मुम्बई में तीन दिवसीय इंटरनेशनल ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) का हुआ शुभारंभ

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मुम्बई/देहरादून –   तीन दिवसीय इंटरनेशनल ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) का बुद्धवार को

माया नगरी मुम्बई में प्रदेश के पर्यटन मंत्री  सतपाल महाराज
और महाराष्ट्र की पर्यटन राज्य मंत्री अदिति तटकरे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया।

इंटरनेशनल ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) के तीन दिवसीय आयोजन का शुभारम्भ बुद्धवार को नेहरू तारामंडल वर्ली मुंबई में
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री  सतपाल महाराज और महाराष्ट्र की पर्यटन राज्य मंत्री अदिति तटकरे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

इंटरनेशनल ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) में 55 स्टालों, मंडपों में उत्तराखंड सहित 16 राज्यों के लगभग 108 प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। इसमें निजी होटल, ट्रेवल, एडवेंचर व्यवसायियों की ओर से स्टॉल लगाए गए हैं।

टूरिज्म फेयर के पहले दिन ही उत्तराखंड पर्यटन के स्टॉलों पर आगंतुओं का विशेष आकर्षण बना रहा। इन स्टॉलों में योगासन, राफ्टिंग, साइकिलिंग आदि का डेमोस्टेशन भी दिया जा रहा है।

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इंटरनेशनल ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर के शुभारम्भ के अवसर पर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में विंटर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। इसको ध्यान में रखते हुए इस वर्ष भी उत्तराखंड पर्यटन पर्यटकों के लिए विशेष तैयारियों में जुटा है।

उन्होने बताया कि धार्मिक पर्यटन के साथ शीतकालीन पर्यटन और साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड पर्यटन की ओर से जिला प्रशासन के साथ मिलकर नैनीताल, भीमताल, पंगोट, मसूरी समेत कई स्थानों पर विंटर कार्निवाल आयोजित किया जाता है।

पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने कहा कि उत्तराखंड का ऑली अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ स्कीइंग के लिए भी बेहद लोकप्रिय है। जबकि ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए केदारकांता ट्रैक भी उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में ही है। ऐसे ही चकराता, नाग टिब्बा, मसूरी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ की सुंदरता देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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उत्तराखण्ड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं, जो अगले साल पुनः अप्रैल-मई में भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं। लेकिन सर्दियों के मौसम में चारों धामों के आसपास कई सुंदर पर्यटन स्थल हैं, जो देश-दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

उन्होने कहा कि सर्दियों में भगवान केदारनाथ की पूजा ऊखीमठ, बद्रीनाथ की पूजा पांडुकेश्वर, मां गंगोत्री की पूजा मुखवा और यमनोत्री की पूजा खरसाली में करते हुए श्रद्धालु व पर्यटक यहां के रमणीक दृष्यों का आनंद ले सकते हैं।

इस मौके पर उपस्थित उत्तराखंड के पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि मुंबई से हर साल लाखों पर्यटक उत्तराखंड का रूख करते हैं। कोरोनाकाल में पर्यटकों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड सरकार ने होमस्टे योजना पर तेजी से काम किया है। जहां पर्यटक अपनी आरामदायक छुट्टियां बिताने के साथ वर्क फ्रॉम होम भी कर रहे हैं।
उन्होने बताया कि बीते कुछ सालों में सरकार ने उत्तराखंड पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किया है। कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रख उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों को एक बार फिर से शुरू किया गया है।

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टूरिज्म फेयर में उत्तराखंड की पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अमृता रावत सहित उत्तराखंड के स्टॉलों का प्रतिनिधत्व करने वाले
पर्यटन के अपर निदेशक, श्री विवेक सिंह चौहान आदि अनेक लोग मौजूद थे।

 

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