मिलेट्स के प्रति सरकार की पहल पूरे भारतवर्ष में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रही है- विकास कुमार

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-मिलेट्स को अपनाकर हम स्वस्थ जीवन के साथ-साथ स्वरोजगार, किसानों का कल्याण एवं ग्रामीण महिलाओं को रोजगार दे सकते हैं।

-मिलेट्स को अपने आहार में संतुलित मात्रा में लाकर हम हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और मोटापे के जोखिम को कम कर सकते हैं।

प्राचीन काल में हमारा पुराना खान-पान चिकित्सकीय गुणों से युक्त था लेकिन लाइफस्टाइल बदलने से हमारा खान-पान भी बदल गया। हमारी नई समाजिक संस्कृति ने बदलते परिवेश में अपने आहार को पूर्ण रूप से बदल लिया है। रेडी टू ईट खाना, डिब्बा बंद प्रिजर्वेटिव आहार, विभिन्न प्रकार के रसायनों से भरपूर रंग-बिरंगे आधुनिक वसा युक्त भोजन एवं मिलावटी खाना आज हमारे घर में अपना पैठ बना चुका है एवं हम इन सभी नुकसान देने वाले भोजन को दिन-रात खाते रहते हैं जिसके कारण अनंत बीमारियां अब हमें जकड़ लिया है। इस आधुनिक युग में जितना समय लोग अपने जीवन काल में पैसे कमाने और उसे बचत करने में लगाते हैं उससे कहीं ज्यादा अब लोग अपने स्वास्थ्य में खर्च करते हैं और आप यह देख सकते हैं कि अब भारत में हर तरफ बड़े-बड़े अस्पताल, स्वास्थ्य जांच केंद्र, दवाइयों एवं औषधियों के दुकाने खुल चुके हैं जहां लोग स्वस्थ जीवन व्यतीत करने के लिए पानी की तरह पैसे खर्च कर रहे हैं और स्वास्थ्य सुविधा का लाभ ले रहे हैं। यह परिस्थिति समृद्धि की निशानी तो कतई नहीं है।

भारत सरकार ने मिलेट्स के प्रति जो जागरूकता अभियान चलाना शुरु किया है यह एक दूरगामी परिणाम देने वाला अभियान है एवं आने वाले दिनों में यह एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है जिस तरह से लोगों में अब मिनट के प्रति जागरूकता आ रही है। वह लोगों को पुनः मिलेट्स की ओर आकर्षित कर रही है। यह चिकित्सकीय गुणों से युक्त होते हैं ! लोग अब धीरे-धीरे पुराने खान-पान की तरफ लौटने लगे हैं। पुराने खान-पान में मिलेट्स की मात्रा भरपूर होती थी, लेकिन शार्टकट खान-पान के चक्कर में वक्त के साथ-साथ इनसे दूर होने लगे। मिलेट्स के प्रति लोगों में अब जागरूकता बढ़ी है।

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भारत में दो वर्गों के मोटे अनाज उगाए जाते हैं। प्रमुख मोटे अनाज में ज्वार , बाजरा और रागी शामिल हैं, जबकि अन्य मोटे अनाज में कंगनी, कुटकी , कोदो , वरिगा/पुनर्वा और साँवा शामिल हैं।

मिलेट्स छोटी बीज वाली घासों का एक समूह है जो अफ्रीका, एशिया और भारत सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में उगाई और खाई जाती है। वे कई सदियों से मुख्य भोजन रहे हैं और प्रसंस्कृत अनाज के स्वस्थ विकल्प के रूप में लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं। मिलेट्स पोषक तत्वों की एक विस्तृत श्रृंखला से भरा होता है और कई तरह से स्वास्थ्य को लाभ प्रदान करता है। इस लेख में हम मिलेट्स के कुछ फायदों के बारे में जानेंगे।

पोषक तत्वों से भरपूर

मिलेट्स फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिज जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। वे कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत हैं, जो उन्हें एक उत्कृष्ट ऊर्जा स्रोत बनाते हैं। बाजरा वसा और लस मुक्त में भी कम होता है, जिससे वे सीलिएक रोग या लस असहिष्णुता वाले लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बन जाते हैं।

