देहरादून : – नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) द्वारा जरूरत मन्दों के लिए संचालित होने वाली अपनी पाठशाला की संचालिका कविता खान वैसे तो सामान्य दिनो में बागड़ियों और जरूरत मंद बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देती हैं किंतु लॉक डाउन के चलते अभी ये पाठशाला बन्द करनी पड़ी और इधर कोरोना का ग्राफ बढ़ने से को ऑक्सीजन सिलेंडर की होने वाली कमी ने कविता खान को मरीजों के विषय मे सोचने को बाध्य कर दिया किन्तु समस्या यह थी कि दिल मे मदद करने की चाह तो थी किन्तु खाली हाथ बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के कैसे मदद कर सकती थी । इस विषय मे जब उन्होने अपने पति नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान से बात करके मरीजों की मदद करने के अपने इरादे और अपने पास सिलेंडर न होने की समस्या के बारे मे बात करी तो उन्होने सुझाव दिया कि हमारे जितने भी परिचित या सम्पर्क मे गैस वैल्डिंग या एसी ठीक करने वाले हैं उनसे बात की जा सकती है हो सकता है कि इस वैश्विक महामारी को देखते हुए मानवता के नाते वो अपना ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवा दें । इस बारे मे जब ऑक्सीजन सिलेंडर का काम करने वाले अपने 10 परिचितों से बात की गई तो उनमे 04 ने सिलेंडर देने को मदद के हाथ बढ़े । फिर क्या था बिना वक्त गंवाए चारो सिलेंडर उठाते ही कविता खान ने मरीजों की सेवा शुरू कर दी और एक घण्टे के अंदर ही चारो सिलेंडर जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचा दिए गए । अब उन्ही चार सिलेंडरों की मदद से सिर्फ फोन द्वारा सम्पर्क करने पर ही कविता खान मरीजों की सेवा कर पा रही हैं । उनका कहना है कि जिस दिन खाली सिलेंडर हमारे पास आये थे उसी दिन एक घण्टे के अंदर ये सिलेंडर चले गए थे और तबसे वो आप दिनचर्या के घर काम काज निपटाने के साथ साथ ऑक्सीजन सिलेंडर सिर्फ फोन द्वारा ही एक मरीज से दूसरे मरीज तक पहुंचा कर मरीजों की सेवा कर रही हैं उनकी इस पहल को साकार करने के लिए उनके पति आरिफ खान , नवदीप गर्ग, सोमपाल सिंह व गुलज़ार अहमद ने आगे आकर उनकी मदद करी ।