बिजली की शिकायतों का अब मौके पर कराएं समाधान: एमडी अनिल कुमार

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देहरादून – (VOICE OF UTTARAKHAND) दून समेत प्रदेश के 24 लाख बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है. यदि आप बिजली बिल की गड़बड़ी, खराब मीटर समेत अन्य समस्याओं को लेकर लंबे समय से परेशान हैं और अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, तो आपको अब परेशान होने की जरूरत नहीं. ऊर्जा निगम के अधिकारी खुद आपके दरवाजे पर पहुंचकर समस्याओं का समाधान करेंगे. निगम अगले मंडे से जगह-जगह समाधान कैंप लगाने जा रहा है, जिसमें आकर आप हथों-हाथ अपनी समस्याओं का निस्तारण करवा सकते हैं. कैंपों में आपकी हर परेशानी से जुड़े अधिकारी मौजूद रहेंगे. जेई से लेकर चीफ इंजीनियर तक कैंपों में मौजूद रहेंगे. डायरेक्टर ऑपरेशन एमएल प्रसाद के नेतृत्व में कैंप की मॉनिटरिंग की जाएगी. कई कैंपों में डायरेक्टर ऑपरेशन एमएल प्रसाद और एमडी अनिल यादव खुद मौजूद रहेंगे.

समाधान कैंप से मिलेगी राहत
ऊर्जा निगम के एमडी अनिल कुमार ने फ्राइडे को ऊर्जा भवन में प्रेस आयोजित कांफ्रेंस में बताया कि सीएम के निर्देश पर पूरे प्रदेश में एक साथ सभी विकास खंडों में समाधान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. एक विकास खंड में 7 से 10 कैंप लगाए जाएंगे. समाधान शिविरों नये विद्युत संयोजन, मीटरिंग और बिलिंग की समस्याओं से जूझ रहे उपभोक्ताओं को समाधान शिविरों के माध्यम से राहत पहुंचाने के लिए ऊर्जा निगम ने होम वर्क पूरा कर लिया है. शिविरों में खराब मीटरों को बदलने समेत उपभोक्ताओं से जुड़ी शिकायतों का मौके पर समाधान किया जाएगा.

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खपत और उपलब्धता में 4 गुना अंतर
राज्य में ठिठुरती ठंड के बीच बिजली की डिमांड और उपलब्धता में भारी कमी आ गई है. रोजाना खपत 39 मिलियन यूनिट के सापेक्ष राज्य में बिजली परियोजना से उत्पादन 10 मिलियन यूनिट है. नदियों का जल स्तर घटने से जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन भी आधा हो गया है. केंद्र से मिल रही 17 मिलियन यूनिट बिजली को मिलाकर 27 मिलियन यूनिट ही पहुंच रही है, बाकी 10 से 12 मिलियन यूनिट बाहरी राज्यों से खरीदी जा रही है.

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400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली आवंटित
राज्य सरकार की गुहार के बाद केंद्र सरकार ने उत्तराखंड की बिजली डिमांड पूरी करने के लिए 400 मेगावाट बिजली अतिरिक्त आवंटित की है. यह बिजली फरवरी तक राज्य को मिलती रहेगी. इससे बिजली कटौती में राहत मिली है. हालांकि इसके बाद भी कमी पडऩे पर कई-कई घंटे बिजली कटौती की जा रही है. इसके अलावा मार्च 2024 तक के लिए 100 मेगावाट बिजली का अनुबंध एनटीपीसी से किया गया है.

गैस पावर प्लांट एक साल बंद
राज्य में स्थापित 321 मेगावाट क्षमता के गैस आधारित प्लांट बंद पड़े हैं, इन प्लांटों से राज्य को पिछले एक से बिजली नहीं मिल पा रही है. इसकी वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गैस की दरों में अत्यधिक बढ़ोत्तरी का होना बताया जा रहा है. इन गैस पावर प्लांटों से यूपीसीएल का 25 साल तक का एग्रीमेंट था, जो पूरा नहीं हो पा रहा है.

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रेटिंग में सुधार, मई तक भूमिगत लाइन का काम शुरू
एमडी अनिल यादव ने बताया कि ऊर्जा निगम की रेटिंग में बड़ा सुधार आया है. निगम बी से ए ग्रेड में आ गया है. उन्होंने इस उपलब्धि के लिए निगम के अधिकारियों एवं कार्मिकों की मेहनत का नतीजा बताया. लगाता लक्ष्यों के सापेक्ष राजस्व वसूली जारी है. उन्होंने जोशमठ मे किए जा रहे आपदा से जुड़े कार्यों की भी जानकारी दी. बताया कि दून में मुख्य मार्गों से बिजली लाइनों का काम भी मई तक शुरू हो जाएगा.

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