एनडीएमए एवं एसडीएमए की निगरानी में हुआ चारधाम यात्रा के सफल संचालन एवं बेहतर आपदा प्रबन्धन को मॉक एक्साइज

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देहरादून। एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण) ने उत्तराखण्ड में 22 अपै्रल को प्रारम्भ होने वाली चारधाम यात्रा के सफल संचालन तथा राज्य में बेहतर आपदा प्रबन्धन हेतु डिजास्टर मेनेजमेंट सिस्टम को मोडिफाई करने, सभी स्टेकहोल्डर्स के बीच बेहतर समन्वय व प्रभावी कम्युनिकेशन, आधुनिकतम टेक्नॉलॉजी के अधिकाधिक इस्तेमाल, ड्रोन का उपयोग व ड्रोन सहित सभी संसाधनों की जीआईएस मैपिंग, भूकम्प जैसी आपदाओं के दौरान सेटेलाइट इमेजनरी के उपयोग, राज्य के सभी अस्पतालों को आपदाओं के दृष्टिगत अपने इमरजेंसी सिस्टम को मोडिफाई करने, अस्पतालो को अपनी सर्ज कैपिसिटी बढ़ाने, अस्पतालों को एक प्रभावी आपदा प्रबन्धन प्लान को अपनाने के सुझाव दिए है। एनडीएमए ने सुझाव दिए है कि राज्य में आपदाओं के बेहतर प्रबन्धन हेतु विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के मध्य प्रभावी कम्युनिकेशन हेतु दोतरफा संवाद को कायम करना होगा। इसके साथ ही एनडीएमए का सुझाव है कि चारधाम यात्रा के दौरान विभिन्न यात्रा रूट्स पर यात्रियों की संख्या या रियल टाइम इन्फोर्मशन को प्रत्येक 24 घण्टें में अद्यतन व प्रदर्शित किया जाना चाहिए। चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को यात्रा के दौरान संभावित स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। एनडीएमए ने आपदाओं के बेहतर प्रबन्धन हेतु एक्शन बेस्ड प्लान पर बल दिया। इसके साथ ही मूलभूत सुविधाओं वाले राहत शिविरों की पूर्व में ही व्यवस्था हेतु भी सुझाव दिए गए। चारधाम यात्रा तथा आपदाओं के प्रबन्धन के दौरान ट्रैफिक कण्ट्रोल, क्राउड मैनेजमेंट, चारो धामों के विभिन्न आपदा संभावना वाले स्थानों पर अतिरिक्त पुलों (ब्रिज) की व्यवस्था की बात भी कही गई।
राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एनडीएमए) भारत सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) द्वारा 22 अपै्रल को प्रारम्भ होने जा रही चारधाम यात्रा 2023 का सफलतापूर्वक संचालन तथा आपदा प्रबन्धन का मॉक अभ्यास गुरूवार को चमोली, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार एवं देहरादून जिलों में सफलतापूर्वक संचालन हुआ। सचिव उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण डा. रंजीत कुमार सिन्हा तथा एनडीएमए सदस्य मेजर जनरल सुधीर बहल ने राज्य प्रशासन, जिला प्रशासन, एनडीआरफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी व अन्य सम्बन्धित उच्चाधिकारियों के साथ सम्पूर्ण टेबिल टॉप अभ्यास एवं मॉक अभ्यास की समीक्षा की। मॉक अभ्यास के बाद सम्बन्धित जिला प्रशासन एवं एनडीएमए द्वारा तैनात ऑब्जर्वर से मॉक अभ्यास के दौरान गुड प्रैक्टिसिज, चुनौतियों तथा बेहतर आपदा प्रबन्धन हेतु सुझाव आमंत्रित किये गए।

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सचिव आपदा प्रबन्धन डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने अग्निजनित आपदाओं से निपटने के लिए पेयजल विभाग को राज्य में विभिन्न स्थानों पर वाटर टैंक भरने हेतु बनाये टैंकों के पुर्नद्धार हेतु तत्काल डीपीआर बनाकर शासन को भेजने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सचिव डा. सिन्हा ने सभी सम्बन्धित जिलाधिकारियों से आपदा प्रबन्धन हेतु बेहतरीन एवं आधुनिकतम संसाधनों के उपयोग की बात कही। उन्होंने आपदा प्रबन्धन में सुधार हेतु जल्द ही साइलेंट मॉक एक्साइज की भी बात की।
आज जनपद उत्तरकाशी के तहसील बड़कोट में खारादी में भूकम्प, जानकीचट्टी में भगदड़ मचने, नालूपाली में एक बस के नदी में दुर्घटनाग्रस्त होने, जनपद चमोली के जीआईसी तपोवन में भूकंप के झटके महसूस होने, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.0 थी, जोशीमठ के चटवापीपल में बस दुर्घटनाग्रस्त होने, गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर में आग लगने, जनपद टिहरी के चाचा भतीजा नरेंद्रनगर में भूस्खलन, कीर्तिनगर में बागवान के पास भूस्खलन होने से कुछ यात्रियों के फंसे होने, जनपद देहरादून के मालदेवता में सौंग नदी में 3-4 बच्चों के फंसे होने, ऋषिकेश बस स्टेंड में भगदड़ मचने, जनपद पौड़ी के तहसील श्रीनगर में डुंगरीपंथ में भूकंप के झटके महसूस होने, पौड़ी धारी देवी में भगदड़ मचने से कुछ लोगों की दबने एवं कुछ की नदी में 04 लोगों की डूबने की सूचना तथा 15 लोगों की घायल होने जैसी आपदाओं के प्रबन्धन का मॉक अभ्यास किया गया। सभी मॉक अभ्यासों में खोज एवं बचाव कार्य पूर्ण कर लिए गए। इस अवसर पर एनडीएमए के सदस्य मेजर जनरल सुधीर बहल, महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, आई.आर.एस. विशेषज्ञ वी. बी. गणनायक सहित सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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