उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार सीएम तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखण्ड की सोच के आधार पर उत्तराखंड के ही अधिकारियों पर ज्यादा भरोसा जताया

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देहरादून-   यह भी पहली बार ही हुआ है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखण्ड की सोच के आधार पर उत्तराखंड के ही अधिकारियों पर ज्यादा भरोसा जताया है। आखिर ऐसा भी हो क्यों न, जब केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार व देश के प्रधानमंत्री देश के सबसे महत्वपूर्ण पदों पर उत्तराखण्ड मूलके अधिकारियों को तवज्जो दे रहे हों तब ऐसे में लाज़िम था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुड़ बुक के महत्वपूर्ण सिपाही के रूप में पहचान बनाने वाले मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ऐसा फ़ैसला लें।
सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री के इस फैसले में उनकी कार्यशैली की दूरदर्शिता दिखाई देती है, क्योंकि उन्होंने शैलेश बगोली को लेकर कुमाऊं मंडल व अमित नेगी को लेकर गढ़वाल मंडल को साधने की भरपूर कोशिश की है। दूसरी बात यह है कि ये दोनों ही अधिकारी साफ छवि के बताए जाते हैं। वही अरुणेंद्र चौहान अपर सचिव मुख्यमंत्री होंगे।
सूत्रों की माने तो मलाईदार पदों पर आसीन बहुत से करप्ट किस्म के नौकरशाहों का पता कटने वाला है व मुख्यमंत्री कार्यालय आवास में भी एंटीवायरस का छिड़काव होने की पूरी पूरी सम्भावनाएं हैं। जल्दी ही हमें कई महत्वपूर्ण फैसले सुनने व दिखने को मिलेंगे।
बहरहाल कुमाऊँ व गढ़वाल मंडल में जश्न का माहौल है व अल्मोड़ा जनपद की जनता गैरसैण मंडल के फैसले के निरस्त किये जाने की आस लगाए हुए है।
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