बड़ी खबर कुंभ में दिखे अनोखे संतः कोई आजीवन खड़ा रखेगा हाथ,किसी के सिर पर 11 किलों का रूद्राक्ष

301

हरिद्वार। धर्मनगरी कुंभ के रंग में पूरी तरह रंगी नजर आयी। बुधवार को निरंजनी अखाड़े की भव्य पेशवाई निकाली। पेशवाई में भक्ति के अलग-अलग रंग दिखाई दिए। 30 बैंड के साथ हजारों साधु-संत अपनी छावनी से निकलकर हरिद्वार भ्रमण पर निकले। इस पेशवाई में हठयोगी भी दिखाई दिए। निरंजनी अखाड़े के हठयोगी श्री दिगंबर दिवाकर ने 4 सालों से यह प्रतिज्ञा ली हुई है कि वो अपना हाथ कभी नीचे नहीं करेंगे। उनका कहना है कि संतों का काम है त्याग करना। लिहाजा उन्होंने यह प्रतिज्ञा लेकर त्याग किया है। अब वो आजीवन अपने हाथ को ऊपर ही रखेंगे।
ऐसे ही एक संत हैं जो केदारनाथ से हरिद्वार की पेशवाई में पहुंचे हैं। बाबा बर्फानी नाम से प्रसिद्ध इस संत ने अपने सिर पर और वस्त्र के रूप में शरीर पर रुद्राक्ष धारण किए हुए हैं। बाबा बर्फानी कहते हैं कि वह इस वस्त्र को और अपने सिर पर रुद्राक्ष के मुकुट को सोने से पहले और खाना-खाने के दौरान ही उतारते हैं। उन्हें कुंभ मेले, पेशवाई और शाही स्नानों का बेसब्री से इंतजार रहता है। गौर हो कि साधु-संतों की पेशवाई का इतिहास बेहद पुराना है। कहा जाता है कि जब मुगलों के आतंक से भारत त्रस्त था, तब इन्हीं साधु-संतों ने मुगलों को शस्त्र और शास्त्र से हराया था। इनके पराक्रम को देख उस समय के राजाओं ने साधु-संतों को हाथी, घोड़े, हथियार और तमाम तरह की वह वस्तुएं दान में दी थीं जो आज साधु-संतों की शाही पेशवाई और स्नान के दौरान दिखाई देती हैं। इन्हीं हथियारों, वस्त्रों और हाथी-घोड़ों के साथ राजा-महाराजाओं की तरह साधु-संत शहर भ्रमण पर निकलते हैं।

Also Read....  पीएनबी ने अपनी एनआरआई सेवाओं को मजबूत किया: 24 * 7 एनआरआई ग्राहक सेवा केंद्र और नई पेशकश शुरू की

LEAVE A REPLY