UP के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का न‍िधन तीन दिन का राजकीय शोक घोष‍ित

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लखनऊ-  उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का एक लंबी बीमारी के बाद शन‍िवार को न‍िधन हो गया। उन्हें चार जुलाई को संजय गांधी स्नात्कोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थानके आईसीयू में गंभीर अवस्था में भर्ती किया गया था। लंबी बीमारी और शरीर के कई अंगों के धीरे-धीरे फेल होने के कारण आज उन्होंने अंतिम सांस ली। पीजीआइ के डाक्टरों ने कल्याण सिंह की स्थिति बेहद नाजुक होने की जानकारी मुख्यमंत्री समेत उनके परिवार के लोगों को भी दी थी। शनिवार को देर शाम यह सूचना मिलने पर योगी आदित्यानाथ उन्हें देखने एसजीपीजीआइ पहुंचे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्‍यमंत्री कल्‍याण स‍िंंह के न‍िधन पर शोक जताते हुए उत्तर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोष‍ित क‍िया है।

भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक कल्याण सिंह का पार्टी के साथ ही भारतीय राजनीति में कद काफी विशाल था। अयोध्या के विवादित ढांचा के विंध्वस के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह भाजपा के कद्दावर नेताओं में से एक थे। कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री तेजपाल लोधी और माता का नाम श्रीमती सीता देवी था। कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अतरौली के विधानसभा के सदस्य थे। वह बुलंदशहर तथा एटा से लोकसभा सदस्य भी रहने के साथ राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे। राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त करने के बाद कल्याण सिंह ने लखनऊ में आकर एक बार फिर से भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

पहली बार कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वर्ष 1991 में बने और दूसरी बार यह वर्ष 1997 में मुख्यमंत्री बने थे। उत्तर प्रदेश के प्रमुख राजनैतिक चेहरों में एक इसलिए माने जाते हैं, क्यूंकि इनके पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ही बाबरी मस्जिद की घटना घटी थी। कल्याण सिंह भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने के बाद जून 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद अयोध्या में विवादित ढांचा के विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये छह दिसम्बर 1992 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया।

 

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