- गुरूनानक पब्लिक इंटर कॉलेज परिसर में लगी है 7 दिवसीय प्रदर्शनी, देशभर के खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों के लगे हैं 70 से ज्यादा स्टॉल.
- ग्रामीण भारत को ‘नयी शक्ति’ देने के लिए केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने उत्तराखंड के कारीगरों को बांटे 700 मशीनरी और टूलकिट.
- केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा, ‘मोदी सरकार की गारंटी’ से खादी बनी ‘ग्लोबल ब्रांड’.
देहरादून: खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार ने देहरादून के रेस कोर्स के गुरूनानक पब्लिक इंटर कॉलेज परिसर स्थित खेल के मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय पीएमईजीपी प्रदर्शनी का उद्घघाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखंड के ग्रामीण कारीगरों को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘आत्मनिर्भर और विकसित भारत अभियान’ से जोड़ने के लिए ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत 700 मशीनरी और टूलकिट का वितरण भी किया। राज्य स्तरीय खादी प्रदर्शनी में बिहार, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल व जम्मू-कश्मीर के करीब 72 स्टॉल लगे हैं, जहां पर खादी और ग्रामोद्योग से जुड़े उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। प्रदर्शनी 19 फरवरी तक चलेगी। कार्यक्रम में देहरादून की राजपुर सीट से विधायक खजान दास उपस्थित रहे।
वितरण कार्यक्रम के दौरान कुम्हार सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत 80 कुम्हारों को विद्युत चालित चाक, 50 मधुमक्खी पालकों को 500 मधुमक्खी बक्से, 50 कारीगरों को फुटवियर रिपेयरिंग टूलकिट, 20 प्लंबर को टूलकिट, 20 इलेक्ट्रिशियन को टूलकिट, 20 कारीगरों को फल प्रशोधन मशीनरी एवं टूलकिट तथा 10 पेपर प्लेट एवं दोना पत्तल मशीनरी एवं टूलकिट प्रदान किया गया। लाभार्थियों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और प्रयासों से कारीगरों को आधुनिक ट्रेनिंग और टूलकिट प्रदान किया जा रहा है। केवीआईसी ग्रामीण कारीगरों को आधुनिक बनाने के साथ-साथ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत अभियान’ से भी जोड़ रहा है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने अभी तक 27 हजार से अधिक कुम्हार भाइयों और बहनों को विद्युत चालित चॉक का वितरण किया है, जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसी योजना के तहत 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी का वितरण किया गया है, जबकि हनी मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक 20,000 लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक हनी बी-बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया गया है। इस योजना के अंतर्गत उत्तराखंड में पिछले तीन वर्षों में 1100 मधुमक्खी बॉक्सों का वितरण किया गया है।
कारीगरों से अपने विचार साझा करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि मोदी सरकार की गारंटी ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की ग्लोबल ब्रांडिग की है। पिछले 9 वर्षों में ‘नये भारत की नयी खादी’ ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नयी दिशा दी है। जिसके परिणाम स्वरूप इस कालखंड में खादी उत्पादों की बिक्री में चार गुना से अधिक की बिक्री दर्ज की गई है। खादी की उत्पादन और बिक्री बढ़ने से ग्रामीण भारत के कारीगर आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं। उन्होंने आगे बताया है कारीगरों की पारिश्रमिक में पिछले 9 वर्षों में 233 फीसदी से अधिक की वृद्धि ने कारीगरों को खादी के काम की ओर आकर्षित किया है।
केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने आगे कहा कि उत्तराखंड में खादी की 40 संस्थाएं कार्यरत हैं। इसके माध्यम से यहां पर करीब 11 हजार से अधिक खादी कारीगरों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। इसी तरह से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखंड में पिछले तीन वर्षों में 5888 नयी इकाइयों की स्थापना की गयी जिससे 47,104 नये रोजगार का सृजन हुआ है। पीएमईजीपी के तरह उत्तराखंड में पिछले तीन वर्षों में 131.52 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण भारत सरकार ने किया है।
इस अवसर पर केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल‘ और ‘मेक इन इंडिया‘ मंत्र ने खादी को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है। पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि इस दौरान 9.50 लाख से अधिक नये रोजगार का सृजन हुआ है। वितरण कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों समेत बैंकों के प्रतिनिधि, केवीआईसी और उत्तराखंड सरकार के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।