कोरोना का कहरः पिछले दो सप्ताह में श्मशान व कब्रिस्तानों में चार हजार से अधिक का अंतिम संस्कार

223

देहरादून-   कोरोना महामारी ने उत्तराखण्ड के हालात बदतर स्थिति में ला दिए है। जिससे कि प्रदेशवासी खौफ के साए मंे जीने को मजबूर है। उत्तराखण्ड में कोरोना से हो रही मौतों का आंकड़ा खौफनाक तस्वीर दिखा रहा है। इससे  इस बात की तस्दीक हो रही है कि सूबे के  हालात ठीक नहीं हैं। हर रोज श्मशान घाट और कब्रिस्तान में पहुंचने वाली लाशों की संख्या खौफ पैदा कर रही है। शहरी विकास विभाग द्वारा दिए गए आंकड़े अनुसार 12 दिनों के भीतर 4197 शवों का अंतिम संस्कार पूरे प्रदेश के 295 श्मशान घाट और कब्रिस्तान में किया गया है। शहरी विकास विभाग के प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने पूरे प्रदेश के 91 शहरी निकायों में मौजूद श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों का आंकड़ा जारी किया। जो बेहद ही डराने वाला है। शहरी विकास विभाग के आंकड़े के अनुसार पूरे प्रदेश

Also Read....  जनता के लिए खुलेगा देहरादून के राजपुर रोड स्थित ‘राष्ट्रपति आशियाना’

में 20 अप्रैल से लेकर 2 मई तक यानी 12 दिनों के भीतर   4197 शवों का अंतिम संस्कार प्रदेश के 295 श्मशान घाट और कब्रिस्तनों में किया गया है। प्रदेश में प्रतिदिन केवल 135 शवों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाटों और कब्रिस्तान में कितना दबाव है। यही वजह है कि सरकार को इसके लिए भी अधिकारी नियुक्त करने पड़े हैं। शहरी विकास विभाग के आंकड़ों अनुसार 20 अप्रैल से 2 मई तक कोविड-19 की वजह से हुई मौतों के चलते 1523 शवों को श्मशान घाट और कब्रिस्तान लाया गया। वहीं इसके अलावा अन्य कारणों से हुई मौत के चलते 2673 शवों को प्रदेश के श्मशान घाटों और कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। वहीं, 1 मई 130.8 टन लकड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए इस्तेमाल किया गया। वहीं, 529 टन लकड़ी अंतिम संस्कार के लिए उपलब्ध है।

Also Read....  नई दिल्ली प्रगति मैदान में होने जा रहे अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन कॉन्फ्रेंस में प्रतिभाग करेंगे सहकारिता मंत्री उत्तराखंड डॉ धनसिह रावत

LEAVE A REPLY