हल्द्वानी- कोरोना का कहर इंसानों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों पर भी देखा जा रहा है। कोरोना संकट के चलते हल्दूचैड़ स्थित गो सेवा आश्रम में रह रहे करीब 1500 से अधिक गोवंशियों के आगे चारे का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में संस्था ने सरकार और आम लोगों से इस संकट की घड़ी में गोवंशियों की जान बचाने के लिए मदद करने की अपील की है। ताकि इन जानवरों को चारा उपलब्ध हो सके।
हल्द्वानी के हल्दूचैड़ स्थित हरे रामा हरे कृष्णा गो सेवा आश्रम में 15 सौ से अधिक गोवंश के संरक्षण करने का काम किया जाता है। आश्रम में घायल, बेसहारा गोवंश के रखने के साथ-साथ उनके चारे और इलाज की व्यवस्था की जाती है। लेकिन कोरोना संकट के चलते इन बेजुबान जानवरों के आगे चारे का संकट खड़ा हो गया है। गो सेवा आश्रम प्रबंधक गोपीनाथ दास ने बताया कि गायों के रखरखाव और संरक्षण में रोजाना करीब ₹1 लाख से अधिक का खर्चा आता है। कोरोना संकट के चलते आश्रम को मिलने वाली सहायता बंद हो चुकी है। लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते गोवंशियों को उपलब्ध कराए जाने वाले भूसा और चारे आश्रम तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में अब गोवंशियों के आगे चारे का संकट खड़ा हो गया है। आश्रम प्रबंधक के कहा कि गोवंशियों के चारे की सहायता के लिए मुख्यमंत्री से लेकर जिला प्रशासन तक मुलाकात कर उनसे गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक कहीं से कोई सहायता नहीं मिली है। आश्रम को उधार में मिलने वाले भूसा और हरा चारा यूपी से यहां पहुंचता है, लेकिन उनका भुगतान नहीं होने के चलते व्यापारियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं।आश्रम प्रबंधक गोपीनाथ दास ने सरकार और आम जनता से अपील की है कि संकट के इस घड़ी में गोवंश को बचाने के लिए सामने आएं। जिससे इन बेजुबान जानवरों की जान बचाई जा सके। उन्होंने कहा कि अगर आश्रम की गायों के चारे के लिए आर्थिक मदद नहीं मिली तो उनकी मृत्यु हो सकती है, जिसके लिए हम सब पाप के भागी होंगे।