देहरादून : वैश्विक गेमिंग उद्योग में भारत के स्थान को नए सिरे से पेश करने के लिए तैयार एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, उद्योग संवर्धन और आतंरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने विंज़ो के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की है। विंज़ो भारत का सबसे बड़ा सोशल गेमिंग और इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट प्लैटफॉर्म है। दो वर्षों के इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देने, कुशल प्रतिभाओं को तैयार करने और स्टार्टअप कंपनियों को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा योग्य बनाकर भारत के इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट क्षेत्र की वृद्धि में तेजी लाना है।
अपनी तरह के इस पहले सहयोग के द्वारा 2,000 से ज़्यादा स्टार्टअप कंपनियों, इनोवेटर्स और स्टूडेंट्स का एक मज़बूत सिस्टम बनाने पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे उन्हें मार्गदर्शन, उद्योग की जानकारी और वैश्विक अवसरों तक पहुँच मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य गेमिंग और टेक्नोलॉजी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विज़न के अनुरूप भारत को इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करना है, जो 300 बिलियन डॉलर के वैश्विक गेमिंग बाज़ार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हासिल करेगा।
इस साझेदारी के तहत विंज़ो द्वारा डीपीआईआईटी के सहयोग से एक सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस (सीओई) स्थापित किया जाएग। यह सीओई स्टार्टअप और उद्यमियों के लिए एक लॉन्चपैड के रूप में काम करेगा, जो कुशल, उद्योग के लिए तैयार कर्मचारियों का निर्माण करने, भारतीय गेमिंग प्रॉपर्टीज के लिए मौद्रीकरण रणनीतियों को नया रूप देने, विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाले वैश्विक बाजारों के लिए ‘मेड इन इंडिया’ बौद्धिक संपदा विकसित करने, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने और भारत में इंटरैक्टिव टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स के उत्पादन को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर फोकस करेगा। मौद्रीकरण और टैलेंट में काफी कमी होने जैसी दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करके, यह सीओई भारत के गेमिंग और इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट उद्योग के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यूएसआईएसपीएफ की हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत का इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट क्षेत्र वर्ष 2034 तक 60 बिलियन डॉलर तक पहुँच जाएगा, जिससे 2 मिलियन से अधिक नौकरियों का सृजन होगा। डीपीआईआईटी-विंज़ो साझेदारी को हैकथॉन, कार्यशालाओं, ऐक्सेलरेटर कार्यक्रमों और क्यूरेटेड पिच इवेंट्स के माध्यम से स्टार्टअप को बढ़ावा देकर इस क्षमता का लाभ उठाने के लिए डिजाईन किया गया है।
इसके अतिरिक्त, यह समझौता ज्ञापन विंज़ो के अग्रणी टेक ट्रायम्फ प्रोग्राम (भारत संस्करण) का विस्तार करेगा, जो भारत के शीर्ष गेम डेवलपर्स की पहचान करने और उन्हें सलाह देने का एक मंच है। यह कार्यक्रम पहले ही गेम डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (जीडीसी) और गेम्सकॉम एलएटीएएम (लैटिन अमेरिका) जैसे वैश्विक मंचों पर भारत की गेमिंग प्रतिभा को प्रदर्शित कर चुका है और अब डीपीआईआईटी के समर्थन से इसका प्रभाव बढ़ेगा।
डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री संजीव सिंह ने कहा कि, “यह साझेदारी एक उत्पादक और निर्यातक के रूप में भारत की क्षमता का लाभ उठाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। विंज़ो के साथ अपने सहयोग के माध्यम से, हम नई-नई खोजों और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना चाहते हैं और स्टार्टअप को वैश्विक मानकों के उत्पाद बनाने के लिए सशक्त करना चाहते हैं। यह पहल भारत को इटरैक्टिव टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनाने के हमारे दृष्टिकोण से मेल खाती है, जो प्रधान मंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में सार्थक योगदान देती है।”
एमओयू में कोडिंग, एनीमेशन, गेम डिजाइन और विकास में अत्याधुनिक कौशल से पेशेवरों को लैस करके इस क्षेत्र में प्रतिभा की कमी को पूरा करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। सीओई स्टार्टअप्स को इंटरएक्टिव एंटरटेनमेंट वेंचर्स के लिए विंज़ो के 50 मिलियन डॉलर के फंड तक पहुंचने, उद्योग के दिग्गजों से सलाह लेने और निवेशकों के साथ सीधे संपर्क करने के अवसर प्रदान करेगा।
डॉ. सुमीत कुमार जारंगल, डायरेक्टर (स्टार्टअप इंडिया), डीपीआईआईटी ने कहा कि, “यह पहल उद्योग-साझेदारों के साथ सहयोग के द्वारा उद्यमियों के लिए एक विकसित इकोसिस्टम के निर्माण के प्रति हमारी वचनबद्धता को दिखाता है। संसाधन, मार्गदर्शन और वैश्विक अनुभव प्रदान करके हम न केवल स्टार्टअप तैयार कर रहे हैं, बल्कि प्रतिभा और नवाचार का भण्डार खड़ा कर रहे हैं, जो भारत को वैश्विक गेमिंग उद्योग की अगली पंक्ति में स्थापित करेंगे।”
विंज़ो की को-फाउंडर, सौम्या सिंह राठौड़ ने कहा कि, “डीपीआईआईटी हमारे जैसे उद्यमियों को सपने देखने, निर्माण करने और भारत से विश्व तक पहुँचने के लिए सशक्त करने में एक बुनियाद का पत्थर रहा है और इसके साथ सहयोग करना हमारे लिए सम्मान की बात है। यह समझौता ज्ञापन एक ऐसे परितंत्र के निर्माण की दिशा में परिवर्तनकारी कदम है जो न केवल भारत के लिए नवाचार का पोषण करता है, बल्कि भारतीय प्तुआदों एवं बौद्धिक संपदा को वैश्विक मंच पर स्थापित भी करता है। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में तेजी लाकर, विश्व-स्तरीय प्रतिभा को बढ़ावा देकर और भविष्य-तत्पर बौद्धिक संपदा के निर्माण को गति देकर हम इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट के एक नए युग की बुनियाद तैयार कर रहे हैं। स्टार्टअप महाकुम्भ के दौरान माननीय प्रधान मंत्री के आह्वान से प्रेरित होकर हम इसे गेमिंग और टेक्नोलॉजी नवाचार में भारत को एक वैश्विक लीडर बनाने के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के रूप में देखते हैं।