ओरियाना पावर ने हरियाणा में 2.7MWp क्षमता का सिंगल रूफटॉप सोलर पावर प्लांट सफलतापूर्वक शुरु किया

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·        पानीपत की इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) रिफाइनरी में इंडियन सिंथेटिक रबर प्राइवेट लिमिटेड के लिए कमिशन किया गया यह प्लांट आईओसीएल व त्रिमूर्ति होल्डिंग कॉर्पोरेशन का संयुक्त उपक्रम है।
·        हरियाणा में कमिशन हुए सबसे विशाल सिंगल रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों में से यह एक है।
·        यह कॉन्ट्रैक्ट लगभग 1.85 मीलियन यूएस डॉलर का था और इसे रिकॉर्ड तीन महीनों के भीतर सफलतापूर्वक कमिशन कर दिया गया है।

देहरादून। भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती सौर ऊर्जा समाधान प्रदाताओं में से एक ओरियाना पावर ने पानीपत, हरियाणा स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) में 2.7 MWp क्षमता के सिंगल रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की कामयाब कमिशनिंग की आज घोषणा की, इसके साथ ही यह प्लांट हरियाणा राज्य की सबसे बड़ी परियोजनाओं में शामिल हो गया है। इस संयंत्र को इंडियन सिंथेटिक रबर प्राइवेट लिमिटेड के लिए कमिशन किया गया जो की आईओसीएल व त्रिमूर्ति होल्डिंग कॉर्पोरेशन का संयुक्त उपक्रम है। इसे रिकॉर्ड तीन महीनों के भीतर पूरा कर लिया गया है।

आईओसीएल रिफाइनरी रूफटॉप सोलर पावर प्लांट हर साल लगभग 3.8 मीलियन यूनिट स्वच्छ बिजली पैदा करेगा तथा व्यवस्थित ढंग से नवीकरणीय ऊर्जा की संभावनाओं का दोहन करने की राज्य सरकार की योजना में सहयोग भी देगा। 19,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला और लगभग 5,500 सोलर पैनलों से शक्ति पाने वाला यह प्रोजेक्ट हर साल इतनी हरित बिजली उत्पन्न करेगा जो 3,232 टन कार्बन डाइऑक्साइड का परहेज करने के बराबर है (यानी हर साल 3.9 लाख पेड़ लगाने जितना)।

ओरियाना पावर के सह-संस्थापक व चीफ बिज़नेस ऑफिसर अनिरुद्ध सारस्वत ने कहा, ’’हरियाणा में साल में लगभग 330 दिन धूप रहती है, इसलिए हरियाणा में सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु बहुत संभावनाएं हैं, इसलिए जब सौर ऊर्जा से बिजली बनाने की बात आती है तो उत्तर भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में हरियाणा का नाम आता है। कभी न खत्म होने वाली सौर ऊर्जा की संभावनाओं का दोहन करने से हम उस ’ऐनर्जी मिक्स’ के युग में प्रवेश कर सकेंगे जिसकी हमें आवश्यकता है और साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड व अन्य विषैली गैसों का उत्सर्जन भी घटेगा। इस प्रोजेक्ट के जरिए हम न केवल हरियाणा सरकार को नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोग कर रहे हैं बल्कि कार्बन फुटप्रिंट घटाने व प्रदेश में सस्टेनेबल विकास को भी बढ़ावा दे रहे हैं। उम्मीद है की इस प्रोजेक्ट से राज्य में ऊर्जा दक्षता में इज़ाफा होगा और स्थानीय समुदायों के भीतर रोजगार के मौके बनेंगे, इस तरह स्थानीय अर्थव्यवस्था एवं आजीविका में योगदान हो सकेगा। मैं आईओसीएल को धन्यवाद देता हूं की उन्होंने टोटल पावर मिक्स में नवीकरणीय ऊर्जा फुटप्रिंट को बढ़ाने व जीवाश्म ईंधन आधारित पावर प्लांट में बनने वाली बिजली के चलते कार्बन उत्सर्जन घटाने के मिशन में हमें अपना साझेदार चुना।’’

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