आजादी के 75 वर्ष बाद भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ग्राम कुर्माय ब्लॉक यमकेश्वर आज भी 03 कि०मी० पैदल चलने को मजबूर है ग्रामीण – दिनेश भंडारी

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Dehradun –  स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गांव कुर्माचा ब्लॉक यमकेश्वर पौड़ी गढ़वाल को मोटर मार्ग से जोड़ने के लिये मुख्यमन्त्री घोषणा 993/2021 के अन्तर्गत कि०मी० मोटर मार्ग एवं एक नग महर पुल की प्रथम चरण की स्वीकृति शासनादेश संख्या 647/111/220-30 (एम०एस०ए०)/2017 टी०सी० दिनांक 12.02.2020 द्वारा अनुमानित लागत रू0 29.82 लाख की स्वीकृति प्रदान की गयी है। तत्पश्चात् द्वितीय चरण की स्वीकृति माह फरवरी 2021 में शासन द्वारा प्रदान की गई, जिसके अन्तर्गत सिलोगी मार्ग पर मोहन चटट्टी से आगे झूला पुल से कुर्माया तक 3 किमी० पहाड़ कटान व मलवा डिस्पोजल का कार्य किया जाना प्रस्तावित है।

 

लोक निर्माण विभाग द्वारा दुगड़ा पौड़ी गढ़वाल ने स्वीकृति की प्रत्याशा में सिलोगी रोड से मोहन बटट्टी से आगे झूला पुल से कुर्माथा गांव तक 3 कि०मी० पहाड़ कटान व मलया डिस्पोजल हेतु पत्रांक 5030/18 ए०जी० दिनांक 12.11.2021 द्वारा निविदा आमंत्रित कर निविदा फाईनल कर 3 ठेकेदारों का कार्य आवंटित कर कार्य प्रारम्भ करने की अनुमति प्रदान कर दी।

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लेकिन 6 माह व्यक्ति होने पर लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदारों से कार्य प्रारम्भ नहीं कराया गया है। जहां से कार्य प्रारम्भ होने हैं वहां न तो किसी भी ग्रामवासी निजी खेत व मकान ही पहाड़ कटान की जद

में आ रहा है। एक और आज जहां केन्द्र सरकार व राज्य सरकार स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ की जयंती पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम जोर-शोर से मना रही है वहीं दूसरी ओर भारतवर्ष की अंग्रेजो की गुलामी की बेड़ी से छूटाने में अपनी जान की बाजी लगाने वाले माहन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व० चन्दन सिंह बिष्ट का गाव कुर्माथा आजादीर के 75 साल बाद भी मोटर मार्ग का इंतजार कर रहा है। इस प्रकार स्व० स्वतंत्रता

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संग्राम सेनानी को सम्मान से वंचित रखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि यह स्व० स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का गांव कुर्माथा ब्लॉक यमकेश्वर पौड़ी गढ़वाल राजधानी देहरादून से मात्र 60 कि०म० एवं धर्मनगरी ऋषिकेश से मात्र 20 कि०मी० दूरी पर स्थित है। उत्तराखण्ड के गढ़ होने पर आशा जगी थी कि यह गांव अब मोटर मार्ग से जुड जायेगा लेकिन 22 वर्ष बाद

भी स्थिति जस की तस है। मोटर मार्ग न होने के कारण दुर्घटना/ बिमारी व महिलाओं के प्रसाद की दशा 03 कि०मी० खड़ी उतराई व चढ़ाई पर मरीज को चारपाई / कुर्सी के माध्यम से चार व्यक्तियों द्वारा कंधे में उठाकर पैदल है। मोटर मार्ग तक पहुँचाया जाता है (फोटो संलग्न है ।)

इस कारण मोटर मार्ग न होने के कारण कुछ परिवार ऋषिकेश व देहरादून पलायन करने को मजबूर हो गये, आज यदि मोटर मार्ग बन जाता है तो कई परिवार पलायन करने का तैयार है मोटर मार्ग न बनने को कारण ग्रामवासी अत्यन्त दुखी एवं आकोशित हैं।

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अन्त में टेण्डर होने पर भी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य 6 माह तक भी शुरू न होने के कारण थकहार कर न चाहते हुये भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम वासियों एक आन्दोलन करने का कठोर निर्णय लेने हेतु बाध्य हुए हैं कि यदि 14.08.2022 तक टेण्डर के अनुसार सड़क निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं किया जाता है, तो स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2022 को एक दिवसीय अनशन / सत्याग्रह धरना / प्रदर्शन मोहन चटट्टी से आगे झूला पुल को जाने वाली रोड़ के उपर करना जनता की मजबूरी होगी। सत्याग्रह स्थल पर ही आगे के आन्दोलन की भी घोषणा की जायेगी।

 

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