देहरादून। उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के तीन दिवसीय प्रथम सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सरकार ने सदन में लेखानुदान पेश किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले चार माह के लिए 21,116.81 करोड़ का लेखानुदान सदन में पेश किया।
राज्यपाल के अभिभाषण के पश्चात सदन 12 बजे अपरान्ह 3 बजे के लिए स्थगित कर दिया गया। अपराह्न तीन बजे सदन शुरू होना था, लेकिन फिर चार बजे के लिए सदन स्थगित कर दिया गया। इसके बाद चार बजे सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा के पटल पर 21 हजार 116 करोड़ 81 लाख का लेखानुदान पेश किया। इस लेखानुदान में सरकार के चार महीने के खर्च की व्यवस्था की गई है। 16 हजार सात करोड़ राजस्व मद जबकि पांच हजार 109 करोड़ पूंजीगत मद में रखे गए हैं। विधानसभा सत्र के पहले दिन मंगलवार को राज्यपाल के बजट अभिभाषण के बाद शाम चार बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन के पटल पर लेखानुदान पेश किया। लेखानुदान में राज्य के जरूरी खर्चों के साथ ही कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का भी प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही राज्य में चल रही प्रमुख योजनाओं के लिए भी बजट की व्यवस्था की गई है। सदन में लेखानुदान पेश होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वित्त विभाग ने वर्ष 2022 -23 के लिए कुल 62 हजार 468 करोड़ 50 लाख का बजट प्रस्ताव तैयार किया था। जिसके पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई तक के लिए 21 हजार 116 करोड़ 81 लाख का लेखानुदान सदन के पटल पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि लेखानुदान सरकार के जरूरी खर्चों का बजट है और आगे के महीनों के लिए बजट अगले सत्र में पेश किया जाएगा। विधानसभा में मंगलवार को लेखानुदान रखे जाने के बाद बुधवार को इसे पारित किया जाएगा। इससे एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के पास खर्च के लिए बजट की व्यवस्था हो जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने इस बात के संकेत दिए कि बुधवार को ही सदन में लेखानुदान पास किया जाएगा। इससे बुधवार को ही सदन की कार्यवाही समाप्त होने की उम्मीद है। लेखानुदान में राज्य के सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के लिए 5796 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जबकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और अन्य लाभ के लिए 2229 करोड़ का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार द्वारा लिए गए ऋणों के भुगतान के लिए 1563 करोड़ जबकि ब्याज भुगतान के लिए 2256 करोड़ का प्रावधान किया गया है। विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की मांग पर अड़ गया। इस दौरान विपक्ष के तेवर तीखे रहे। विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करने की मांग की। जिस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि कार्यमंत्रणा के बाद सदन से अभिभाषण पास हो चुका है। कांग्रेस के प्रीतम सिंह व अन्य विधायक अभिभाषण पर चर्चा की मांग पर अड़े रहे। जिसके चलते सदन बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।