बड़ी खबर अनुसूचित समाज के लोगों को उत्तराखंड प्रदेश में जाति प्रमाण पत्र बनाने में अत्यधिक कठिनाई उत्पन्न हो रही -जयपाल वाल्मीकि, राष्ट्रीय महामंत्री

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देहरादून-   जयपाल वाल्मीकि, राष्ट्रीय महामंत्री, महर्षि वाल्मीकि सेना, प्रेस को संबोधित करते हुए कहां की महर्षि वाल्मीकि सेना उत्तराखंड प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय त्रिवेंद्र सिंह रावत जी का हृदय की गहराइयों से आभार प्रकट करती है वह धन्यवाद प्रकट करती है की सरकारी विभागों में कंपनियों के माध्यम से नियुक्तियां करने पर सरकार ने रोक लगाई और उपनल के माध्यम से नियुक्ति करने का सरकार का फैसला स्वागत योग्य है जहां कंपनियों के माध्यम से कर्मचारियों का शोषण होता था और विभागीय मनमानी भी रुकेगी जबकि सरकार द्वारा पिछले वर्ष उपनल को सिविलियन के लिए भी रोजगार देने के लिए शासनादेश जारी किया था जिससे वाल्मीकि समाज, अनुसूचित समाज के बच्चों को उपनल में अपना पंजीकरण कराकर रोजगार मिलने के रास्ते खुल गए हैं महर्षि वाल्मीकि सेना प्रदेश सरकार से मांग करती है कि अनुसूचित समाज के लोगों को उत्तराखंड प्रदेश में जाति प्रमाण पत्र बनाने में अत्यधिक कठिनाई उत्पन्न हो रही है क्योंकि 1985 के अपने मकान की रजिस्ट्री, या नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में भवन कर 1985 से लागू हो की वरीयता को समाप्त कर सरकार 2003 के शासनादेश जिसमें की जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए 1985 का नियम बनाया था आप 2003 से ही प्रदेश सरकार परदेस में अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र बनाने का शासनादेश जारी करें क्योंकि प्रदेश का अनुसूचित समाज वाल्मीकि समाज जाति प्रमाण पत्र से वंचित है जाति प्रमाण पत्र के बिना इस समाज को सरकारी योजनाओं का वह आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण अप्लाई मेंट एक्सचेंज में बिना जाति प्रमाण पत्र के सामान्य मैं पंजीकरण कराना एक मजबूरी बन गई है जिससे  समाज आरक्षण के लाभ से भी वंचित   रहा है, स्थाई निवास प्रमाण पत्र 15 साल पूर्व की भी वरीयता  को समाप्त किया जाए, वहीं जहां प्रदेश में मोहल्ला स्वच्छता समिति, नाला गैंग, रात्रि गैंग के सफाई कर्मचारी पिछले कई वर्षों से इतने कम वेतन में कार्य कर रहे हैं सेना प्रदेश सरकार से यह भी मांग करती है कि उक्त कर्मचारियों को जल्द से जल्द नियमित करें नियमित करने में कहीं  सरकार को कठिनाई आ रही हो तो इन कर्मचारीयों को संविधान के तहत समान कार्य का समान वेतन दिया जाए जिससे इनके वेतन में वृद्धि हो सके 2016 में स्थानीय निकाय का ढांचा सरकार द्वारा बनाया गया था उक्त ढांचे में भी संशोधन करने की आवश्यकता है जिसके कारण रिक्त पदों पर भर्ती नहीं हो पा रही है जहां पूरे प्रदेश में 582 मलिन बस्तियों का मालिकाना हक नियमितीकरण करने के लिए तत्परता से प्रदेश सरकार निर्णय ले,

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