दून के अक्षत जैन छोटे शहरों में उपलब्ध कराना चाहते हैं आइवी लीग शिक्षा

487

देहरादून –   शीर्ष भारतीय शहरों में नए जमाने की शिक्षण तकनीकों की काफी अच्छी सुविधाएं हैं, लेकिन बदलते शिक्षा परिदृश्य में टियर 2 और टियर 3 शहर अभी भी बहुत पीछे हैं। इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए, देहरादून के अक्षत जैन का उद्देश्य टियर II और टियर III शहर के छात्रों को सस्ती कीमतों पर आइवी लीग शिक्षा उपलब्ध कराना और उन्हें सशक्त बनाना है।

टियर 2 और टियर 3 शहर के छात्रों के सपनों को पूरा करने के उद्देश्य को मन में लेकर, अक्षत कहते हैं, “मौजूदा रुझानों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि भारत के युवाओं में कड़ी प्रतिस्पर्धा है। इसका सामना करने करने के लिए, एक युवा को कई क्षेत्रों में कुशल होने की जरूरत है, लेकिन टियर 2 और टियर 3 शहर की बुनियादी कमज़ोरी के कारण इन शहरों के छात्र यह करने में असमर्थ हैं। इसलिए, इस विषय में जीत पाने के लिए हमको यह सभी व्यवधानों को समाप्त करने की सख्त आवश्यकता है।”

Also Read....  खेल अधिकारियों ने मंत्री रेखा आर्या को ग्राउंड जीरो से की रिपोर्टिंग

अक्षत आगे बताते हैं, “कोविड महामारी और परिणामी लॉकडाउन ने स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चों की एक पूरी पीढ़ी को प्रभावित किया है। ई-लर्निंग की सुविधा का लाभ भी केवल कुछ ही छात्र उठा पाए जो समर्थ थे, लेकिन आज भी भारत के कई ऐसे युवा हैं जो पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण का लाभ उठाने के लिए डिजिटल उपकरणों की कमी होने के कारण शिक्षित नहीं हो पाए हैं। सामाजिक, मौद्रिक, भौगोलिक और कई अन्य कारकों के वजह से टियर II और टियर III शहर के छात्र शिक्षा प्रदान करने में असमर्थ हैं।”

Also Read....  कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी विरेंद्र पोखरियाल ने पार्षद प्रत्याशियों संग महारैली निकालकर दिखाई ताकत

अक्षत ने अपनी स्कूली शिक्षा वेल्हम बॉयज से हासिल करी है। उनके स्कूल की पूर्व प्रधानाचार्या गुनमीत बिंद्रा बताती हैं, “अक्षत वेल्हम के अपने समकक्ष छात्रों में शीर्ष में शुमार रहे हैं। उन्हें अडिग मूल्यों और जमीनी युवा के रूप में विकसित होते हुए देखना दिल को छू लेने वाला है। मैं हार्वर्ड स्कूल ऑफ एजुकेशन में मास्टर डिग्री के लिए एडमिशन होने पर बधाई देती हूँ। मुझे अक्षत की सफलता पर बेहद गर्व है।”

मैसाचुसेट्स के टफ्ट्स विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद, अक्षत को एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से नौकरी का प्रस्ताव मिला। लेकिन अपने देश के लिए अपने अपार प्यार और विश्वास को देखते हुए, उन्होंने इस आकर्षक विदेशी अवसर को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कड़ी मेहनत कर शिक्षा नेतृत्व में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में प्रवेश लिया। उन्होंने पूरी तरह सक्षम होकर भारत लौटने और शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन लाने की अपनी यात्रा को फिर से शुरू करने का संकल्प लिया है।

Also Read....  फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर ने 7वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया।

टियर -2 और टियर -3 शहरों की ओर वैश्विक शिक्षा धीरे धीरे अपने कदम बढ़ा रही है, और अक्षत जैन ऐसा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उनके इस संकल्प को देखकर शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को ज़रूर मिलेगा।

LEAVE A REPLY