कोरोना की तीसरी लहर के बीच सुप्रीम कोर्ट में अभिनव थापर की बिल वापसी हेतु जनहित याचिका पर सुनवाई।

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Dehradun – पिछले दिनों पूरे भारत मे कोरोना महामारी ने अपने पैर पसार रखे थे जिससे कोई भी अछूता नहीं रहा है। कोरोना का कहर अब फिर से पूरे देश में फैलने लगा है ।  अबतक भारत मे 3.50 करोड़ लोगों को कोरोनो हुआ जोकि पूरे विश्व मे चिंताजनक पहले स्थान पर है। कोरोना से लोगो को जान-माल हानि के साथ-साथ आर्थिक मार भी झेलनी पड़ी है , *कल भी भारत मे लगभग 1 लाख नए कोरोनो केस आए और ये लूट का खतरा आमजन पर दोबारा मंडरा सकता है ।*

कोरोनकाल में केंद्र सरकार द्वारा जून 2020 में ” प्राइवेट हस्पतालों के कोरोना मरीजों हेतु चार्ज सुनिश्चित किया गया था ” , किन्तु फिर भी कई राज्यो के मरीजों से लाखों रुपये के बिल वसूले गये, अतः इन सबके दृष्टिगत देश में कोरोना मरीजों को प्राइवेट हस्पतालों द्वारा ” अत्यधिक ख़र्च की प्रतिपूर्ति – आमजन को प्राइवेट हस्पतालों से पैसे वापसी” के लिये देहरादून निवासी अभिनव थापर की सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली में सुनवाई चल रही है जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, समस्त राज्यों व UT को जवाब तलब किया था।

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उल्लेखनीय है कि ” गाइडलाइंस में कोरोना मरीजों हेतू प्राइवेट हस्पतालों में यह चार्ज प्रतिदिन का निर्धारित था – ऑक्सिजन बेड- 8-10 हजार रुपये, आई०सी०यू०- 13-15 हजार रुपये व वेंटिलेटर बेड- 18 हजार रुपये , जिसमे PPE किट, दवाइयां, बेड, जाँच इत्यादि सब ख़र्चे युक्त थे ” किन्तु फिर भी कई राज्यो के मरीजों से लाखों रुपये के बिल वसूले गये, अतः इन सबके दृष्टिगत देश में कोरोना मरीजों को प्राइवेट हस्पतालों द्वारा ” अत्यधिक ख़र्च की प्रतिपूर्ति – आमजन को प्राइवेट हस्पतालों से पैसे वापसी” के लिये माननीय उच्चतम न्यायालय में अभिनव थापर ने जनहित याचिका दायर करी जिससे भारत के लगभग 1 करोड़ कोरोनो-पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके। माननीय सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों वाली संयुक्त पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करी।

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जनहित याचिका के अधिवक्ता दीपक कुमार शर्मा व कृष्ण बल्लभ ठाकुर ने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के नयायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ व न्यायाधीश बोपन्ना की संयुक्त पीठ ने इस याचिका के ” अत्याधिक बिल चार्ज के विषय मे गंभीर चिंता व्यक्त की तथा प्राइवेट हॉस्पिटल के अत्याधिक बिल चार्ज करने की अनियमिताओं , मरीजों को रिफंड जारी करने व पूरे देश के लिये सुनिश्चित गाइडलाइंस जारी करने विषय मे स्वास्थ्य मंत्रालय, केंद्र सरकार , सभी राज्यों व UT के जवाब आने पर सुप्रीम कोर्ट की विषय पर गंभीरता को देखते हुए जल्द ही आमजन को न्याय मिलने की उम्मीद होगी। *कुछ राज्यों ने जवाब दाखिल किये और कई राज्यों ने थोड़ा समय माँगा जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को सुनवाई का समय दिया है ।”*

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आपको अवगत करा दे कि इस विषय पर अभिनव थापर व उनके साथियों द्वारा ” *नुक्कड़ नाटकों व पर्चों ” द्वारा एक अभियान “* *लड़ाई अभी बाकी है – हिसाब अभी बाकी है”* भी चलाया जा रहा है जिससे लोगों को जागरूक कर, उनके बिल एकत्रित कर, उनके बिल प्रतिपूर्ति का विषय माननीय सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा।

कोरोना बिल एकत्रित अभियान –
*” लड़ाई अभी बाकी है – हिसाब अभी बाकी है”* की हेल्पलाइन-

उत्तराखंड के सभी कोरोना पीड़ितों के लिये हेल्पलाइन नम्बर व ईमेल जारी किया, जिसपे कोई भी निवासी अपने या अपने दोस्त/रिश्तेदारों/जानकारों के private हॉस्पिटल, दवाई के बिल, कोरोना की रिपोर्ट व डिस्चार्ज summary – whatsapp या ईमेल कर सकते है:

 

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