दिल्ली में आयोजित कर्टेन रेजर के साथ छठे देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल की हुई शुरुआत

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देहरादून – देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल (डीडीएलएफ) के छठे संस्करण की शुरुआत दिल्ली के कुंजुम बुक्स में कर्टेन-रेजर के साथ हुई। यह पहली बार है जब डीडीएलएफ ने देश की राजधानी में इस तरह का आयोजन किया है। साहित्य, सिनेमा और सामाजिक मुद्दों पर आधारित तीन दिवसीय डीडीएलएफ का आयोजन देहरादून के दून इंटरनेशनल स्कूल में 8 से 10 नवंबर 2024 तक किया जाएगा।

डीडीएलएफ द्वारा दिल्ली में साहित्य समुदाय का विस्तार करते हुए यह अपनी तरह का पहला प्रयास है। देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल के संस्थापक समरांत विरमानी ने अपने सम्बोधन में फेस्टिवल की यात्रा और भारत के साहित्यिक परिदृश्य पर इसके बढ़ते कद पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल न केवल देहरादून के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक आयोजन बन कर उभरा है। यह कर्टेन-रेजर इस बात का प्रतीक है कि हम एक महोत्सव के रूप में कितना आगे बढ़ आये हैं। इस फेस्टिवल को साहित्य, सिनेमा और समाज से जुड़ी सार्थक बातचीत के लिए एक मंच के रूप में मान्यता मिल गयी है। यह वर्ष हमारे लिए अब तक का सबसे रोमांचक वर्ष होने जा रहा है, जिसमें 70 से अधिक प्रतिष्ठित हस्तियां हमारे दर्शकों से जुड़ने के लिए आ रही हैं।”

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कार्यक्रम में प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक विलियम डेलरिम्पल ने अपनी नवीनतम पुस्तक, द गोल्डन रोड पर एक आकर्षक व्याख्यान दिया, जिसमें पूर्व और पश्चिम के बीच ऐतिहासिक व्यापार मार्गों की खोज की गई है। डेलरिम्पल, जिनका देहरादून से व्यक्तिगत संबंध है, ने साझा किया, “भारत में मेरी पहली और एकमात्र वेतनभोगी नौकरी 1984 में देहरादून के सेंट जोसेफ अकादमी में थी, इसलिए दून घाटी भारत में मेरे पहले घर की तरह लगती है। मैं देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल की भव्य शुरुआत पर बेहद प्रसन्न हूँ।”

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कार्यक्रम की शुरुआत, महोत्सव निदेशक सौम्या कुलश्रेष्ठ के संबोधन से हुई, जिन्होंने इस वर्ष के संस्करण के लिए अपने दृष्टिकोण और साहित्यिक हस्तियों को देहरादून लाने के महत्व को साझा किया। उन्होंने कहा, “हम देहरादून से आए हैं, जो अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, लेकिन साथ ही भारत की शिक्षा और साहित्य की राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। पिछले पांच वर्षों में, डीडीएलएफ ने साहित्य, कला, संस्कृति और सिनेमा के दिग्गजों को दून में हमारे साहित्यिक समुदाय के साथ जुड़ने के लिए लाया है। इस वर्ष की थीम, ‘साहित्य, सिनेमा, समाज’, साहित्य और सिनेमा पर चर्चाओं को सामाजिक मुद्दों के साथ जोड़ने का प्रयास करेगी।”

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कार्यक्रम का समापन पुस्तक-हस्ताक्षर सत्र के साथ हुआ, जहाँ उपस्थित लोगों को डेलरिम्पल से मिलने, अपने विचार साझा करने और द गोल्डन रोड की अपनी कॉपी पर हस्ताक्षर करवाने का अवसर मिला।

35 से अधिक विचारोत्तेजक सत्रों, आकर्षक प्रदर्शनों और साहित्य, कला व सिनेमा के प्रमुख नामों के साथ मुलाकातों की समृद्ध सूची के साथ, देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल का छठा संस्करण देहरादून के लिए एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक कार्यक्रम होने का वादा करता है। इस वर्ष के संस्करण में अभिनव बिंद्रा, शबाना आज़मी, वसीम बरेलवी, अनुपमा चोपड़ा, जेरी पिंटो, यतीन्द्र मिश्रा, अविनाश तिवारी, अक्षत गुप्ता जैसे कई प्रतिष्ठित नाम शामिल होंगे जो जीवंत साहित्यिक चर्चा में शामिल होंगे और विभिन्न विषयों पर दर्शकों से जुड़ेंगे।

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