देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, अमर शहीदों, वीर वीरागंनाओं, राज्य आंदोलनकारियों सहित राष्ट्र निर्माण के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देश और राज्य की प्रगति एवं विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले उत्तराखण्ड वासियों का भी अभिनन्दन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की इस स्वर्णिम यात्रा में उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। हमें अपनी सैनिक परम्परा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व हैं। सैनिक परम्परा वाले वीरभूमि उत्तराखण्ड में पीढ़ियों से लगभग हर परिवार से वीर व वीरांगनाएं देश की रक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के सम्मान में देहरादून में शौर्य स्थल का निर्माण किया गया है। राज्य में पांचवे धाम के रूप में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य का सरकारी नौकरी में समायोजन का निर्णय लिया है। उत्तराखण्ड से द्वितीय विश्व युद्ध की वीर वीरागंनाओं की पेंशन वृद्धि के साथ ही वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों के अनुदान में भी बढ़ोतरी की गई है। हिम प्रहरी योजना के तहत राज्य के भूतपूर्व सैनिकों एवं युवाओं को सीमाओं में बसने के लिए आवश्यक मदद दी जा रही है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति का सम्मान हमारी परम्परा रही है। राज्य निर्माण आन्दोलन तथा इसके बाद प्रदेश के विकास व प्रगति में राज्य की महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज भी राज्य की मातृ शक्ति ग्रामीण जनजीवन, आर्थिकी, सामाजिक व सांस्कृतिक ताने बाने की रीढ़ हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। आंगनबाड़ी बहनों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। आंगनबाड़ी बहनों का मानदेय 7500 रूपए से बढ़ाकर 9300 रूपए, मिनी आंगनबाड़ी का मानदेय 4500 रूपए से बढ़ाकर 6250 रूपए और सहायिकाओं का मानदेय 3550 रूपए से बढ़ाकर 5250 रूपए किया गया है। इसी प्रकार आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1500 रूपए की वृद्धि की है। अब उन्हें मिलने वाली धनराशि 4500 रूपए से बढ़कर 6000 रूपये हो गई है। राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरी में क्षैतिज आरक्षण के लिए कानून बना दिया गया है। अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना के तहत वर्ष में 3 गैस सिलैण्डर रिफिल मुफ्त दिये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के व्यापक हित में राज्य सरकार द्वारा अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गये हैं। देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून सीमित समय में लागू कर प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा भर्तियों में घोटाले करने वाले दोषियों के खिलाफ प्रदेश में पहली बार इतने बड़े स्तर पर सख्त कार्यवाही की गई है। राज्य में नकल माफिया को जड़ से समाप्त करने के लिए की गई पहल पूरे देश में एक नजीर बन गई है। राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा जारी कैलेण्डर के अनुसार पारदर्शिता के साथ भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। समूह ’ग’ की परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त करने की पहल की जा रही है। स्वरोजगार के आवेदकों की सुविधा के लिए कैम्प लगाकर एक ही स्थान पर सारी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिये राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ का वेंचर फण्ड तैयार करने जा रही है। इससे युवा उद्यमियों को सरकारी स्तर पर फण्ड मिल सकेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा संघ लोक सेवा आयोग, एन.डी.ए, सी.डी.एस एवं उसके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छठवीं से 12वीं कक्षा तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत हर महीने 600 से 1200 रूपये तक की छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने में सौर ऊर्जा का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान होगा। राज्य में सोलर पॉवर उत्पादन को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट लगाने वालों को बड़े पैमाने पर छूट तथा सुविधाएं दे रही है। नई सौर ऊर्जा नीति को लागू कर दिया गया है। हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक प्रदेश में 2500 मेगावाट सोलर पॉवर का उत्पादन हो। इससे सौर ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जैविक कृषि तथा बागवानी की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार द्वारा बागवानी के क्षेत्र में सेब की खेती को विशेषरूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। हमारी सरकार ने मिशन एप्पल शुरू किया है। जिसके तहत राज्य में सेब के 500 बगीचों की स्थापना का लक्ष्य है। हमने मिशन एप्पल का बजट दुगुना कर दिया है, ताकि कम खर्च में बागवानी के जरिए किसानों की आय को बढ़ाया जा सके। अब सेब के बगीचों की स्थापना के लिए किसानों को 80 प्रतिशन अनुदान दिया जा रहा है। देश दुनिया में