-अटल आयुष्मान योजना को इंश्योरेंस मोड पर व गोल्डन कार्ड योजना हाइब्रिड मोड में होगी संचालित
-उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा सेवा नियमावली में किया गया संसोधन
-एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए उम्र को 50 साल से बढ़कर 62 किया गया
देहरादून। राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 11 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इनमें मुख्य रूप से चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव रहे जिन पर मंत्रिमंडल ने सहमति जता दी है। राज्य में संचालित अटल आयुष्मान योजना और गोल्डन कार्ड योजना को लेकर निर्णय लिया गया है। इसके तहत अटल आयुष्मान योजना को इंश्योरेंस मोड पर और गोल्डन कार्ड योजना हाइब्रिड मोड में संचालित की जाएगी। इसके साथ ही राज्य सरकार ने नेचुरल गैस पर लिए जाने वाले वैट की दर को 20 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट बैठक के बाद प्रमुख सचिव आवास विभाग आर मीनाक्षी सुंदरम ने महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि नेचुरल गैस पर वैट की दर को 20 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया जिससे कि हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिल सके और प्रदूषण पर नियंत्रण हो सके। धराली आपदा प्रभावित क्षेत्रों से सेब की खरीद उद्यान विभाग करेगा जिसकी मंजूरी कैबिनेट ने दी है। उद्यान विभाग 51 रुपए प्रति किलो की दर से रॉयल डिलीशियस सेब और 45 रुपए की दर से रेड डिलीशियस सेब की खरीदारी करेगा।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि संस्कृति विभाग के तहत उत्तराखंड में वृद्ध विभिन्न कलाकारों एवं लेखकों को मिलने वाली मासिक पेंशन की धनराशि को 3000 से बढ़कर 6000 किया गया जिसक पर कैबिनेट ने मंजूरी दी है। आवास विभाग में ईज़ ऑफ डूइंग के तहत भारत सरकार ने जो डायरेक्शन दिए थे, उसके तहत जो निम्न जोखिम वाले भवन हैं, वो अब एंपैनल आर्किटेक्ट के स्वप्रमाणित कर पास करवा सकते हैं। यह प्रस्ताव विचलन से पारित हो गया था। ऐसे में मंत्रिमंडल ने इस पर सहमति जता दी है। कंप्लायंस बर्डेन को कम करने के लिए साथ ही व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए नियमों में संशोधन किये गए थे। जिसके तहत एमएसएमई यूनिट और इंडस्ट्री यूनिट के ग्राउंड कवरेज को बढ़ाया गया है। रेशा विकास परिषद के ढांचे में संशोधन किया गया है। तकनीकी प्रवृत्ति के स्टाफ, अब ऑप्शनल के बजाय आउटसोर्स के जरिए रखे जाएंगे। साथ ही सिंचाई और पीडब्ल्यूडी के वर्ग चार्ज कर्मचारियों की वर्क चार्ज सेवा अवधि को पेंशन के लिए गणना करने का निर्णय लिया गया है। उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा सेवा संशोधन नियमावली, 2025 के प्रख्यापन को मंजूरी मिली है। एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए उम्र को 50 साल से बढ़कर 62 किया गया है। स्वामी राम कैंसर हॉस्पिटल में चार पदों का सृजन किया गया है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में समान काम- समान वेतन के मामले को उप समिति को रेफर किया गया है, जो डॉक्टर दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्र में काम कर रहे स्पेशलिस्ट क्लीनिकल डॉक्टर्स हैं, उनको 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता दिया जाएगा।
उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा सेवा संशोधन नियमावली, 2025 के प्रख्यापन को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही अटल आयुष्मान योजना एवं आयुष्मान योजना और गोल्डन कार्ड योजना को लेकर निर्णय लिया गया है। अटल आयुष्मान योजना इंश्योरेंस मोड पर संचालित की जाएगी। गोल्डन कार्ड योजना हाइब्रिड मोड में संचालित की जाएगी। 5 लाख से नीचे वाले क्लेम के लिए इंश्योरेंस मोड संचालित किया जाएगा। 5 लाख से ऊपर क्लेम ट्रस्ट मोड पर संचालित किया जाएगा। ट्रस्ट में कर्मचारियों की ओर से दिए जाने वाले अंशदान में करीब 250 से 450 रुपए तक की बढ़ोतरी होगी।
प्रदेश में अब छोटे और एवं निम्न जोखिम वाले भवनों का नक्शा पास करवाने के लिए विकास प्राधिकरण के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब छोटे और एवं निम्न जोखिम वाले भवनों का नक्शा थर्ड पार्टी से ही पास करवा सकेंगे। इसके लिए भारत सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत सभी राज्यों को निर्देश जारी किए थे। ऐसे में राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत अधीन भवन मानचित्र स्वीकृत की प्रक्रिया में संशोधन किये जाने की व्यवस्था को धामी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। लिहाजा, अब ऐसे भवन, जो भवन निम्न जोखिम वाले यानी सिंगल रेसिडेंशियल हाउस, छोटे व्यवसाय भवन है उन भवनो को इंपैनल आर्किटेक्चर ने स्वप्रमाणित करते हुए नक्शा पास कराए जा सकते हैं। इसके तहत सम्बन्धित निर्माणकर्ता की ओर से भवन का निर्माण व पुनर्निर्माण के आवेदन के साथ एससी-1, एससी-2 फार्म सहित सभी अभिलेख सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अनुमोदन के लिए सूचना प्रस्तुत करेगा कि भवन प्लान न्यून जोखिम श्रेणी के भवन के रूप में इंपैनल आर्किटेक्चर द्वारा स्वप्रमाणित किया गया है। जिसमें सभी प्रकार के शुल्क भी देना होगा।
सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा आवास विभाग में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत भारत सरकार ने सभी राज्यों को कुछ डायरेक्शन जारी किए थे। जिसके तहत निम्न जोखिम वाले भवन यानी सिंगल रेसिडेंशियल हाउस या छोटे व्यवसाय भवन के लिए प्राधिकरण में इंपैनल आर्किटेक्चर द्वारा स्वप्रमाणित करते हुए पास करवा सकते हैं। ऐसे में अब निम्न जोखिम वाले भवनों का नक्शा बनवाकर विकास प्राधिकरण से पास करवाने की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए एक विकल्प शामिल किया गया है। यानी उत्तराखंड सरकार ने थर्ड पार्टी नक्शा अप्रूवल को सहमति दे दी है। ऐसे में भवन स्वामी निम्मी जोखिम वाले भवन के लिए विकास प्राधिकरण या फिर थर्ड पार्टी से भी नक्शा पास करवा सकते हैं।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने हाल ही में विचलन के जरिए उत्तराखण्ड सामान्य औद्योगिक विकास नियंत्रण (संशोधन) विनियमावली, 2025 को लागू करने का निर्णय लिया था। ऐसे में 24 दिसंबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान इस निर्णय की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। दरअसल, कंप्लायंस बर्डन को कम करने, व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के साथ ही इसे और अधिक स्पष्ट करने के लिए औद्योगिक भूखण्डों के सम्बन्ध में आवश्यक संशोधन विलोपन और परिवर्द्धन की वजह से संशोधन किया गया है। इसके तहत एमएसएमई यूनिटों और इंडस्ट्री यूनिटों के ग्राउंड कवरेज को बढ़ाया गया है।