कोलेस्ट्रॉल कम करता है

मिलेट्स में घुलनशील फाइबर होता है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। फाइबर पाचन तंत्र में कोलेस्ट्रॉल के साथ बांधता है और इसे शरीर से बाहर निकालता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है।

पाचन में सहायता करता है

मिलेट्स अघुलनशील फाइबर का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है। अघुलनशील फाइबर मल में बल्क जोड़ता है, आंतों से गुजरना आसान बनाता है, कब्ज को रोकता है, और कोलन कैंसर के खतरे को कम करता है।

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वजन घटाने में मदद करता है

मिलेट्स कैलोरी में कम और फाइबर में उच्च होता है, जो वजन घटाने को बढ़ावा देने में मदद करता है। मिलेट्स में मौजूद फाइबर आपको अधिक समय तक पेट को भरा रखने में मदद करता है, जिससे अधिक खाना खाने की इच्छा कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त, मिलेट्स एक कम-ग्लाइसेमिक-इंडेक्स भोजन है, जिसका अर्थ है कि वे धीरे-धीरे रक्तप्रवाह में चीनी छोड़ते हैं, जिससे रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि को रोका जा सकता है जिससे क्रेविंग हो सकती है।

मधुमेह के लिए अच्छा है

मिलेट्स जटिल कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत है जो धीरे-धीरे पचता है, रक्त शर्करा के स्तर में अचानक स्पाइक्स के जोखिम को कम करता है। मिलेट्स में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे यह मधुमेह वाले लोगों के लिए एक उत्कृष्ट भोजन बन जाता है।

कैंसर के खतरे को कम करता है

मिलेट्स में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो शरीर से हानिकारक मुक्त कणों को खत्म करने में मदद करते हैं जो सेल को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं। मिलेट्स में फाइटोन्यूट्रिएंट्स में कैंसर रोधी गुण भी होते हैं जो कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।

हड्डी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है

मिलेट्स कैल्शियम और मैग्नीशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक खनिज हैं। वे हड्डियों को मजबूत करने, ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने और समग्र हड्डी स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

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मिलेट्स अत्यधिक पौष्टिक भोजन है जो कई तरह से स्वास्थ्य को लाभ प्रदान करता है। वे फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं, और हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और मोटापे के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। मिलेट्स बहुमुखी भी हैं और व्यंजनों की एक विस्तृत श्रृंखला में इसका उपयोग किया जा सकता है, जिससे वे किसी भी स्वस्थ आहार के लिए एक उत्कृष्ट जोड़ बन जाते हैं।

मिलेट्स के सभी प्रजाति के अनाज को उगने के लिए पानी की निम्न जरूरत होती है जिससे उनकी पैदावार बंजर भूमि पर भी थोड़े ही पानी के सिंचाई से फसल अत्यधिक मात्रा में हो जाती है। मिलेट्स के प्रति जागरूकता गांव के किसानों को बहुत प्रभावित कर रहा है एवं अब गांव के दूरदराज में रहने वाले किसान भी इसके फसल को पुनः उगाना शुरू कर दिए हैं। ग्रामीण महिलाओं को मिलेट्स के माध्यम से अनेक प्रकार के रोजगार मिल सकते हैं एवं अपने गांव में इसकी खेती करने के साथ-साथ मिलेट्स के साबुत अनाज विभिन्न प्रकार के आटा, बिस्किट एवं अन्य पारंपरिक पकवान बनाकर उसे बाजार में उपलब्ध करा सकते हैं, यह स्वरोजगार एवं रोजगार को बढ़ावा देगा एवं सैकड़ों साल पहले के जो मोटे अनाज को खाने वाली परंपरा थी उसे पुनः एक बार हमारे समाज में विस्तार पूर्वक से प्रचलन में लाया जा सकता है।

लेखक के बारे में…

लेखक विकास कुमार एक जनसंपर्क प्रोफेशनल हैं एवं उन्हें एक दशक से ऊपर का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ काम करने का अनुभव प्राप्त है। विकास कुमार उत्तराखंड में मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए “प्योर ग्रेनरी” द ट्रेजर ऑफ हिमालया, स्टार्टअप्स के फाउंडिंग पार्टनर्स भी हैं।

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