इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने जाट रेजिमेंटल सेंटर और दिल्ली पुलिस को ट्रॉफियां जीतने के लिए बधाई दी और कहा कि यह उनके कठोर परिश्रम और प्रतिबद्धता का सम्मान है। उन्होंने जजों के पैनल की भी इस बात के लिए प्रशंसा की कि उन्होंने गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर हुई परेड में शामिल सभी समान रूप से प्रतिभाशाली दस्तों में से दो सर्वश्रेष्ठ दस्तों का चयन करने का कठिन कार्य पूरा किया। उन्होंने जाट रेजिमेंटल सेंटर के साहस और शौर्य की तथा दिल्ली पुलिस की अतिरिक्त जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वाह करने के लिए प्रशंसा की।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘दिल्ली भारतीय गणतंत्र का मुख्य केन्द्र है, इसलिए सभी प्रतिकूलताओं का निशाना भी है। यह बेहद प्रशंसनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी की आंतरिक और बाह्य खतरों से सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के साथ-साथ दिल्ली पुलिस ने लगातार सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दस्ते की ट्रॉफी जीती है।’
सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र भारत का विविध संस्कृतियों और धर्मों वाले देश के रूप में विवरण देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड के दौरान अलग-अलग दस्तों द्वारा किया जाने वाला मार्च पास्ट देश की अनेकता में एकता का प्रतीक है और यह राष्ट्रीय गौरव की भावना तथा हमारी सशस्त्र सेनाओं की तैयारी को दर्शाता है। इस बात की ओर संकेत करते हुए कि हमारी सशस्त्र सेनाएं इस मंत्र को जानती हैं कि ‘शांतिकाल में आप जितना पसीना बहाते हैं, युद्धकाल में उतना ही कम खून बहाना पड़ता है’ श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारी सेनाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि शांति और सद्भाव तथा एकता और अखण्डता हमेशा कायम रहे।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रसार के कारण लागू किये गये प्रतिबंधों के बावजूद हमारी सेनाओं ने पूरे उत्साह और उमंग के साथ राजपथ पर हुई परेड में हिस्सा लिया। उन्होंने इसे देश के लिए गर्व का विषय बताया।
इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह, वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया, थलसेना अध्यक्ष जनरल एम.एम. नरवणे, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी तथा रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ सैनिक और असैनिक अधिकारी तथा गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।