नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर हाईकोर्ट की कड़ी फटकार

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नैनीताल। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से जुड़े मामले में आज कोई फैसला नहीं हो सका। अब इस पर अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी नरेंद्र और जस्टिस आलोक मेहरा की खंडपीठ इस प्रकरण की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान गायब चल रहे पांच जिला पंचायत सदस्यों पर सख्त टिप्पणी की गई। कोर्ट ने इस बात पर नाराज़गी जताई कि अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि आरोपियों का लगातार फरार रहना और पुलिस का उन्हें पकड़ने में असफल होना बेहद गंभीर विषय है।
नैनीताल के कप्तान को अदालत ने कठोर फटकार लगाई। इस पर कप्तान ने आश्वासन दिया कि सभी फरार जिला पंचायत सदस्यों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एसएसपी नैनीताल पीएस मीणा पर भी कड़े सवाल खड़े किए। अदालत ने पूछा कि जिले में हिस्ट्रीशीटर हथियारों के साथ खुलेआम कैसे घूम रहे थे। कोर्ट ने यहां तक टिप्पणी की कि एसएसपी का तत्काल ट्रांसफर किया जाए। एडवोकेट जनरल ने अदालत में स्वीकार किया कि इस मामले में नैनीताल पुलिस से चूक हुई है। उन्होंने एसएसपी को एक मौका देने का आग्रह किया, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि अब वह एसएसपी पर विश्वास खो चुका है। कोर्ट ने जिलाधिकारी (डीएम) और एसएसपी नैनीताल को मामले से जुड़े तथ्यों पर शपथपत्र (एफिडेविट) दाखिल करने का आदेश दिया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल के चुनाव में हुए बवाल पर पूरे प्रदेश की निगाहें हैं। मामले में बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। मामले में आज नैनीताल हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होनी है। सुनवाई से पहले पुलिस और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में नजर आ रहा है। सुबह से ही नैनीताल शहर में पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाए हुई है। हाईकोर्ट की ओर आने-जाने वाले मार्गों पर वाहनों की कड़ी चेकिंग की जा रही है। संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
सुरक्षा के दृष्टिगत बाहरी जिलों से आने वाले लोगों की भी पहचान की जा रही है। कोर्ट परिसर और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। जिला पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों ने घटित घटना और विरोधियों ने लगाए गए आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। इसे देखते हुए प्रशासन ने शहर में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। दोनों दल एक-दूसरे पर सदस्यों के अपहरण और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। शहर में सुरक्षा माहौल देखते हुए आमजन से भी शांति और सहयोग की अपील की गई है। बता दें कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर मतदान के दौरान हंगामा हो गया था। इस दौरान कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि उनके समर्थित 5 जिला पंचायत सदस्यों का हथियारों के बल पर अपहरण कर लिया गया है। जिसके बाद ये मामला हाईकोर्ट की चौखट पर पहुंच गया था। पूरे मामले में हाईकोर्ट ने चुनाव को स्थगित करने का आदेश दिया था।
जिलाधिकारी वंदना का कहना था कि उन्होंने मतदान के बाद मतगणना भी कराई है, लेकिन परिणाम घोषित नहीं किया है, जो कोर्ट के आदेश पर किया जाएगा। जिसके बाद आज पूरे मामले में हाईकोर्ट फिर सुनवाई करेगा। वहीं इस पूरे मामले में बीते दिन जिला पंचायत सदस्यों ने एक वीडियो जारी किया था। जिसमें उन्होंने अपहरण की बात से साफ इनकार किया था और अपनी मर्जी से घूमने के लिए निकलने की बात कही थी। साथ ही सभी के सुरक्षित होने की बात भी कही थी। जिसके बाद इस मामले में नया मोड़ आ गया था।
मामले में बीते दिनों नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने धरना प्रदर्शन भी किया था। जिसके बाद भाजपा प्रत्याशी दीपा दर्मवाल की तहरीर पर पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश, खटीमा विधायक व उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी और पूर्व विधायक संजीव आर्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दीपा दर्मवाल ने आरोप लगाया कि 14 अगस्त को वो जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ रही थी, इस दौरान उनके साथ 4 जिला पंजायत सदस्य मतदान केंद्र पहुंचे थे। आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने कुछ अज्ञात लोगों के साथ मिलकर उन्हें रोका गया। जिसके बाद मारपीट कर और उनके सदस्यों को गायब करने की कोशिश का आरोप लगाया।

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