संघर्ष औऱ संगठन को मजबूत बनाने के संकल्प के साथ भोजन माताओं का जिला सम्मेलन संम्पन्न विमला कौशल अध्यक्ष मोनिका महामन्त्री चुनी गयी ।

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देहरादून : सीटू से सम्बद्ध उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन का पांचवां जिला सम्मेलन कांवली रोड स्थित पुराण चंद मेमोरियल हॉल में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सीटू के राज्य अध्यक्ष कामरेड राजेन्द्र सिंह नेगी ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि वर्तमान की मोदी सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों में से 29 प्रभाव शाली श्रम कानूनों को समाप्त कर उनके स्थान पर चार श्रम सहिंताये बनाई गई है जोकि पूर्ण रूप से मालिको , पूंजीपतियों के हितों को साधने व मजदूरों को गुलामी की ओर धकेलने का काम कर रही है । उन्होंने कहा कि सीटू के द्वारा चलाए गए आंदोलन वाह सभी ट्रेड यूनियनों को साथ लेकर चलाए गए आंदोलन के कारण केंद्र की मोदी सरकार इन चारों श्रम संहिताओं को अभीतक लागू नही कर सकी है किन्तु ये सरकार यदि 2024 में फिर से चुन कर आती है तो ये चारों श्रम सहिंताये लागू कर देगी जिससे मजदूरों पूंजीपतियों या मालिको के रहमो करम पर ही छोड़ दिया जाएगा जबकि ये सभी श्रम कानून हमारे पूर्वजों द्वार बहुत भारी कुर्बानिया दे कर हासिल किए गए थे । जिन्हें मजदूर वर्ग समाप्त नही होने देगा ।
इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखरज ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि भोजन माताओ को सरकार द्वारा मात्र तीन हजार रुपये प्रति माह दिया जाता है वो भी ग्यारह माह तक दिया जाता है इस महंगाई के समय मे भोजन माताएं कैसे अपना व अपना परिवार का पालन पोषण करें इस पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है । और सरकार द्वारा इन्हें कामगार भी घोषित नही किया गया है जिससे इन्हें न्यूनतम मजदूरी का भी अधिकार प्राप्त नही है और न ही कोई कि स्वास्थ्य बीमा EPF , ग्रेजुएटी , पेंशन जैसी सुविधाओ से कोसो दूर है इनसे काम तो बहुत लिया जाता है किंतु काम का दाम नही दिया जा रहा है । उन्होंने सरकार से मांग की है कि 45 व 46 वें श्रम सम्मेलन की शिफारिसो को भी लागू नही किया गया है जिसके अनुसार स्किम वर्क्स को कामगार घोषित करने , ग्रेजएटी , पेंशन,न्यूनतम वेतन देने सामाजिक सुरक्षा लागू करने की सिफारिश की गई थी किन्तु मोदी सरकार द्वारा इन्हें ये सुविधा देने की विजय मध्याह्न भोजन योजना को ही समाप्त करने पर तुली है जिसका आंदोलन कर व 2024 के आम चुनाव में मोदी को खामियाजा भुगतना पड़ेगा ।
इस अवसर पर महामन्त्री मोनिका ने यूनियन की रिपोर्ट रखी जिस पर लगभग 20 लोगों ने बहस में हिस्सा लिया ।
अंत में कार्यकारणी का चुनाव किया गया जिसमें 13 सद्स्ययी कार्यकारणी चुनी गई जिसमें विमला कौशल अध्यक्ष , बबिता, कमला गुरुंग उपाध्यक्ष , मोनिका महामन्त्री , रोशनी कोषाध्यक्ष, शकुंतला , शांति भंडारी सचिव चुनी गई मोनी चौधरी , मीना नेगी , सुमिता , रजनी , ममता कार्यकारणी सदस्य चुनी गई इससे पूर्व सीटू का झंडा रोहण मोनिका ने किया , शहीदों को श्रधांजलि देते हुए शहीद बेदी पर पुष्पांजलि अर्पित की गई तत पश्चात शोक प्रस्ताव रखा गया व दो मिनट का मां रख कर श्रधांजलि दी गयी ।
इस अवसर पर अपनी मांगों को लेकर संघर्ष करने व संगठन को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया व तय किया गया कि वे महिलाओं पर होने वाले अपराधों का भी विराध करेंगी ।
इस अक्सर पर मसूरी सीटू के अध्यक्ष सोबन सिंह पंवार , ने भी अपने विचार व्यक्त किए इस अवसर पर बबली देवी , रूपा देवी ,प्रमिला देवी ,सुनीता देवी, बीना, गोदाम्बरी , भुवनेश्वर बिष्ट ,सुधा देवी ,भावना बोरा, रजनी कलावती ,पुष्पा , रेखा, कांति देवी ,लक्ष्मी देवी ,रामेश्वरी देवी , कमला देवी , वंदना ,आरती , दर्शनी देवी , राजेश्वरी , निर्लेश मधु मिश्रा आदि बड़ी संख्या में भोजन माता उपस्थित थे ।

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