ऋषिकेश – विद्युत क्षेत्र की अग्रणी और प्रतिष्ठित पीएसयू, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन विभाग (GoMWRD) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर माननीय उप मुख्यमंत्री, गृह, कानून और न्याय, जल संसाधन और लाभ क्षेत्र विकास, आवास, ऊर्जा, प्रोटोकॉल, मंत्री, महाराष्ट्र सरकार, श्री देवेन्द्र फडणवीस की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत महाराष्ट्र में छह पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (PSPs) के माध्यम से पंप स्टोरेज ऊर्जा का विकास किया जाएगा, जिसकी कुल क्षमता 6,790 मेगावाट होगी और इसमें 33,600 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्तावित निवेश शामिल है। श्री फडणवीस ने इस ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर करने के लिए टीएचडीसीआईएल के प्रबंधन को हार्दिक बधाई दी तथा परियोजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन और शीघ्र पूरा होने को सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया।
इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य डेवलपर को सर्वेक्षण, जांच, और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPRs) तैयार करने में सहायता करना है, साथ ही केंद्रीय और राज्य सरकार की मौजूदा नीतियों, योजनाओं और नियमों का पालन करते हुए समयबद्ध तरीके से इन परियोजनाओं को स्थापित करने में सुविधा प्रदान करना है।
श्री आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल ने इस ऐतिहासिक समझौते पर शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह देश के उर्जा प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता का महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के माध्यम से टीएचडीसीआईएल को महाराष्ट्र राज्य में पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) की अप्रयुक्त क्षमता का विकास करने में मदद मिलेगी।
श्री विश्नोई ने इस बात पर प्रकाश डालते हुए यह भी बताया कि टीएचडीसीआईएल भारत की सबसे बड़ी सीपीएसई (CPSE) परियोजना, 1000 मेगावाट के टिहरी पीएसपी (PSP) के संचालन के करीब है जो कंपनी की अत्याधुनिक हाइड्रो परियोजनाओं को विकसित करने में विशेषज्ञता को दर्शाता है। इस एमओयू के तहत छह योजनाबद्ध परियोजनाओं में मालशेज घाट पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट (700 मेगावाट), अरुणा पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट (1950 मेगावाट), खराड़ी पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट (1250 मेगावाट), हम्बरली बिरमानी पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट (1000 मेगावाट), अरुणा कोलंब पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट (1200 मेगावाट) और मोरावाड़ी मजारेवाड़ी पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट (690 MW) शामिल हैं | इस समझौते पर हस्ताक्षर, महाराष्ट्र की ऊर्जा अवसंरचना में एक महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत देते हैं और राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।
श्री विश्नोई ने यह भी बताया कि एमओयू टीएचडीसीआईएल और जीओएमडब्ल्यूआरडी (GoMWRD) के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों को निर्धारित करता है। इस सहयोग के तहत, जीओएमडब्ल्यूआरडी (GoMWRD) टीएचडीसीआईएल से प्राप्त आवेदनों के बाद परियोजनाओं के लिए आवश्यक जल आवंटन की प्रक्रिया में सहायता करेगा, जिसमें प्रारंभिक भराई और वार्षिक उपभोक्ता आवश्यकताएं शामिल हैं। इसके बदले में, टीएचडीसीआईएल प्रत्येक परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करेगा और इन्हें केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) और जीओएमडब्ल्यूआरडी (GoMWRD) को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेगा।
इन परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की ओर से निदेशक (कार्मिक), श्री शैलेन्द्र सिंह और महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री दीपक कुमार ने हस्ताक्षर किए। इस समझौते से महाराष्ट्र की ऊर्जा प्रणाली में उन्नति होगी और टीएचडीसीआईएल की नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार की योजना को समर्थन मिलेगा।
उक्त समझौते में यह भी कहा गया है कि राज्य मौजूदा नीतियों के अनुसार समय पर मंजूरी और अनुमोदन प्राप्त करने में टीएचडीसीआईएल की सहायता करेगा। टीएचडीसीआईएल विभिन्न विभागों में आवेदन करने के लिए जिम्मेदारी का निर्वहन करेगा और इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जल संसाधन मंत्रालय को सूचित करेगा।
श्री विश्नोई ने आगे बताया कि इन परियोजनाओं के पूरा होने पर क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। इससे इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और परियोजनाओं के निर्माण के दौरान सालाना आधार पर लगभग 30 लाख मानव घंटे प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है, साथ ही कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे व्यापक सेवा क्षेत्र को समर्थन मिलेगा।
टीएचडीसीआईएल के निदेशक (कार्मिक), श्री शैलेंद्र सिंह ने इस समझौता ज्ञापन से महाराष्ट्र के ऊर्जा परिदृश्य पर पड़ने वाले परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह समझौता ज्ञापन टीएचडीसीआईएल और महाराष्ट्र राज्य दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल हमारे ऊर्जा बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता है, बल्कि सतत और नवीकरणीय ऊर्जा विकास के हमारे साझा दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
श्री सिंह ने छह पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “इन छह महत्वपूर्ण पीएसपी के विकास से न केवल महाराष्ट्र के पावर ग्रिड की विश्वसनीयता और स्थिरता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, बल्कि राज्य के अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने के प्रयासों में भी योगदान मिलेगा।
जीओएमडब्ल्यूआरडी (GoMWRD) के साथ सहयोग सुनिश्चित करता है कि हम राज्य की नीतियों के अनुरूप कार्यरत हैं और टीएचडीसीआईएल (THDCIL) इन परियोजनाओं के सफल निष्पादन के लिए एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया की सुविधा प्रदान करेगा।”