चमोली- चमोली पर एक बार फिर आपदा की मार पड़ी है। जिले में भारत-चीन सीमा से लगे क्षेत्र सुमना में बीआरओ के कैंप के पास ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया. जिसमें काफी नुकसान हुआ है। वहीं, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत चमोली के लिए रवाना हो गए है। सीएम फिलहाल मौसम खराब होने की वजह से चमोली में ही रहकर हालातों का जायजा लेंगे। मौसम अगर सही रहा तो मौके पर भी जा सकते हैं। सीएम तीरथ सिंह रावत और गृह मंत्री अमित शाह ने इस पूरे मामले पर फोन पर बातचीत की है। जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मौके के लिए रवाना हुए हैं। वहीं, घटना में कई लोगों के दबे होने की सूचना मिल रही है। चमोली में एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की मार पड़ी है। गौरतलब है कि 23 अप्रैल को में सुमना-रिमखिम सड़क से लगभग 4 किमी हिमस्खलन हुआ था.। जो जोशीमठ-मलारी-गिरथिडोबला पर स्थित है। इस जगह से 3 किमी दूर बीरआरओ और श्रमिक शिविर लगा हुआ था। इस क्षेत्र में पिछले पांच दिनों से लगातार भारी बारिश भी हो रही थी। बीआरओ के कैंप के पास ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया। हादासे की सूचान मिलने के बाद भारतीय सेना द्वारा बचाव अभियान शुरू किया गया। जिसके बाद 291 मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया है। साथ ही बचाव अभियान अभी भी जारी है। वही, टीम ने दो शव भी बरामद किए है। मल्टीपल सैंड स्लाइड के कारण चार से पांच स्थानों पर सड़क संपर्क कट जाता है। जोशीमठ से बीआरटीएफ की टीमें बीती शाम से भपकुंड से लेकर सुमना तक की स्लाइड्स को साफ करने में लगी हुई है। वहीं जवानों ने बताया की इस पूरी सड़क को साफ करने में 6 से 8 घंटे का समय लगने की उम्मीद है। बीते रोज चमोली जिले के नीती घाटी के सुमना में बर्फबारी के बाद ग्लेशियर टूटने की घटना हुई थी। 8 लोगों की मौत