देहरादून – प्रात: नितनेम के पश्चात हज़ूरी रागी भाई कवरपाल सिंह जी ने आसा दी वार का शब्द “आगै सुख मेरे मीता,पाछे आनद प्रभ कीता” का गायन किया एवं बीबी भानी जी स्त्री सत्संग सभा के द्वारा रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग डाले गए।
भाई शमशेर सिंह जी हैंड ग्रंथी ने कहा कि बीबी भानी जी का जीवन सभ गुणों से भरपूर- प्यारे सुभा – मिलनसार – सेवा सिमरन की मुर्ति – सहनशील – सभर संतोख – निमरता – आज्ञाकारी और परउपकारी रहा और गुरु पुत्री, गुरु पत्नी, गुरु माता, गुरु दादी और गुरु पडदादी होने के साथ शहीदों का परिवार से होने का मान प्राप्त हुआ, कार्यक्रम में विशेष रूप से गुरुद्वारा साहिब जी के हजूरी रागी जत्थे भाई नरेन्द्र सिंह जी ने ‘गुरसिखा मनि वाधाईआ जिन मेरा सतगुरू डिठा राम राजे’ व ‘ बैठा सोढी पातिसाहु रामदास सतगुरू कहावै’ का शब्द गायन किया।।
हैंड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह जी ने सरबत के भले के लिए अरदास की, प्रधान, गुरबख्श सिंह राजन जी व जनरल सेक्रेटरी गुलज़ार सिंह जी द्वारा संगतों व बीबी भानी जी स्त्री सत्संग सभा को बीबी भानी जी के जन्म दिवस की बधाई दी ।। बीबी महिंदर कौर, बीबी कंवलजीत कौर व बीबी रनजीत कौर जी को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया।मंच का संचालन सतनाम सिंह ने किया।।
कार्यक्रम के पश्चात संगत ने सत्संग सभा के द्वारा तैयार किया गुरु का लंगर व प्रशाद ग्रहण किया,
इस अवसर पर सरदार गुरबख्श सिंह जी राजन अध्यक्ष, गुलज़ार सिंह महासचिव,सरदार जगमिंदर सिंह छाबड़ा,चरणजीत सिंह उपाध्यक्ष,मनजीत सिंह,गुरप्रीत सिंह जौली,अमरजीत सिंह छाबड़ा,सतनाम सिंह,राजिंदर सिंह राजा,अविनाश सिंह, अरविंदर सिंह आदि उपस्थित रहे।।