-सभी संस्थाओं व समाज के जिम्मेदार व्यक्तियों को होना होगा एकजुट-रेखा आर्या
-ऑनलाइन सेवाओं व इन्टरनेट का अत्याधिक उपयोग है बच्चों के ऑनलाइन शोषण का बड़ा कारण-रेखा आर्या
-कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने किया एकदिवसीय ऑनलाइन बाल यौन शोषण एवं उससे सुरक्षा पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग
देहरादून – आज प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित एक दिवसीय “STATE CONSULTATION PROTECTION ON ONLINE CHILD SEXUAL ABUSE” कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की जहां कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया गया,कार्यक्रम में आये विभिन्न वक्ताओं ने ऑनलाइन बाल यौन शोषण और उससे बच्चों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में अपने विचार प्रकट किए। मुख्य अतिथि रेखा आर्या ने अपने संबोधन में कहा कि निश्चित ही आज के आधुनिक समय में बच्चे ऑनलाइन सेवाओं व इन्टरनेट के अत्याधिक उपयोग के कारण ऑनलाइन शोषण का शिकार हो रहे हैं,जो कि एक चिंतनीय विषय है,हमे बच्चों को इसके प्रति रोकने के लिए कार्य करना होगा।
मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि मेरा मानना है कि एक देश के रूप में हमें बच्चों के विरुद्ध हिंसा और यौन उत्पीडऩ के प्रति शून्य सहनशीलता की अवधारणा विकसित करनी होगी। क्योंकि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं,उनकी सुरक्षा करना हमारे परिवार, समाज और देश की सबसे अहम जिम्मेदारी है,इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए सभी संस्थाओं व समाज के जिम्मेदार व्यक्तियों को एकजुट होना होगा।उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है भले ही वह लाभदायक है लेकिन फिर भी हमारे बच्चो में कहीं न कहीं उसका दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है।साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला के आयोजन आज के समय मे नितांत जरूरी हैं ।ऐसे आयोजनों से हमारे बच्चे जो कि देश का भविष्य हैं उन्हें इसके दुष्परिणाम के बारे में पता चलता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में पूर्व DGP उत्तर प्रदेश श्री ओपी सिंह जी, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा डॉ.गीता खन्ना जी, आयोग के सदस्य श्री दीपक गुलाटी जी, सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास श्री हरिचंद सेमवाल जी,पूर्व डीजीपी उत्तराखंड श्री अनिल रतूड़ी जी,भाजयुमो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती नेहा जोशी जी सहित पुलिस अधिकारी, विभागीय अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।