बड़ी खबर एक बार फिर तय हुई ‘महाप्रलय’ की तारीख, इस बार किसी पंडित ने नहीं वैज्ञानिकों ने किया दावा

367

नई दिल्ली-  साल 2000 में चारों तरफ हल्ला था कि दुनिया ख़त्म होने वाली है। हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं। उस दावे के बाद फिर से एक बार सृष्टि के खत्म होने का दावा किया गया है। इस बार ये दावा कुछ शोधकर्ताओं ने किया है। इन्होंने सृष्टि के विनाश की पूरी आशंका जताई है। इनकी जांच के मुताबिक, करीब 26 करोड़ साल पहले धरती पर पहली बार महाप्रलय आया था। जिसके बाद छह बार धरती पर सारे जीव-जंतुओं का खात्मा हो गया था। अमरीका की न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मिशेल रेम्पिनो ने एक शोध को पेश करते हुए बताया कि ऐसा फिर एक बार हो सकता है।

Also Read....  शिक्षा विभाग को कला वर्ग में मिले 789 अतिथि शिक्षक

प्रोफेसर मिशेल रेम्पिनो ने उन सभी आयामों की जांच कि जो धरती को विनाश की ओर ले जाते हैं। अपने शोध को पेश पार्टी समय प्रोफेसर ने बताया कि विनाश का कारण पर्यावरण के साथ हुए खिलवाड़ के कारण हुआ था। उसके बाद पृथ्वी पर बाढ़, महाप्रलय और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी घटनाएं हुई थीं। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद पूरी धरती पर लाखों किलोमीटर तक लावा फ़ैल गया था कई जीव-जंतु और मानव प्रजाति का विनाश हो गया था।

Also Read....  शिक्षा विभाग को कला वर्ग में मिले 789 अतिथि शिक्षक

शोध के मुताबिक, धरती का तापमान जिस तरह से बढ़ रहा है उससे महाप्रलय आ सकता है। प्रोफेसर मिशेल रेम्पिनो के मुताबिक ऐसा ही चलता रहा तो 7वीं बार धरती का विनाश होने से कोई नहीं रोक सकता। वहीं भूवैज्ञानिक ने भी महाप्रलय को लेकर एक थ्योरी पेश की उनके मुताबिक, पांच बार महाप्रलय आ चुका है। क्रम से देखा जाए तो पहला प्रलय यानी ऑर्डोविशियन (44.3 करोड़ साल पहले), लेट डेवोनियन (37 करोड़ वर्ष पहले), पर्मियन (25.2 करोड़ वर्ष पहले), ट्रायसिक (20.1 करोड़ वर्ष पहले) और क्रेटेशियस (6.6 करोड़ वर्ष पहले) घटे थे। भूवैज्ञानिक के मुताबिक, 27.2 करोड़ से लेकर 26 करोड़ वर्ष के बाद महाप्रलय आता है और अब ये समय पूरा होने वाला है।

Also Read....  शिक्षा विभाग को कला वर्ग में मिले 789 अतिथि शिक्षक

LEAVE A REPLY