किडनी फेल, लीवर फेल, कैंसर, हार्ट प्रॉब्लम से ठीक मरीजों ने अपने अनुभव साझा किए

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देहरादून। हॉस्पिटल्स एंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिकल साइंसेज एचआईआईएमएस ने एक कार्यक्रम में एकीकृत चिकित्सा विज्ञान के प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘व्हेन क्योर इज क्राईम’’ का विमोचन किया गया।

इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के साथ एकीकृत चिकित्सा के क्षेत्र में प्रमुख डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने उल्लेखनीय केस अध्ययनों को साझा किया। कार्यक्रम में ऐसे रोगियों को दिखाया गया जिन्होंने नवीन और अपरंपरागत चिकित्सा दृष्टिकोण अपना कर डायलिसिस (सीकेडी), इंसुलिन (मधुमेह प्रकार 1), और ब्लड ट्रांसफ्यूजन (थैलेसीमिया) से मुक्ति हासिल की है।

कार्यक्रम में अनावरण नवीनतम पुस्तक, ‘‘व्हेन क्योर इज क्राईम’’ अपरंपरागत उपचारों पर प्रकाश डाल स्वास्थ्य देखभाल के बारे में हमारी समझ को नया आकार देने का वादा करती है, जिन्होंने रोगियों के जीवन को सफलतापूर्वक बदल दिया है। अपनी नई किताब में, मैं साझा करना चाहता हूं यह ज्ञान मेरे उन सभी रोगियों के पास है जो गुरुत्वाकर्षण प्रतिरोध और आहार का उपयोग करके बेहतर हो गए हैं। इसमें गर्म पानी के उपचार जैसी चीजें शामिल हैं, जिससे क्रोनिक किडनी रोग और दोनों प्रकार के मधुमेह जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद मिली है।

एचआईआईएमएस के संस्थापक आचार्य मनीष ने बताया कि मधुमेह के इलाज के लिए पारंपरिक तरीकों को अपनाने के महत्व पर ध्यान आकर्षित किया, जो ऐसे दृष्टिकोणों की क्षमता पर प्रकाश डालता है। उन्होंने पूरे भारत में प्रत्येक स्कूली पाठ्यक्रम में आयुर्वेदिक अध्ययन को अनिवार्य रूप से शामिल करने की वकालत करते हुए शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी बदलाव की आवश्यकता को भी महत्व देने की सलाह दी।

सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने कहा, मौजूदा ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज़ एक्ट 1954 का गहन पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। प्राकृतिक उपचार और समग्र दृष्टिकोण पर ध्यान देने के साथ प्राकृतिक चिकित्सा को प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार प्रणाली के रूप में बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

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