गुड न्यूज़ आईबीएम् ने उत्तराखंड सरकार के साथ लड़कियों की शिक्षा क्षेंत्र मे (स्टेम) योजना के लिए एम्ओयू किया ।

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देहरादून,  8  मार्च  2019:  आईबीएम (एनवाईएसई: आईबीएम) ने उत्तराखंड सरकार के शिक्षा मिशन,  “समग्र शिक्षा उत्तराखंड”  के साथ लड़कियों की शिक्षा क्षेंत्र मे  (स्टेम) योजना  की साझेदारी की घोषणा की।  इसके तहत राज्य के पांच जिलों में 130 सेकण्डरी  और हायर सेकण्डरी सरकारी  स्कूलों में ‘आईबीएम स्टेम  फॉर गर्ल्स’ कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। यह विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) के विषयों में उत्तराखंड  की करीब 25,600 छात्राओं के कौशल और करियर को आगे बढ़ाएगा। आईबीएम और उत्तराखंड राज्य सरकार के बीच ये साझेदारी तीन साल तक चलेगी जसिके तहत स्टेम  योजना  द्वारा लड़कियों और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन का साथ लिया गया है ।
भारत में तेजी से बढ़ते प्रौद्योगिकि के साथ उच्च योग्य कार्यबल की मांग भी बढ़ रही है। ’आईबीएम स्टेम   फॉर गर्ल्स’ तकनीकी क्षमताओं के साथ-साथ जीवन और आत्म-बोध कौशल का निर्माण करता है। यह  योजना आईबीएम  की कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व की एक पहल है जो मुख्य रूप से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए शिक्षा-से-कार्य और कैरियर मार्ग में सुधार के उद्देश्य शुरू की गयी है। इस योजना के तहत  लड़कियों में शिक्षा के प्रति  रुचि बढ़ाने  और सशक्तीकरण को सक्षम बनाने के लिए उन्हें डिजिटल साक्षरता, कोडिंग और प्रौद्योगिकी कौशल, 21 वीं सदी के कौशल, के बारे में प्रशिक्षित  किया जाएगा।
डॉ मुकुल कुमार सती, अपर राज्य परियोजना निदेशक – समग्र शिक्षा उत्तराखंड ने इस योजना के बारे कहते हुए  बताया  कि, ” सरकार की यह उद्देश  है कि शिक्षा के माध्यम से छात्राओं को सशक्त बनाया जाए जिससे वे करियर में सफलता प्राप्त कर सकें। समग्र शिक्षा उत्तराखंड सरकार की  आईबीएम के साथ   योजना के साझेदारी  से अपने प्रदेश  की छात्राओं को स्टेम विषयों में तकनीकी कौशल और विशेषज्ञता से लैस करने में मदद करेगी। यह उनको ऐसे जीवन-कौशलों की भी शिक्षा देगी जिससे वह अच्छी तकनीक का उपयोग करके दुनिया की चुनौतियों को हल कर सकें।”
मनोज बालाचंद्रन, अध्यक्ष, कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी, आईबीएम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, “अधिकांश उद्योगों के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन रही है और हमारे युवाओं को अपने को रोजगार प्राप्त करने लायक बनाने   के लिए प्रौद्योगिकियों  में विशेषज्ञ होना बहुत जरूरी है। इस पर भारत सरकार ने स्किल इंडिया जैसी पहल के माध्यम से शुरुआत  की है. आईबीएम छात्रों को सशक्त बनाने और भविष्य के लिए  तैयार  करने के लिए कौशल और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को  आयोजित  करने में सबसे आगे रहा है। उत्तराखंड राज्य सरकार के साथ हमारी ये साझेदारी छात्रों, विशेष रूप से छात्राओं के कौशल को बेहतर बनाने में और उनके करियर को पूरा करने में योगदान करेगी।”
मार्च 2020 में, आईबीएम ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम)) विषयों में 2 लाख से अधिक छात्राओं के कौशल और करियर को आगे बढ़ाने के लिए भारत में महत्वपूर्ण कार्य की शुरआत की थी। आईबीएम ने अब तक कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, पंजाब, बिहार, गुजरात, असम के राज्य सरकारों के साथ साझेदारी की है और अन्य राज्यों के साथ साझेदारी की योजना बनाई जा रही है।
भारत में आईबीएम की न्यू कॉलर स्किलिंग की पहल में शामिल हैं :
1)      कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के साथ उभरती प्रौद्योगिकियों में दो साल का उन्नत डिप्लोमा, जो कि 100 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में  उपलब्ध होगा और अगले तीन वर्षों में सभी 50 महिला आईटीआई में भी उपलब्ध होगा। आईबीएम कुछ छात्रों को पांच महीने तक की इंटर्नशिप भी प्रदान करेगा, जो उनको क्लाउड और एआई जैसे उभरते क्षेत्रों में अपने कौशल और समझ को बढ़ाने का अवसर देगा। वर्तमान में, दो साल का डिप्लोमा देने का कार्य इस शैक्षणिक वर्ष में शुरू करने के लिए, लगभग 40 आईटीआईस को सूचीबद्ध कर दिया गया है।
2)      भारत सरकार के साथ आईबीएम की चल रही साझेदारी में, अटल टिंकरिंग लैब्स पहल के माध्यम से युवा इनोवेटर्स को चुना जा रहा है, कुछ 4,000 मेंटर्स और 600,000 मेंटिस को एआई-पावर्ड मेंटर प्लेटफॉर्म फयदा होगा।  आईबीएम वॉटसन कॉग्निटिव इंजन के साथ विकसित प्लेटफार्म मेंटर और मेंटी की बातचीत पर नज़र रखता है और उन्हें सहायता प्रधान करता है जो इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहे होंगे। आईबीएम ने नेशनल मेंटर ऑफ़ चेंज मिशन के साथ मिलकर अब तक  2,500 मेंटर्स जिसमे 300 आईबीएम से हैं को इस प्लेटफार्म से जोड़ दिया है।
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