-पंचायतों के प्रोत्साहनीकरण विषय पर होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर बैठक में हुई चर्चा
देहरादून। जिला पंचायत, विकासखंड और ग्राम पंचायतों का पैसा खर्च न होने पर दोषियों को दण्डित किया जायेगा। ऐसी ग्राम सभा, विकासखण्ड और जिला पंचायतों को चिन्हित कर कार्यवाही की जायेगी, जिनका सबसे खराब प्रदर्शन होगा।
उक्त बात प्रदेश के पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, लोक निर्माण,
सिंचाई, पर्यटन, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को सहस्त्रधारा रोड, डांडा लखौड़ स्थित पंचायती राज निदेशालय में 17 अप्रैल 2023 को नई दिल्ली विज्ञान भवन में होने वाले “पंचायतों का प्रोत्साहनीकरण विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन-सह पुरस्कार वितरण समारोह” की तैयारियों हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कैबिनेट की बैठक गांव में कराए जाने के लिए गांव का चयन करने के साथ-साथ जिला पंचायतों में भ्रष्टाचार के जो भी मामले उजागर हुए हैं उन पर सख्ती से कार्यवाही की जाए।
पंचायत मंत्री सतपाल महाराज ने पंचायत अधिकारियों से पूर्व में आयोजित बैठक में तय हुऐ विषय पंचायत निदेशालय में कॉल सेंटर, व्हाट्सएप नंबर आदि स्थापित किये जाने पर पंचायत अधिकारियों ने बताया कि 1 मई 2023 तक निदेशालय में सेंटर की स्थापना कर दी जाएगी। पंचायत मंत्री ने कहा कि पंचायतें स्वयं के आय के स्रोत में वृद्धि करने के लिए कार्य योजना तैयार करें।
पंचायत मंत्री श्री महाराज ने ग्राम पंचायतों, विकासखंड और जिला पंचायतों में स्वच्छता एवं पेयजल के लिए 15वें वित्त आयोग से मिली धनराशि को 2020-21, 2021-22, 2022-23 तक खर्च ना करने पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि जिन ग्राम पंचायतों विकास खंडों और जिला पंचायतों में पैसा खर्च नहीं होगा उनके जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश के 13 जनपदों की पंचायतों में 15 वें वित्त आयोग से जिला पंचायत को मिले 81.29 करोड़ में से 63.07 करोड़, ग्राम पंचायतों को मिले 402.72 करोड़ में से 315.36 करोड़ और विकासखण्डों को मिले 54.20 करोड़ में से मात्र 34.70 करोड़ की धनराशि खर्च किये जाने पर दोषियों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। की धनराशि इसके अलावा जो ग्राम सभाएं ,जिला पंचायत और विकासखंड सबसे अच्छा कार्य करेंगे उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा।
बैठक में जागेश्वर विधायक मोहन सिंह, पंचायतीराज सचिव नितेश झा, अपर सचिव ओंमकार सिंह, अपर निदेशक मनोज कुमार तिवारी, संयुक्त निदेशक रविनाथ रमन त्रिपाठी एवं हिमाली आदि अधिकारी मौजूद थे।