देहरादून। अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड (बीएसईः 540879, एनएसईःअपोलो), कस्टम-निर्मित इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल समाधानों के डिज़ाइन, विकास और संयोजन में अग्रणी, ने समाप्त तिमाही और छमाही 30 सितंबर 2022 के लिए उत्कृष्ट परिणामों की घोषणा की। 30 सितंबर 2022 (समेकित प्रदर्शन) को समाप्त छमाही के लिए, कंपनी ने साल-दर-साल राजस्व में 48 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो रुपये 73.42 करोड़ (वित्तीय वर्ष 2022 की पिछली छहमाही) से रुपये 108.80 करोड़ (वित्तीय वर्ष 2023 की पिछली छहमाही) हुई। इसी अवधि के लिए, पीएटी साल-दर-साल 47 प्रतिशत बढ़कर 3.33 करोड़ रुपये (वित्तीय वर्ष 2022 की पिछली छहमाही) से 4.92 करोड़ रुपये (वित्तीय वर्ष 2023 की पिछली छहमाही) हुआ। अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड प्राथमिक ग्राहकों के रूप में एयरोस्पेस, रक्षा और अंतरिक्ष के लिए अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित समाधान पेश करता है और साथ ही रेलवे, ऑटोमोटिव और गृह भूमि सुरक्षा बाजारों के लिए समाधान प्रदान करता है। कंपनी के तकनीकी समाधानों का व्यापक स्पेक्ट्रम और एंड टू एंड डिज़ाइन,असेंबली और परीक्षण क्षमताएं इसे प्रतिस्पर्धा में बढ़त देती हैं। अपोलो माइक्रो सिस्टम भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा अन्य जैसे प्रतिष्ठित ग्राहकों के साथ काम करता है। 30 जून, 2022 तक, एएमएसएल के पास 280 करोड़ रुपये की एक अनएक्जीक्यूटेड ऑर्डर बुक स्थिति है। रेटिंग एजेंसी द्वारा ये बताया गया कि यह ऑर्डर बुक अनुबंधों की लंबी अवधि की प्रकृति समेत हाई एंट्री बैरियर के साथ मध्यम अवधि में रेवेन्यू विजिबिलिटी प्रदान करता है। इसी के साथ, एएमएसएल की विकास संभावनाएं बेहतर रहती हैं, मेक इन इंडिया के शोर के बीच रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की ओर भारत सरकार के फोकस द्वारा यह समर्थित है।