-विरोधी तत्वों के खिलाफ रक्षात्मक और आक्रामक दोनों उपायों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने में प्रवर्तन एजेंसियों की मददगार संभावनाओं से भरी तकनीक के रूप में ड्रोन की भूमिका पर चर्चा की।

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