उत्तराखंड क्रांति दल ने उठाया एन आर आई विजय वात्सल्य के मौत का मामला
एन आर आई विजय वात्सल्य के हत्या पर क्यों है मौन उत्तराखंड के पुलिस एवं उत्तराखंड सरकार- शिव प्रसाद सेमवाल
देहरादून- उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा आज पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, इस प्रेस वार्ता का मुख्य उद्देश्य एन आर आई विजय वात्सल्य की हत्या से एवं 84 साल के बुजुर्ग पिता को न्याय ना मिलने, सरकार के ढुलमुल रवैया एवं उत्तराखंड पुलिस प्रशासन द्वारा कोई एक्शन ना लिया जाना से संबंधित था।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह उत्तराखंड के लिए दुर्भाग्य की बात है कि उत्तराखंड की कमांड इस तरह के नालायक और निकम्मी पुलिस प्रशासन एवं सरकार के पास है। जो 84 साल के वृद्ध पिता को दर-दर भटकने के लिए मजबूर कर दिया है।
सेमवाल ने सवाल उठाया कि जब यह पुलिस महकमा एक बूढ़े पिता के अर्जी पर एफआईआर भी नहीं लिख सकती तो फिर इनसे इंसाफ की क्या उम्मीद की जा सकती है? मैं शर्त लगा कर कहता हूं कि यह पुलिस महकमा उत्तराखंड के नाक कटाने पर आतुर है जो एक अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति को जो नासा का फाइनेंसियल एडवाइजर है उसकी हत्या हो जाती है प्रदेश के अंदर और सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगती है और उत्तराखंड की पुलिस एक एफआईआर तक दर्ज नहीं करती है।
यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता अनुपम खत्री ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल प्रमोद वात्सल्य के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है एवं यथा संभव हो सकेगा हम इनके साथ इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगे और न्याय दिलाएंगे।
यूकेडी महिला प्रकोष्ठ की केंद्रीय उपाध्यक्ष उत्तरा पंत बहुगुणा ने बताया कि अमेरिका निवासी एनआरआई विजय वात्सल्य की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला विजय के वृद्ध पिता प्रमोद कुमार वात्सल्य जहां राज्य के पुलिस की निराशाजनक कार्यप्रणाली को लेकर पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं, वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री व मौजूदा सांसद तीरथ सिंह रावत को भी मामले से अवगत करा कर न्याय की गुहार लगा चुके हैं I लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
केंद्रीय श्रमिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेंद्र पंत ने सरकार से इस हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग की है और संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई
की मांग की है।
समाजसेवी रामकुमार अत्री ने मीडिया से कहा कि यह घटना बीते 25 दिसंबर की है, तब से लेकर हम लगातार प्रशासन के गुहार लगा रहे हैं कभी इस थाने में कभी उस थाने में और कभी मंत्रियों के पास भी जा रहे हैं परंतु फिर भी हमारी एफ आई आर नहीं लिखी जा रही है।
वही प्रमोद वात्सल्य मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हम पुलिस प्रशासन से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाते फिर रहे हैं जबकि इस पुलिस प्रशासन को अपनी नौकरी में अच्छी तनखा एवं सारी व्यवस्थाएं उच्च कोटि की मिलती हैं फिर भी यह हमें ना सुरक्षा दे सकते हैं और ना ही हमारी बात सुनने समझने को तैयार है सारी सबूत एवं गवाहों को देने के बावजूद भी हमारे बेटे की हत्या की एफ आई आर तक नहीं लिख रही है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री को मामले से संबंधित प्रेषित किए गए पत्र में प्रमोद कुमार वात्सल्य ने सीएम को अवगत कराते हुए कहा है कि वर्ष 2011 में ही उनका पुत्र अमेरिका निवासी विजय कुमार वात्सल्य अमेरिका से उत्तराखंड आ गया था, यहां पर विजय ने काफी संपत्ति भूमि खरीदी।
मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र में प्रमोद वात्सल्य ने कहा है कि ऋषिकेश में भी एक फ्लैट विजय द्वारा पिता प्रमोद वात्सल्य के माध्यम से विक्रय किया गया I वृद्ध पिता प्रमोद ने कहा कि उनकी पुत्रवधू सुनीता ने अपने तथाकथित भतीजे व रिश्तेदारों के साथ मिलकर विजय की करोड़ों रुपए की संपत्ति को हड़पने की नियत से विजय की हत्या करने का षड्यंत्र रचा लिया था I पत्र में कहा गया है कि 25 दिसंबर 2022 से पूर्व करीब 5-6 करोड़ रुपए की संपत्ति भूमि को विजय द्वारा विक्रय किया गया था I आरोप लगाया कि संपत्ति हड़पने की नियत से पुत्रवधू सुनीता ने अपने रिश्तेदारों तथा तथाकथित भतीजे आदित्य से मिलकर करीब 4 करोड़ की नकद धनराशि षड्यंत्र के तहत ही हड़प कर ली I मुख्यमंत्री को प्रेषित किए गए ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि पुत्रवधू सुनीता ने अपने तथाकथित भतीजे एवं अन्य कुछ रिश्तेदारों के साथ मिलकर विजय की हत्या करने से पूर्व उसे निरंतर रात्रि के समय दूध में मिलाकर धीमा जहर दिया जाता रहा I आरोप लगाया है कि गत वर्ष 25 दिसंबर 2022 को मेरे बेटे विजय को बिजली के करंट लगाए गए और उसको मौत के घाट उतार हत्या कर दी गई तथा मामले को दुर्घटना करार देते हुए विजय की हत्या किए जाने के आनन-फानन में सबूत अथवा प्रणाम मिटाने के उद्देश्य से आनन-फानन में जला दिया गया I
यूकेडी श्रमिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेन्द्र पंत ने कहा कि प्रमोद कुमार वात्सल्य जब स्वयं अपने पुत्र विजय की अचानक हुई संदिग्ध परिस्थिति में मौत की खबर सुनकर दाह संस्कार स्थल पर पहुंचे तो वहां पर उनके साथ पुत्र वधू सुनीता तथा उसके तथाकथित भतीजे ने धक्का-मुक्की करते हुए मारपीट की I
पत्र में यह भी कहा गया है कि वास्तव में सुनीता के अपने तथाकथित भतीजे से अवैध संबंध है I और जो दो संताने हैं, वह भी इन दोनों की ही है I यह दोनों संताने उनके पुत्र विजय की नहीं है I प्रमोद कुमार वात्सल्य ने यह भी अवगत कराया है कि करोड़ों की संपत्ति डकारने के उद्देश्य से ही उनकी पुत्रवधू सुनीता तथा तथाकथित भतीजे ने विजय की हत्या की है I उन्होंने कहा कि जब वे अपने इस बेटे की हुई संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पुलिस महानिदेशक के दरबार में पहुंचे तो उन्होंने भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया और कोई संज्ञान नहीं लिया गया, जिससे मुझे निराश होकर लौटना पड़ा I
प्रेस वार्ता मे यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल, उत्तरा पंत बहुगुणा, राजेन्द्र पंत, अनुपम खत्री सहित मृतक एनआरआई के पिता प्रमोद वात्सल्य और रामकुमार खत्री आदि भी शामिल थे।