उत्तराखण्ड के सेब को पहचान मिले इसके लिए प्रयास करने होंगे। राज्य में नई तकनीकी के बल पर सेब के उन्नत किस्म के पेड़ लगाने से हम जम्मू कश्मीर तथा हिमाचल से अच्छी क्वालिटी के सेब उत्पादन कर अच्छे निर्यातक बन सकते हैं। एप्पल मिशन से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही राज्य के किसानों के लिए 304 करोड़ रूपये की पॉलीहाउस योजना शुरू किया है। योजना के तहत प्रदेशभर में लगभग 18000 पॉलीहाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिनके माध्यम से राज्य के एक लाख से अधिक कृषकों को रोजगार मिलेगा। किसानों को पॉलीहाउस बनाने के लिए सरकार द्वारा 70 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। राज्य के पर्वतीय जिलों में खेती और बागवानी से किसानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शिकायत दर्ज करने के लिए जनता के लिए 1064 वेब एप लॉच किया गया है। अपणि सरकार पोर्टल, ई-केबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था अपनाकर राज्य में भ्रष्टाचार केे समूल नाश का प्रयास किया है। जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा चैपाल लगाकर जन समस्याएं सुनने तथा उनका त्वरित निवारण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का आमजन को लाभ मिले इसके लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण, समाधान और संतुष्टि के भाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। यूसीसी सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है। आमजन का दृष्टिकोण भी इस विषय पर सकारात्मक है। हमारा ड्राफ्ट अन्य राज्यों को भी पसंद आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ एवं अग्रणी राज्य बनाने का हमारा संकल्प है। हम एक समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के लिए कार्य कर रहे है। आज अनुकूल औद्योगिक नीति, दक्ष मानव संसाधन और उदार कर लाभों से उत्पन्न पूंजी निवेश में भारी वृद्धि के कारण उत्तराखंड भारत में सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक बन गया है। आगामी नवम्बर-दिसम्बर में राज्य में ग्लोबल इनवेस्टर समिट होने जा रहा है। इसमें भारी संख्या में दुनियाभर के निवेशक उत्तराखण्ड में निवेश का निर्णय लेंगे। इसके साथ ही उत्तराखण्ड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम नीति 2023 के तहत एम.एस.एम.ई. क्षेत्र में समावेशी विकास, अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के दृष्टिगत प्रदेश में 50 कलस्टर विकसित किये गये हैं। पूंजीगत उपादान के रूप में एमएसएमई को श्रेणीवार जनपदों हेतु 20 लाख से 4 करोड़ की उपादान सहायता दिये जाने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड में एक लाख पचास हजार करोड़ की योजनाओं पर तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तराखण्ड पर्यटन हब, ऐडवेंचर टूरिज्म हब, फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड तैयार होने तथा वंदे भारत एक्सप्रेस से देहरादून जल्द ही दिल्ली एनसीआर का हिस्सा बन जाएगा, जिससे यहाँ निवेश, उद्योगों के विकास, रोजगार, के नए-नए अवसर उपलब्ध होंगे। 1930 करोड़ रूपये की टिहरी लेक डेवलपमेंट परियोजना से टिहरी झील प्रमुख टूरिस्ट डेस्टीनेशन बन रही है। केदारनाथ धाम में 750 करोड़ रूपये से पुनर्निर्माण कार्य, बदरीनाथ धाम में 550 करोड़ रूपये से पुनर्विकास कार्य, 2430 करोड लागत के़ गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास हो चुका है। 16 हजार 216 करोड़ रूपए की 125 किमी लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे प्रदेश में कनेक्टिविटी को मजबूती मिलने के साथ विकास के नये आधार तैयार करने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समावेशी विकास के मूलमंत्र के साथ प्रदेश के सभी क्षेत्रों के सतुंलित एवं समान विकास के साथ कार्य कर रही है। केदारनाथ व बद्रीनाथ की तर्ज पर कुमायूं के पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन की कार्ययोजना पर कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को जी-20 की तीन बैठकों के आयोजन का सुअवसर मिलना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तथा केन्द्र सरकार का देवभूमि उत्तराखण्ड की सरकार, प्रशासनिक अमले एवं लोगों की क्षमता व प्रतिभा पर अटूट विश्वास का प्रतीक है। राज्य में जी-20 के सम्मेलनों का आयोजन हमारे लिए नए अवसर, नए अनुभव, अपनी पारम्परिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत, पर्यटन की क्षमताओं को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का स्वर्णिम अवसर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करने का सपना है। भविष्य में पूरी दुनिया से लोग यहाँ आत्मिक शांति के लिए आंएगे। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। यह हम हर उत्तराखण्डवासी के लिए हर्ष और गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों से अपने कर्तव्य एवं दायित्वों का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करने के साथ एक उन्नत, श्रेष्ठ और प्रगतिशील उत्तराखण्ड बनाने में मददगार बनने की भी अपेक्षा की है।