देहरादून- उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने मंगलवार को पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। प्रदेश में पहली बार 24 घंटे के अंदर 5703 नए संक्रमित मरीज आए हैं। वहीं, 96 मरीजों की मौत हुई है। साथ ही एक्टिव केस की संख्या भी 43 हजार पार हो गई है। आज 1471 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। प्रदेश में अब तक 1 लाख 62 हजार 562 संक्रमित मरीज आ चुके हैं, जिसमें से 1 लाख 13 हजार 736 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को 32171 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि देहरादून जिले में सबसे अधिक 2218 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं, हरिद्वार जिले में 1024, नैनीताल में 848, ऊधमसिंह नगर में 397, पौड़ी में 132, टिहरी में 204, रुद्रप्रयाग में 35, पिथौरागढ़ में 98, उत्तरकाशी में 242, अल्मोड़ा में 189, चमोली में 214, बागेश्वर में 44 और चंपावत में 58 संक्रमित मिले। वहीं, प्रदेश में अब कंटेनमेंट जोन की संख्या 208 पहुंच गई है। प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 43032 पहुंच गई है। वहीं, अब तक 2309 मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने के कारण रिकवरी दर लगातार घट रही है। एक माह पहले जहां रिकवरी दर 95 प्रतिशत से अधिक थी। वहीं, अब गिर कर 69.96 प्रतिशत पहुंच गई है। सक्रिय मामले बढ़ने से अस्पतालों पर इलाज का दबाव भी बढ़ गया है। गौचर में भट्टनगर के समीप रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी के 40 कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कंपनी परिसर को कंटेनमेंट जोन बना दिया है। यहां पर हर तरह की आवाजाही बंद रहेगी।
जिले में यह तीसरा क्षेत्र है जहां पर एक साथ कोविड के अधिक मामले मिलने पर कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। इससे पूर्व घाट ब्लाक के कुरूड़ में 127-प्रादेशिक सेना बटालियन गढ़वाल राइफल कैंप और गैरसैंण क्षेत्र के अंतर्गत कुशरानी बिचली गांव को कंटेनमेंट जोन बनाया जा चुका है।
उन्होंने सभी निर्माणदायी संस्थाओं को निर्देश दिए हैं कि उनके जो भी मजदूर बाहरी प्रदेशों से जिले में पहुंच रहे हैं, इसकी सूचना अनिवार्य रूप से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी जाए, ताकि उनकी सैंपलिंग कराई जा सके। मजदूरों की कोविड जांच रिपोर्ट आने तक उनको क्वारंटीन करने के निर्देश भी दिए गए। कुरुड़ में गढ़वाल राइफल के 45 जवान व कर्मचारियों को कंटेनमेंट जोन के अंदर रखा गया है। सेना कैंप की चारों ओर तारों से घेरबाड़ की गई है। जबकि दो जवानों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें सेना अस्पताल जोशीमठ में भर्ती किया गया है। जबकि 45 लोगों को अलग-अलग कैंपों में रखा गया है।