पीएनबी में राजभाषा समारोह एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया

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-काव्य संध्या में कवि पद्मश्री डॉ. अशोक चक्रधर की कविताओं ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

देहरादून –   पंजाब नैशनल बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र में देश के अग्रणी बैंकों में से एक, प्रधान कार्यालय, द्वारका, में हिंदी माह के उपलक्ष्य में राजभाषा समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री अतुल कुमार गोयल ने की। इस अवसर पर बैंक के कार्यपालक निदेशकगण श्री कल्याण कुमार, श्री बिनोद कुमार, श्री एम परमशिवम तथा मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) श्री राघवेन्द्र कुमार एवं मुख्य महाप्रबंधक राजभाषा श्री सुमन्त महान्ती तथा महाप्रबंधक श्री डी साहू सहित अन्य मुख्य महाप्रबंधकगण एवं महाप्रबंधकगण विशेष रूप से उपस्थित रहे।

 

कार्यक्रम का शुभारंभ एमडी एवं सीईओ द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। माननीय प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं कार्यपालक निदेशकगणों द्वारा लाला लाजपत राय राजभाषा शील्ड प्रतियोगिताओं के विजेताओं को शील्ड प्रदान किए गए। इस अवसर पर बैंक के मोबाइल एप पीएनबी प्राइड के राजभाषा मॉडयूल का शुभारम्भ तथा बैंक की गृह पत्रिका पीएनबी प्रतिभा के “ग्राहक सेवा तथा बैंक डिपॉजिट विशेषांक” का लोकार्पण किया गया। प्रसिद्ध कवि पद्मश्री डॉ. अशोक चक्रधर एवं कवियित्री सुश्री मधुमोहनी उपाध्याय जी ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। डॉ. अशोक चक्रधर जी ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और साथ ही अपनी काव्य रचनाओं के माध्यम से सामाजिक सन्देश देकर भाव-विभोर भी कर दिया तथा कवियित्री सुश्री मधुमोहनी उपाध्याय ने अपनी भावपूर्ण कविताओं से श्रोताओं को भावविह्वल कर दिया। श्रीमती मनीषा शर्मा, सहायक महाप्रबंधक-राजभाषा, ने बैंक की हिंदी के क्षेत्र में उपलब्धियों के बारे में सभी को जानकारी दी।

 

 

बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय ने सर्वप्रथम राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार से बैंक को 02 ‘राजभाषा कीर्ति’ पुरस्‍कार, ‘राजभाषा कीर्ति’ प्रथम पुरस्‍कार एवं पंजाब नैशनल बैंक की गृह पत्रिका पीएनबी प्रतिभा को ‘राजभाषा कीर्ति’ द्वितीय पुरस्‍कार प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए समस्त स्टाफ सदस्यों को हार्दिक बधाई दी तथा अपने अनुभवों एवं विचारों को साझा करते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार राजभाषा कार्यान्वयन के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

 

 

 

 

 

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