केन्द्रीय बजट 2023-24 श्री राजेश शर्मा, प्रबंध निदेशक केप्री ग्लोबल कैपिटल लिमिटेड की उम्मीदें

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देहरादून आपातकालीन पूंजीयों के लिए सोने को गिरवी रखने की अवधारणा सदियों से चली आ रही है और ग्रामीण बाजारों में अल्पकालिक ऋण प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में व्यापक रूप से लोकप्रिय है। गोल्ड लोन केंद्रित  एनबीएफसी आमतौर पर 50,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये के बीच के छोटे आकार के साथ कम पहुंच वाले बाजारों की क्रेडिट मांग को पूरा कर रहे हैं। आगामी बजट में गोल्ड लोन को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का दर्जा देने से बैंकों के लिए अधिक सामर्थ्य के साथ भाग लेने और गोल्ड लोन एनबीएफसी को रियायती दर पर फंड देने का मार्ग प्रशस्त होगा। निधियों की कम लागत अंतत: कम उधारी लागत वाले उधारकर्ताओं को लाभान्वित करेगी और सोने के संपार्श्विक ऋण के अधिक संस्थागतकरण में सहायता करेगा।

सीमित संसाधनों और कम अवसरों के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों की महिला उद्यमियों ने एमएसएमई क्षेत्र में प्रवेश करके भारतीय अर्थव्यवस्था में मूल्य जोड़ने की अपार क्षमता दिखाई है। PMAY जैसी लक्षित वित्त योजना अगर सरकार महिला एमएसएमई उद्यमियों के लिए घोषित करें जो 1 मिलियन रुपये से अधिक के टिकट आकार के लिए उपलब्ध करायी जाए, तो वह योजना समावेशिता को प्रोत्साहित करेगा और उनकी उद्यमशीलता की यात्रा को गति देगा।

वर्तमान में, MUDRA पुनर्वित्त केवल INR 1 मिलियन तक उपलब्ध है। यदि सरकार इस सीमा को बढाती है और पात्रता के लिए आयु, टिकट का आकार, अंतिम-उपयोग, मध्यस्थ NBFC के लिए धन की लागत, प्रसार आदि के लिए व्यापक रूप-रेखा प्रदान कर सकती है तो, MSME सेक्टर द्वारा व्यवसाय करने के लिये लगने वाले तृण की मांग को पुरा करने में काफी मददगार साबित होगा। सरकार नीति निर्माता मध्यवर्ती एनबीएफसी के लिए अंडरराइटिंग मानदंडों को परिभाषित करने के लिए दिशानिर्देश निर्धारित कर सकते हैं जैसे कि सुरक्षित और असुरक्षित ऋणों के लिए वर्गीकरण मानदंड, संवितरण समयरेखा, दस्तावेज़ीकरण आवश्यकता और ऋण राशि। इन योजनाओ के अंतर्गत 1 से 5 मिलियन रुपये के बीच सूक्ष्म श्रेणी में उद्यमियों की वित्तीय वृद्धि को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो सकता है।

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इसके अतिरिक्त, बजट 2021-22 ने सरफेसी (SARFAESI) के तहत ऋण वसूली के लिए पात्र न्यूनतम ऋण आकार को 5 मिलियन रुपये से घटाकर 2 मिलियन रुपये किया गया था। हालांकि, यह कम आकार के टिकटों के लिए आवास वित्त कंपनियों के लिए उपलब्ध है। छोटे आकार के एनबीएफसी ऋणों को सरफेसी (SARFAESI) के दायरे में लाने के लिए इस सीमा में संशोधन किया जाना चाहिए। सीलिंग को और घटाकर 1 मिलियन रुपये या उससे कम किया जा सकता है।

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जहां तक ​​हाउसिंग लोन का सवाल है, सरकार को पीएमएवाई (PMAY) क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के जरिए बढ़ी हुई फंडिंग के जरिए अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देना जारी रखना चाहिए। इसके अलावा, विशेष रूप से बढ़ती ब्याज दरों के परिदृश्य में आवास ऋण मांग को बढ़ाने के लिए, ब्याज भुगतान के लिए मौजूदा 2 लाख रुपये के सीमा और आवास ऋण पर मूल राशि के लिमिट में वृद्धि पर सरकार को विचार करना चाहिए।

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