भरसार विश्वविद्यालय को शीघ्र मिलेगी एम्बुलेंस व चिकित्सक : डॉ. धन सिंह रावत

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– कहा, उपनल कार्मिकों की समस्याओं के समाधान के लिये बनाये ठोस नीति

– अधिकारियों को दिये प्रेक्षागृह सहित अन्य निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश

देहरादून –  पौड़ी जनपद में स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार की समस्याओं का शीघ्र समाधान निकाला जायेगा। इसके लिये विश्वविद्यालय व शासन के अधिकारियों को आपस में बैठ कर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं। विश्वविद्यालय को शीघ्र ही एक एम्बुलेंस व चिकित्सक उपलब्ध करा दिया जायेगा। इसके अलावा उपनल कार्मिकों का वेतन सहित अन्य समस्याओं के लिये भी ठोस नीति बनाने को कहा गया है। साथ ही विश्वविद्यालय में चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाने के साथ ही छात्र-छात्राओं को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी बैठक में दिये हैं।

सूबे के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र में स्थित उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार की विभिन्न समस्याओं को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन व शासन के अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा के मध्यनज़र घेरबाड़ के लिये चैनलिंग फैंसिंग का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराया जाय। साथ ही विश्वविद्यालय के परिसार में चल रहे प्रेक्षागृह व अन्य निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाय। आवासशीय परिसर में रह रहे छात्र-छात्राओं के लिये पुस्तकालय सहित खेल सामग्री आदि सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को शीघ्र एम्बुलेंस व चिकित्सक सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। ताकि वहां रह रहे छात्र-छात्राओं के साथ ही कार्मिकों व उनके परिजनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेगी। इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालय में कार्यरत उपनल कार्मिकों को समय पर वेतन न मिलने सहित उनकी अन्य समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन व शासन के अधिकारियों को दिये। डा. रावत ने क्षेत्र के काश्तकारों को कृषि एवं औद्यानिकी पर आधारित प्रशिक्षण देने के लिये ठोस कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वद्यिलय के कुलपति प्रो0 परमिन्दर कौशल, अपर सचिव कृषि एवं कृषि शिक्षा आनंद स्वरूप, प्रभारी निदेशक शोध डॉ. अमोल वशिष्ठ सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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