सिंचाई मंत्री महाराज ने उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की अधिकांश मांगें पूरी की

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Dehradun  –  सिंचाई विभाग एवं लघु सिंचाई विभाग के एकीकरण में सिंचाई विभाग एक बड़ा विभाग है और इसके अधिकारियों, कर्मचारियों के हितों को किसी भी सूरत में प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। सिंचाई विभाग के वर्तमान एड्रेस पिक्चर में कोई कमी नहीं की जाएगी।

उक्त बात प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने यमुना कॉलोनी स्थित अधिकारी क्लब मैं आयोजित उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के द्वादश महाअधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि कहीं। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग प्रदेश का ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश का आजादी के समय से ही सबसे महत्वपूर्ण विभाग रहा है 70 और 80 के दशक में पूरे देश में कई जला से वह जल विद्युत परियोजना सिंचाई विभाग के द्वारा ही बनाई गई जिससे क्षेत्र में हरित क्रांति आने के साथ-साथ देश आत्मनिर्भर बना।

उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के द्वादश अधिवेशन में 22 विषयों पर आधारित मांग पत्र की अधिकांश मांगों सहमति जताते हैं हुए प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस मांगों पर भी शीघ्र विचार किया जाएगा। सिंचाई विभाग के कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों, इंजीनियरों और विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए सिंचाई मंत्री ने कहा कि सिंचाई विभाग के पास योजनाओं की कमी नहीं रहने दी जाएगी।हमारा प्रयास होगा कि अधिकारियों की बैठक बुलाकर इस संबंध में दीर्घकालीन नीति बनाई जाए।

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उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग को पर्यटन से जोड़कर नई-नई योजनाएं तैयार की जाएंगी और इन योजनाओं को सिंचाई विभाग से संपादित करवाये जाने पर विचार किया जाएगा। सचिव सिंचाई व विभाग के अधिकारी, अन्य ऐसे विभाग जहां निर्माण कार्य हेतु इंजीनियरिंग कैडर स्ट्रक्चर नहीं है उन विभागों के काम सिंचाई विभाग से कराए जाने के लिए दोनों विभागों में समन्वय स्थापित कराने का प्रयास किया जाएगा।

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सिंचाई मंत्री श्री महाराज ने कहा कि सिंचाई विभाग में खाली पड़े कनिष्ठ अभियंता व सहायक अभियंता के पदों पर शीघ्र भर्ती की जाएगी। वर्तमान में लोक सेवा आयोग से निकली भर्ती के साथ इन रिक्त पदों को जोड़ने के लिए सचिव सिंचाई अपने स्तर से कार्यवाही करेंगे।

केदारनाथ धाम, नमामि गंगे योजना में घाटों के निर्माण एवं कुंभ मेला आदि में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए सिंचाई मंत्री ने विभाग के इंजीनियरों को बधाई देते हुए कहा कि ट्रांसफर एक्ट की खामियों को दूर करने के लिए सचिव सिंचाई संगठन के पदाधिकारियों के साथ शीघ्र बैठक की जाएगी इसमें कर्मचारियों को अनिवार्य स्थानांतरण में दुर्गम से दुर्गम विकल्प देने का प्रावधान किया जाएगा।

सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विभाग में कई कर्मचारी गंभीर बीमारियों के चलते अपनी तकलीफ को साझा नहीं कर पाते इसलिए सिंचाई विभाग के सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को दुख तकलीफ के समय एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। सभी लोग आपस में तालमेल बनाकर विभागीय कार्यों को करें ताकि विभाग में स्वच्छ वातावरण के साथ साथ कार्य संस्कृति का निर्माण हो सके।

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इस अवसर पर सिंचाई विभाग के संयुक्त सचिव जे.एल. शर्मा, प्रमुख अभियंता मुकेश मोहन, मुख्य अभियंता एवं संरक्षक एम. एल. नौटियाल, संघ के अध्यक्ष भरत सिंह डांगी, महासचिव अनिल सिंह पंवार, निवर्तमान अध्यक्ष हरीश नौटियाल, महासंघ के अध्यक्ष एस.एस. चौहान, महासचिव मुकेश रतूड़ी, वी.के. डंगवाल, कैलाश उनियाल, महिपाल सिंह डोभाल, मुकेश बहुगुणा, आनंद सिंह नेगी सहित विभागीय कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी व इंजीनियर उपस्थित थे।

 

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